Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर ही नहीं बल्कि पूरे मालवा अंचल में बेबाक लेखनी के सशक्त हस्ताक्षर कवि, लेखक और पत्रकार मिर्जा आबिद बेग का 19 जुलाई सोमवार की सुबह निधन हो गया ।आप का जनाजा संध्या 5 बजे शहर क्षेत्र में स्थित निवास किला दरवाजा मरद्दीन से निकलेगा और न्यायालय परिसर के निकट ही स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।
11 मई 1965 को मंदसौर में जन्मे मिर्जा आबिद बेग के पिता स्वर्गीय मिर्जा मोहम्मद बेग एक श्रमजीवी पत्रकार थे। पिताश्री ने 15 अगस्त 1976 से मंदसौर मध्यप्रदेश से हिंदी में मन्दसौर प्रहरी नामक समाचार पत्र प्रकाशन शुरू किया। पिता के सानिध्य में रहते हुए मिर्जा आबिद बेग ने कम उम्र में ही प्रिंटिंग प्रेस की बारीकियो को समझते हुए अखबार जगत कि बारीकियों को समझ लिया और देखते-देखते इस क्षेत्र में निपुणता हासिल कर मात्र 21 वर्ष की आयु में 22 जून 1986 को नई दिल्ली से प्रकाशित दैनिक जनसत्ता, इंडियन एक्सप्रेस पत्र समूह में आपका पहला लेख छपा जो फिल्मी दुनिया से संबंधित था। जिसे उस जमाने के बड़े फिल्म स्टारों ने भी पढा और समाचार पत्र जगत में काफी से सराहा गया। सन् 80 के दशक में साहित्य के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाते हुए रचनाएं लिखना शुरू की। उस समय अविभाजित मंदसौर जिले के कई दैनिक अखबारों में व स्थानीय अखबारों में उनके लेख व रचनाएं प्रकाशित हुई। हिंदी साहित्य की पहली रचना भावनाओं में बहते हुए यह सपने कैसे पूरे होंगे हमेशा सोचता हूं मैं… तुलना जब करता हूं अपनी बहुत पीछे रह जाता हूं मैं … ये पहली रचना काफी चर्चित रही। उसके बाद मुक्तक, गीत गजल, नज्म, मनकब्द, नात शरीफ आदि कई रचनाएं अनवरत रूप से लिखना जारी रखा। अभी तक करीब 300 ऐसी रचनाएं लिख चुके हैं, इसके साथ ही आप तेरा मेरा साथ, जिंदगानीया, प्यार की जंग, बड़ा बाबू आदि टीवी सीरियलो की कहानी लिख चुके हैं। सन् 1995 पिताश्री की मृत्यु के बाद दशपुर किरण नाम से मंदसौर मध्य प्रदेश से हिंदी में साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया जो सतत जारी है।
राष्ट्रवाद एवं स्वतंत्र विचारों के पक्षधर मिर्जा आबिद बेग साहित्य के क्षेत्र में अनवरत सेवाएं दे रहे थे इसी बीच जिंदगी से रूबरू उनका एक नया काव्य संग्रह प्रकाशन अधीन है।
पत्रकारिता के साथ-साथ समाज सेवा व राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे मिर्जा आबिद बैग का सोमवार की सुबह करीब 5 बजे अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया। परिजन उन्हें तत्काल पमनानी अस्पताल लेकर गए जहां हृदयाघात से आप का निधन हो गया। मिर्जा जी के निधन की खबर शहर में फैलते ही उनके चाहने वालों में शोक की लहर थी। अनेक परिचित और गणमान्य जन उनके निवास पर पहुंचे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।