Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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अस्पताल के बेतरतीब निर्माण में उजड़ रहीं शहर की शान, हरियाली भी हो रहीं खत्म
मंदसौर जनसारंगी।
कभी ट्रामा सेंटर जैसी सौगात के लिए भी जगह नहीं दे पाने वाले जिला अस्पताल में अब सारी खाली भूमियों पर निर्माण किया जाने लगा है वह भी बिना किसी योजना और मास्टर प्लान के जिसके कारण अस्पताल में बनें स्मृति वन और कभी शहर की शान मानी जाने वाली इमारत को भी जमीजोद करने की कवायद शुरू हो गई। जबकी एक सप्ताह बाद 23 जुलाई को ही स्मृति दिवस है इसी दिन पशुपतिनाथ मंदिर से शुरू हुए गोलीकांड में 13 लोगों की मौत हो गई थी । इन्हीं शहीदों की याद में बने स्मृति चिन्ह को जेसीबी से तोड़ दिया गया अब रजिया मंजिल को तोड़ा जाऐगा क्योंकि अस्पताल परिसर में चाइल्ड केयर व मेटरनिटी यूनिट को तैयार किया जाना है। इसके लिए पहले बनी महिला व शिशु ओपीडी को भी ध्वस्त किया जाऐगा।
स्वास्थ्य विभाग पिछले लंबे समय से मंदसौर के जिला अस्पताल में मनमाने तरीके से निर्माण किए जाने लगे है इसके लिए कोई भी मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया। जब जहां जिसकी मर्जी आई वहां निर्माण शुरू कर दिया गया इसी के चलते अस्पताल के लंबे-चैडे परिसर को पूरी तरह से खत्म किया जाने लगा है। बिना योजना के मनमाने निर्माण के कारण परिसर में आने वाले समय में कोई भी जगह खुली नहीं बचेगी। यहीं नहीं मास्टर प्लान नहीं होने के कारण पहले किए गये निर्माण को भी तोड़ा जा रहा है। ऐसे में जनता की गाड़ी कमाई को भी पानी में बहाया जा रहा है। मास्टर प्लान नहीं होने के कारण भविष्य की आवश्यकताओं को भी नजर अंदाज किया जा रहा है यहीं कारण था कि इतना बड़ा परिसर होने के बाद भी दो बार राशि स्वीकृत होने के बाद भी आज तक ट्रामा सेंटर के लिए अस्पताल में जगह नहीं मिल पाई जिसके कारण कारण महती योजना को शासन ने निरस्त कर दिया। अब चाइल्ड केयर व मेटरनिटी यूनिट के लिए कुछ सालों पहले ही बनी महिला व शिशु ओपीडी को तोड़ा जाएगा, इसके साथ ही यहां बने स्मृति वन को नेस्तनाबूद करने की तैयारी हो गई है। जेसीबी से स्मृति वन में बना स्तंभ तो तोड़ ही दिया गया है। साथ ही यहां मृतकों की स्मृति में लगाए गए पौधों को भी काट दिया है। जबकि पहले ट्रामा सेंटर निर्माण के लिए स्मृति वन को हटाने पर चर्चा हुई थी तब इसका विरोध शुरू हो गया था। अभी हाल ही में कोरोना से राहत मिलने पर अधिकारियों ने निर्माण का निरीक्षण भी किया। इस दौरान बताया कि निर्माण के लिए वर्तमान महिला व शिशु ओपीडी भवन एवं स्मृति वन को हटाना जरूरी है। विरोध नहीं हो इसके लिए प्रशासन सभी को अभी यह समझा रहा है कि स्मृति वन में लगे स्तंभ को रजिया बिल्डिंग को तोड़कर वहां बनाया जाएगा। जबकि हकीकत बिलकुल अलग है। स्मृति वन में बना हुआ स्तंभ जेसीबी से तोड़ दिया गया है। वहीं रजिया मंजिल को भी तोड़कर पार्किंग एरिया बनाया जाएगा। जबकी  मंदसौर के सुनहरे इतिहास की एक झलक रजिया मंजिल में भी दिखती थी। अपने निर्माण के समय यह शहर का खूबसूरत भवन हुआ करता था। जानकारी के अनुसार 1935 में बोहरा समाज के खान बहादुर साहब ने रजिया मंजिल का निर्माण कराया था। देश सेवा करने पर सिंधिया रियासत ने इन्हें खान बहादुर साहब व बेटे को प्रिंज का खिताब दिया था। उन्होंने जच्चा-बच्चा वार्ड व रजिया मंजिल का निर्माण कराया था। कई सालों तक इस भवन में अस्पताल का संचालन हुआ। इसमें दो कमरे बोहरा समाज की महिलाओं के लिए बुक रहते थे। बाद में अस्पताल का विकास हुआ तो सिविल सर्जन व सीएमएचओ कार्यालय संचालित हुए। बाद में सालों तक चिकित्सक व स्टाफ का परिवार यहां पर रहा।
इसके साथ ही 23 जुलाई 1983 की शाम को श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में ड्यूटी पर तैनात पुलिस आरक्षक रमेश शर्मा ने मानसिक संतुलन खोने के बाद अपनी बंदूक से गोलियां चलाना शुरू कर दी थीं। वह मंदिर में पुजारी को मारने के बाद वहां से गोली चलाते हुए घंटाघर तक आ गया था। इस दौरान पशुपतिनाथ मंदिर से सदर बाजार, मंडी गेट सहित घंटाघर तक उसने 13 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में घंटाघर पर अन्य पुलिस जवानों ने रमेश को गोली मार दी। इन मृतकों की याद में ही जिला अस्पताल परिसर में स्मृति वन बनाया व स्तंभ पर सभी मृतकों के नाम भी लिखे थे। और अब इसी स्तंभ के दो टुकड़े हो गए हैं।

सिविल सर्जन डा. डीके शर्मा ने बताया कि रजिया मंजिल भी जर्जर हो चुकी है व चाइल्ड केयर व मेटरनिटी यूनिट के लिए जगह की जरूरत है। इसलिए इसे डिस्मेंटल करेंगे। 100 बेड की यूनिट में महिलाओं व बच्चों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

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