Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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कलेक्टर के निर्देश पर सफाई शुरू हुई, कीटनाशक का छिड़काव लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में पसरी है गंदगी
मंदसौर जनसारंगी।
मंदसौर में डेंगू का खतरा अभी भी बना हुआ है, सरकारी आंकडा भले ही 374 पर ही अटका है लेकिन हकीकत में करीब दो हजार मरीज डेंगू के हो चूके है। वजह शहर में पसरी पड़ी गंदगी, भरा हुआ पानी जहां डेंगू का मच्छर पनप कर लोगों का जीवन संकट में डाल रहा है। लेकिन मलेरिया विभाग ने समय पर लार्वा सर्वे नहीं किया और ना ही नगर पालिका ने शहर में सफाई अभियान चलाया। डेंगू फैलने लगा तो कलेक्टर मनोज पुष्प ने संज्ञान लिया और शहर में विशेष सफाई के निर्देश दिए लेकिन अभी भी कई क्षेत्र है जहां समुचित रूप से सफाई नहीं हो पा रहीं है। जिसके कारण डेंगू का खतरा अभी भी बना हुआ है। इसके साथ ही मौसम में बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रहीं है। अकेले बड़े अस्पताल की ओपीडी में ही एक पखवाडे में करीब नौ हजार मरीज पहुंच चुके है इसमे केवल बुखार के मरीजों की संख्या दो हजार से ज्यादा है।
कोरोंना में मौत के आंकड़ों को जिस तरह से छुपाया गया उसी तरह डेंगू के पाॅजीटिव मरीजों की संख्या में भी हेराफेरी हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने केवल उन मरीजों को अपने आंकडों में शामिल कर लिया जो सरकारी अस्पताल में पहुंचे थे लेकिन इससे चार गुना मरीज तो निजी अस्पतालों में ईलाज करवा चुके है इसी के चलते सरकारी आंकडा 374 पर ही अटक गया है। अब डेंगे के मरीज थमने की बात भी कहीं जा रहीं है लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी डेंगू का खतरा बना हुआ है। निजी पैथालाॅजी पर हर दिन पाॅजीटिव मरीज आने की खबरे मिल रही है। निजी लेबों में जांच करवाने के लिए कई लोग पहुंच रहे हैं। जिसमें से लगभग पचास से सौ रोजाना डेंगू पॉजीटिव मरीज मिल रहे हैं। इधर प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को अन्य शहरों में रेफर किया जा रहा है। मुख्य कारण जिला अस्पताल में सेपरेटर मशीन की सहायता से प्लेटलेट्स लेने के लिए उपयोग में आने वाले ट्रिपल बैग नहीं होना है। हालांकि जिम्मेदारों का दावा है कि प्रदेश में कहीं भी ट्रिपल बैग नहीं होने के कारण अहमदाबाद से एक हजार ट्रिपल बैग मंगाए हैं। उनके आते ही समस्या का समाधान हो जाएगा।कोरोना महामारी के बाद मलेरिया विभाग की लापरवाही के चलते जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया। स्थिति समय पर लार्वा सर्वे नहीं करने के कारण बनी थी। मरीजों की संख्या बढने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना रहा। नतीजा अब मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए भटकना पड़ रहा है। मरीजों के परिजन इंदौर, भीलवाड़ा, उदपुर से प्लेटलेट्स की व्यवस्था कर रहे हैं या मरीजों को वहां पहुंचाया जा रहा है।
निजी लैब संचालकों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 15 दिनों से नगर की सात लैब में हर दिन करीब 100 मरीज डेंगू के पहुंच रहे हैं। इस लिहाज से अब तक 1500 से अधिक मरीज डेंगू के हो चुके हैं। इस बात को ब्लड बैक के जिम्मेदार अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं। उनके अनुसार हर दिन 80 बैग प्राप्त हो रहे थे, लेकिन मरीजों की संख्या बढने से बैग की शार्टेज हो गई है।
उधर मौसम का बदलाव भी लोगों को बिमार बना रहा है। इस बार पहले गर्मी फिर कुछ दिन बारिश और फिर उमस व गर्मी के चलते लोगों के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बारिश थमने के बाद मौसम में उमस भरी गर्मी का प्रभाव अधिक है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में बादलों भरा मौसम भी रहा छुटपुट बारिश भी होती रही। वहीं दिन में धूप से उमस भरा मौसम भी बना। इस कारण जिले में मौसमी बीमारियां का प्रकोप बढ़ गया है। जिला अस्पताल के आंकड़े ही बेहद चैंकाने वाले हैं। जिला अस्पताल के आंकड़ों पर यकीन करें तो 17-18 अगस्त से अभी तक जिला अस्पताल की ओपीडी में करीब 8 हजार 935 मरीज पहुंचे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मरीज बुखार थे। इनकी संख्या करीब दो हजार 189 तक पहुंची। वहीं सर्दी जुकाम के 3350, खांसी के 1116, एलर्जी के 550 से अधिक मरीज पहुंचे। इन बीमारियों को मौसमी बीमारी माना जा रहा है। वर्तमान में भी जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों से ग्रसित लोगों के पहुंचने का क्रम निरंतर जारी है। बीमारियों के प्रकोप का कारण बदलते मौसम को माना जा रहा है। चिकित्स कों ने मौसम के अनुकूल सावधानी बरतने को कहा है।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एमडी डा. डीके शर्मा ने बताया कि बारिश और इसके बाद उमस भरी गर्मी का मौसम बीमारियों के कीटाणुओं के लिए अनुकूल मौसम होता है। इस कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। सर्दी-जुकाम और बुखार का प्रकोप अधिक है। नागरिक कुछ सावधानी बरतकर बीमारियों से बच सकते हैं। इसके बाद भी वे बीमारियों के प्रभाव में आते हैं तो चिकित्सकों से परामर्श लें। बिना चिकित्सकीय सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करें।

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