Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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मानसून की देरी से परेशान किसानों को पीले और सफेद सोने के बढ़ते दामों ने दी खुशी
मंदसौर जनसारंगी।

बारिश की खेंच के बीच गुरूवार की शाम को हुई बौछारों ने राहत दी है। अब अच्छी बारिश की कामना को लेकर कल 24 जुलाई को उज्जयनी का आयोजन किया जाऐगा। उधर मानसून की देरी के कारण किसान, आमजन सभी दुखी है। बारिश का सीजन शुरू हुए एक महिने का समय बित चूका है लेकिन अभी तक 7 इंच बारिश भी पूरी नहीं हुई है। दो दिन और पानी नहीं बरसा तो किसानों की फसले पूरी तरह से खराब हो जाऐगी। हालांकि मौसम विभाग दो दिनों में बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सिस्टम तैयार होने से अच्छी बारिश की संभावना जताई है। लेकिन मौसम विभाग की अभी तक की सारी संभावनाऐ खरी नहीं उतरी है ऐसे में किसान परेशान है। ईधर मंदसौर कृषि उपज मंडी में किसानों को अपनी उपज का भरपूर दाम मिलने से खुशी भी हुई। गुरूवार को सोयाबिन के दाम अपने सर्वोच्च स्तर पर थे। लहसुन के दामों में भी तेजी थी जिससे आर्थिक नुकसान उठा रहे किसानों को राहत मिली है।
जुलाई माह बितने को है यानी बारिश का सीजन शुरू हुए एक माह बित रहा है लेकिन जिले में 7 इंच बारिश नहीं हुई है। औसत बारिश 33 इंच है। 2017- 18 में 28.11 इंच व 2020- 21 में 23.87 इंच बारिश हुई थी। यह सामान्य औसत से भी कम हुई थी। जबकि 2019 में 85.14 इंच बारिश हुई। यह 21 सालों में सबसे अधिक थी। सबसे कम 2001 में 19.15 इंच हुई थी। जिले में अब तक 6.4 इंच बारिश हुई है। इधर बुधवार को दिनभर बादल छाए रहे। दिन में गर्मी के कारण लोग परेशान होते दिखे। शाम के समय में हवा चलने से लोगों को राहत मिली। पिछले दिनों से मौसम में लगातार गिरावट देखी जा रही है। 17 जुलाई को अधिकतम तापमान 37 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि 18 व 19 जुलाई को 34 डिग्री रहा। 20 व 21 को अधिकतम तापामन 31 डिग्री दर्ज हुआ।  बारिश की कमी के कारण इंद्र देव को मनाने के लिए जिला धार्मिक उत्सव समिति की सर्व समाज एवं व्यापारी संगठनों की बैठक में कल 24 जुलाई, शनिवार को नगर व जिले के समस्त धर्मप्रेमियों से उजमनी मनाने का अनुरोध किया गया। बैठक में समिति के विनोद मेहता ने कहा कि वर्षा ऋतु में हो रहे विलम्ब से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। वर्षा न होने से किसान बंधुओं सहित जीव जंतु और आमजन परेशान हैं। समिति ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि आप और हम सब मिलकर भगवान इंद्रदेव को रिझाते हुए अपना एक दिन का व्यवसाय बंद रखकर सपरिवार कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए उजमनी के माध्यम से भगवान को भोग लगाकर मनाने का प्रयास करें। बैठक में पान विक्रेता संघ के रूपनारायण मोदी, कपड़ा एसोसिऐशन के रामलाल पटेल, रमेश खत्री, विनय जे. पारिख, पप्पू चंदवानी, चेम्बर ऑफ कामर्स के अभय डोसी, रेडिमेड एसोसिऐषन के शंकर हिरानी, पंकज आचार्य, होटल हलवाई संघ के पुष्पेन्द्र भावसार, अरूण शर्मा, गोपाल मण्डोवरा, सराफा एसोसिऐशन के उमेश पारीख, दशपुर मण्डी व्यापारी संघ के विनोद मेहता, किराना एसोसिऐशन के रत्नेश कुदार, शरद धींग, आप्टीकल एसो. के जितेश पण्ड्या, सदर बाजार व्यापारी संघ के कमलेश सिसौदिया ओमप्रकाश सामयानी, टेंट एसोसिऐशन के मंगल बैरागी आदि उपस्थित थे।
सोयाबिन और लहसुन की बंपर आवक से रोशन हो रहीं मंडी
दो साल बारिश की कमी है, एक साल अतिवृष्टि हुई जिसमें कई फसलों को नुकसान हुआ लेकिन फिर भी सोयाबिन की भरपूर आवक हुई इसी के कारण इन दिनों मंडियों में कृषि उपज की भरपूर आवक हो रहीं है। पीला और सफेद सोना यानी सोयाबिन और लहसुन के बढ़ते दामों के कारण किसान खुश है। गुरूवार को सोयाबिन साढे 8 हजार रूपऐ प्रति क्विंटल से ज्यादा तक बिकी। किसानों को अधिकतम 8560 रूपए मिले, न्यूनतम 7710 रूपए थे। मंडी में सोयाबीन के दाम तेज होने के साथ ही आवक भी अच्छी रही है। मंदसौर मंडी में गुरुवार को 3600 बोरी सोयाबीन की आवक हुई ।इसके साथ ही पिपलिया कृषि उपज मंडी और सीतामऊ में भी गुरूवार को सोयाबीन के दाम रिकार्ड पर पहुंच गए। पिपलियामंडी में सोयाबीन 8537 और सीतामऊ कृषि उपज मंडी में 8652 रुपये प्रति क्िवटल तक किसानों को दाम मिले। मंडियों में 8500 रुपये प्रति क्विंटल के रिकार्ड भाव पहले कभी नहीं हुआ है। मंडी समिति कार्यालय के अनुसार सोयाबीन के अब तक ये सबसे ऊंचे दाम हैं, जबकि एक सप्ताह पहले किसानों को सोयाबीन के दाम 6500 से 7600 रुपये तक मिल रहे हैं। एक सप्ताह में दामों में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सोयाबीन के साथ ही लहसुन की आवक और दामों में तेजी बनी हुई है। लहसुन के दाम 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो गए हैं। गुरुवार को मंदसौर मंडी में 16 हजार कट्टे लहसुन की आवक रही। किसानों को न्यूनतम 3000 से 11300 रुपये प्रति क्विंटल तक लहसुन के दाम मिले।
दो दिन बंद रहेगी मंडी
कृषि उपज मंडी सचिव पर्वतसिंह सिसोदिया ने बताया कि मंडी में 24 जुलाई को महीने का चैथा शनिवार एवं 25 जुलाई को रविवार होने से अवकाश रहेगा। इन दोनों दिनों तक किसान विक्रय के लिए अपनी उपज नहीं लाए।

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