Friday, May 3rd, 2024 Login Here
चंबल योजना की पाईप लाईन अभी भी हो रहीं क्षतिग्रस्त, मरम्मत भी नहीं हो पाई पूरी
मंदसौर जनसारंगी।
शहर में करोड़ों रुपए पेयजल व्यवस्था के लिए खर्च कर दिए गए। इसके बाद भी बीस हजार से ज्यादा शुद्ध पेयजल को मोहताज है। बात करें चंबल योजना की तो पचास करोड़ की यह योजना अभी भी धरातल पर नहीं उतरी है। इसका कारण है कि अभी भी पूरा लाभ इस योजना को लोगों को नहीं मिला है। स्थिति यह है कि अभी भी पाईप लाईन लीकेज हो रही है। इसकी मरम्मत तक पूरी नहीं हो पाई है। जबकि अभी एक ही पंप चलाया गया है। दूसरा पंप चालू करने से पाईपों की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है।
अभी भी शहर के कई हिस्सों में लोग शुद्ध पेयजल को मोहताज है। पेयजल व्यवस्था के नाम से शासन प्रशासन अब तक एक अरब रुपए से अधिक खर्च कर चुका हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि शहर की करीब 20 हजार से अधिक आबादी को शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं हो रहा। शहर के सीतामऊ फाटक क्षेत्र, ट्रांसपोर्ट नगर, संजीत रोड पर पटरी पार बसी एक दर्जन कॉलोनियों में नपा अभी भी आसपास के कुओं व अन्य स्त्रोत से पानी पहुंचा रहे। जिसे किसी तरह फिल्टर नहीं किया जाता। करीब आठ माह पहले सीतामऊ फाटक क्षेत्र में सप्लाई किए जाने वाले पानी को जांच में दूषित पाया लेकिन आज भी लोग उसी पानी का उपयोग करने को मजबूर है शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए करीब 26 करोड़ की लागत से कालाभाटा बांध, दूसरे चरण में 26 करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट व सप्लाई लाइन का काम कराया।इसके बाद 52 करोड़ की लागत से चंबल योजना पूरी की गई। इसके अतिरिक्त आठ से दस माह पहले 15.45 करोड़ की लागत से नई वितरण लाइन स्वीकृत कराई गई। इस तरह शहर में पेयजल व्यवस्था के लिए 1 अरब से अधिक खर्च हो चुका है। फिर भी शहर की बड़ी आबादी प्रदूषित व बिना फिल्टर का पानी पीने को मजबूर है।
संजीत रोड व ट्रांसपोर्ट नगर में भी नहीं सुविधा
इसी तरह नगर पालिका आज तक संजीत रेलवे फाटक पार एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों व ट्रांसपोर्ट नगर में रामघाट से पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाई है। संजीत फाटक पार नंदा नगर, सिल्वर गोल्ड, आनंदविहार सहित कई कॉलोनियों में नपा आसपास के कुओं व नलकूप से बिना फिल्टर के पानी सीधे सप्लाई करती है।
15 साल में पेयजल लाइन नहीं डली
सीतामऊ रेलवे फाटक पार की आबादी को 2005 में नपा के क्षेत्राधिकार में शामिल किया। यहां भाजपा परिषद के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं लेकिन आज तक क्षेत्र में रामघाट से पेयजल वितरण लाइन नहीं पहुंच पाई। डेढ़ साल पहले नपा व रेलवे अधिकारियों ने निरीक्षण कर पुलिस लाइन के सामने से होते हुए रेलवे ट्रैक के नीचे से पेयजल लाइन पहुंचाने का निर्णय लिया।रेलवे ने नपा को जनवरी माह में ही 56 लाख जमा कराने के लिए पत्र लिखा। लेकिन नपा आज तक राशि जमा नहीं करा पाई। इसके चलते आज भी क्षेत्र के लोग शिवना किनारे कुएं का दूषित पानी के उपयोग को मजबूर है।
खेतों से लाते हैं पानी
सीतामऊ फाटक के रहवासियों ने बताया कि कुओं से जो पानी दिया जाता है वह पीने योग्य नहीं रहता। क्षेत्र के लोग उद्यानिकी कॉलेज के सिपानी सर के खेत व आसपास के कुओं से साफ पानी लाते है। क्षेत्र में एक आरओ प्लांट है अधिकांश लोग वहां से कैन खरीदते है।