Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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नहाना तो दूर आचमन लायक भी नहीं बचा है पानी
मंदसौर जनसारंगी।
 शिवना शुद्धिकरण पर करोड़ों रुपए बर्बाद किए जा चुके हैं, लेकिन शिवना शुद्ध नहीं हो पाई। अब जिम्मेदारों की लापरवाही की इंतहा यहां देख लिजीए कि शिवना अपवित्र की जा रही है। पशुपतिनाथ मंदिर से सौ मीटर दूरी पर एक पेशाब घर लोगों ने बना लिया है। मूत्र शिवना में मिल रहा है। इधर लोग इस पवित्र नदी में स्नान  और आचमन कर इसकी पूजा कर रहे हैं। कलेक्टर पशुपतिनाथ मंदिर के ट्रस्टी होने के साथ ही प्रशासक है। नपाधिकारियों से उम्मीद करना बेकार है, लेकिन कलेक्टर गौतमसिंह से लोगो कोे खासी उम्मीदें थी। बहरहाल कलेक्टर शिवना शुद्ध न करें, पर अपवित्र होने से रोकने का प्रयास करें, यह आम जनता की उम्मीद अभी भी बरकरार है।
शिवना शुद्धिकरण के दावें सालों से किए जा रहे हैं, लेकिन यह दावे हवा हो गए है। करोड़ों रुपया खर्च किया गया, लेकिन शिवना की हालत यह हो गई कि स्नान तो ठीक, आचमन करने लायक भी पानी नहीं बचा है। इसके बाद भी लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है और लोग इस पवित्र नदी में स्नान कर रहे हैं। लेकिन अब इस नदी को अपवित्र करने का काम किया जा रहा है। जी हां, पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक पेशाबघर पुल के नीचे बना दिया गया है। इस अघोषित पेशाब घर का उपयोग सैकडों लोग दिनभर में करते हैं और मूत्र शिवना में मिलता है। जबकि कार्तिक मास मे लोग इस पवित्र नदी में स्नान करते हैं। वहीं मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के बाद लोग पानी में नहाते हैं। लोग इसे पवित्र नदी समझकर पूजा कर रहे हैं और इसे अपवित्र करने का काम किया जा रहा है। कलेक्टर नगरपालिका प्रशासक होने के साथ ही पशुपतिनाथ मंदिर के ट्रस्टी है। इसके बाद भी इस पेशाब घर को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही।
100 करोड़ के प्रोजेक्ट पर नहीं हुई शुरुआत
एप्को द्वारा कुछ करीब 15 माह पहले शिवना सुंदरीकरण एवं आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए लगभग 100 करोड़ के प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसकी डिजाइन भी एप्को द्वारा नपा अध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों को दिखाई थी। फाइनल स्थिति नपा को ही तय करना थी, लेकिन 15 बीतने के बाद अब तक कुछ नहीं हो पाया है।
करोड़ों खर्च होने के बाद भी नहीं बदली शिवना की सूरत
लगातार प्रदूषित हो रही शिवना नदी के उत्थान के लिए कार्य कम, बातें ही अधिक हो रही हैं। नगर पालिका शिवना के सुंदरीकरण के लिए योजनाएं बनाने के अलावा कुछ नहीं कर पाई। करो?ों खर्च भी हुए, पर शिवना की हालत नहीं बदली। प्रदूषित हो चुकी शिवना नदी के पानी के सैंपलों की जांच वर्ष 2019 में चार बार हुई, लेकिन शिवना का जल शुद्ध होने की बजाय और अधिक खराब हो गया।

Chania