Friday, May 3rd, 2024 Login Here
प्रदुषित होकर अस्तित्व खो रहीं नदी के लिए सामाजिक संगठनों ने कहा- जारी रहेगी लड़ाई
मंदसौर जनसारंगी।
शिवना शुद्धिकरण को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन के बाद भी जनप्रतिनिधि-अधिकारी निष्क्रीय ही बने हुए है। सालों से सामाजिक संगठनों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई के बाद अब मामला न्यायालय में पहुंच गया है। शिवना शुद्धिकरण के मुद्दे पर न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई है। करीब बीस साल का रिकॉर्ड लेकर अभिभाषक सामाजिक संगठनों के साथ न्यायालय पहुंचे। यहां याचिका दाखिल की गई। इधर सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि यह लड़ाई लगातार जारी रहेगी।
शिवना शुद्धिकरण को लेकर करोड़ों रुपए नगरपालिका ने खर्च कर दिए। इसके बाद भी शिवना शुद्ध नहीं हो पाई। लगातार सामाजिक संगठनों के आंदोलनों के बाद भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के निष्क्रीय बने हुए है। अब मामला न्यायालय में चला गया है। शिवना शद्धिकरण को लेकर एडवोकेट प्रहलादराय गुप्ता, राधेश्याम सिखवाल, महेश मोदी, शिवरमन सिंह, महेश समंदर व सत्येंद्र सिंह सोम न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है। बुधवार को दोपहर में सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी कोर्ट पहुंचे। यहां बीस साल का रिकॉर्ड प्रस्तुत कर न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई। जिसमें नगरपालिका और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पार्टी बनाया गया है। जनहित याचिका में कई अखबार भी प्रस्तुत किए गए। जिसमें बताया गया कि प्रदूषित होती शिवना को लेकर कई बार नगरपालिका और लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग को अवगत कराया गया। अखबारों ने भी जिम्मेदारों को जगाने की कोशिश की। इसके बाद भी इस और ध्यान नहीं दिया गया।
करोड़ों कर दिए खर्च
अभिभाषक राधेश्याम सिखवाल ने बताया कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शिवना गंदगी से मुक्त नहीं हो पाई है। दिनों दिन नदी की स्थिति खराब होती जा रही है। जनप्रतिनिधियों ने इसके हित के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए हैं। सभी नागरिकों की ओर से कोर्ट में बुधवार को याचिका दायर की गई। शिवना शुद्धिकरण को लेकर पहली बार लड़ाई स्वतंत्र रूप से न्यायालय में पहुंची है। निर्मल शिवना जन अभियान के हरिशंकर शर्मा, सुनील बंसल, एम.पी. सिंह परिहार, केशव राव शिंदे, हरिनारायण धनराज धनगर, तरुण खींची, कमलेश सोनी लाला, शत्रुंजय सोनी ने नागरिकों से अपील की है कि वे शिवना के इस लड़ाई में भाग लें।
मुफ्त में लड़ेेंगे लड़ाई
याचिका एडीजे प्रथम के समक्ष प्रस्तुत की गई। अधिवक्ता 20 साल का रिकॉर्ड लेकर दोपहर 3 बजे मंदसौर के प्रत्येक नागरिक की ओर से याचिका प्रस्तुत करने पहुंचेे। अभिभाषक सिखवाल ने बताया यह शिवना एवं गांधीसागर को गंदगी से भरने का षड्यंत्र है। अब समूचे गांवों के सभी निवासियों के स्वास्थ्य की लड़ाई है। जिनको हमने इसके लिए नियुक्त किया उन्होंने अब तक किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया। आमजन के हितों की लड़ाई के लिए अधिवक्ता द्वारा फ्री लड़ाई लड़ी जाएगी।