Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मेला परिसर में झूला, चकरी लगे, नही ंसज पाई अभी तक दूकाने
मंदसौर जनसारंगी।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर आज शिवना नदी में दीपों से जगमग आस्था की टाटियां विसर्जित होगी। बडी संख्या में मंदसौर से लेकर ग्रामीण अंचल और राजस्थान तक से जनमैदनी मंदसौर पहुंचेगी। हालांकि इस बार भगवान पशुपतिनाथ मेले की अनुमति देरी से मिलने के कारण अभी तक मेला सज नहीं पाया है। मेला परिसर में झूले-चकरी लग गऐ लेकिन अभी तक दूकाने नहीं लगी है जबकी कार्तिक पूर्णिमा मेले में व्यापार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
कोरोना गाइड लाईन के कारण शुरूआत में कलेक्टर ने मेले की अनुमति देने से इंकार कर दिया था लेकिन बाद में विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने सीएम शिवराजसिंह चौहान तक यह बात पहुंचाई तो शासन ने कोविड नियमों का पालन करते हुए मेले की अनुमति दे दी लेकिन अनुमति विलंब से मिलने के कारण मेले की तैयारियां ही पूरी नहीं हो पाई। कार्तिक मास की एकादशी से मेला प्रारम्भ होता है लेकिन इसके दो दिन पहले ही अनुमति मिली जिसके कारण ताबड़तोड़ नपा ने मेला परिसर को तैयार किया और कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार दूकानों का निर्माण करवाकर लॉटरी के माध्यम से दूकाने आवंटित की इसके बाद व्यापारियों ने दूकानों को सजाना शुरू किया। अब शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा है जबकी एकादशी से प्रारम्भ होने वाले मेले में कार्तिक पूर्णिमा का सबसे ज्यादा महत्व होता है इसके एक दिन पहले से ही मेला परिसर में भीड आने लगती है। इसी के चलते गुरूवार को भी बडी संख्या में ग्रामीण मेला परिसर में आऐ थे लेकिन मेले मे अभी तक दूकाने लग हीं नहीं पाई। हालांकि झूले चकरी लग गऐ लेकिन यह भी अभी तक पूरी तरह से चालु नहीं हो पाऐ है। इधर मेला सज हीं रहा था कि गुरूवार को बारिश भी हो गई जिसके कारण मेले में दूकाने लगाने वाले व्यापारियों की तैयारिया भी प्रभावित हुई।
आधे -अधूरे सजे मेले में आज कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालु आऐंगे और दीपों से जगमग आस्था की टाटियों को विसर्जित करेंगें। मेले में आने वाली भीड़ के कारण पुलिस और प्रशासन ने भी व्यापक तैयारियां की है। शिवना नदी में किसी तरह की दुर्घटना ना हो इसके लिए नदी के तट पर जालियां और बेरिकेटिंग की गई है। इसके साथ नदी के किनारों पर गौताखोरों की भी तैनाती की गई है। पूरे मेला परिसर में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।