Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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नरसिंहपुर से लेकर भोपाल वन से लाकर यहां छोड़े जा रहे चीते
गांधीसागर जनसारंगी।
जिले के गांधी सागर अभयारण्य में आने वाले दिनों में चीते दहाड़ेंगे, लेकिन इसके पहले वन विभाग का अमला गांधी सागर को चीतल का बसेरा बनाने में लगा हुआ है। पिछले एक साल से यहां चीतल छोड़ने का दौर जारी है। चीतल यहां बेहतर जीवन यापन करेंगे तो चीतों के यहां आने की राह साफ होगी। ऐसे में उनके लिए यहां चारागाह विकसित करने से लेकर हर पल उन पर नजर भी रखी जा रही है। नरसिंहपुर से लेकर भोपाल वन विहार से यहां चीतल छोड़े जा रहे हैं। इसमें मादा चीतल की संख्या अधिक है। तो नर चीतल भी लाए गए हैं। चीतल की संख्या को 500 से अधिक करने और चारागाह से लेकर पानी के इंतजाम तक किए जा रहे हैं। चीतल की संख्या में इजाफा करने के लिए विभागीय अमला काम कर रहा है।
पिछले दिनों भोपाल के वन विहार से गांधीसागर अभ्यारण में 22 चीतल छोड़े गए। इसमें से 18 मादा और 4 नर चीतल हैं। अब तक अभ्यारण में 280 के करीब चीतल यहां छोड़े जा चुके हैं। इसमें सवा दो सौ के करीब मादा तो बाकी नर चीतल हैं। आगामी दिनों में और चीतल यहां छोड़े जाएंगे।
चीतों को गांधीसागर में लाने के लिए चीतल पर वन विभाग का अमला फोकस कर रहा है। लगातार चीतल की संख्या यहां बढ़ाने की जुगत पिछले एक साल से की जा रही है। गांधीसागर अभयारण्य कई प्रकार के वन्यजीवों के लिए अनुकूल हैं और इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी भी हो रही है। ऐसे में अब चीतों को भी यहां लाया जा रहा है। इसलिए चीतल की संख्या भी लगातार बढ़ रहे हैं। मादा चीतल यहां अधिक छोड़ी जा रही हैं। अब तक छोड़े गए चीतल में मादा चीतल की संख्या 221 है, जबकि नर चीतल की संख्या कम है।

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