Friday, May 3rd, 2024 Login Here
द्वितीय दिवस की गौभक्त माल कथा में उमड़े भक्तजन
मंदसौर । श्री रामानुज कोट मंदिर खानपुरा के परिसर में श्री गोभक्त माल कथा के द्वितीय दिवस व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा उदबोधन करते हुए संत श्री दशरथानन्द जी महाराज ने कहा कि गौ माता कल्पवृक्ष के समान होती है जो मांगोगे सब देती है केवल भक्ति में समर्पण और निष्काम भावना होनी चाहिए। आपने भगवान गणेश की गो भक्ति का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान गणेश ने सारे देवी देवताओं के समक्ष गौ माता की परिक्रमा की और विश्व को यह संदेश दिया कि गौ माता में ही सभी देवी देवताओं के निवास है भगवान गणेश की गो भक्ति के इतने प्रसंग हैं कि पूरे 7 दिन गणेश जी की गोभक्ति पर कथा की जा सकती है। आपने कहा कि गौ माता के संदर्भ में हमें कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि इनमें पशु बुद्धि है यही सोचकर हम गौ माता का अपमान करते हैं और अमंगल कारी घटनाएं होती है। आपने कहा कि गौ सेवा तुलसी सेवा यदि निष्काम भक्ति भाव से की जाए तो मनुष्य के जीवन में कोई संकट आए ही नहीं और यदि कोई संकट आता भी है तो तत्काल उसका समाधान भी हो जाता है इसलिए कलयुग में गो भक्ति ही सर्वोपरि है।भगवान नारायण स्वयं गो स्वरूप में ही धरती पर पधारे हैं। गो माता ही कलयुग में हमारा उद्धार कर सकती है इसलिए हम सब का कर्तव्य है कि हम गो संरक्षण करें गो का पालन करें और गौ माता के प्रति अपने पूरे भक्ति भाव को निष्ठा से प्रदर्शित करें।
महाराज श्री ने कहा कि हमारे दुःख का आज मुख्य कारण हमारी गौमाता का दुखी होना है पहले सब घरों में गाय रहती थी अब घरों से गाय बाहर गई लेकिन मन से गाय का बाहर निकल जाना दुःख का मूल कारण है। आपने कहा कि गोशाला में जाओ तो गौमाता की सेवा करे वहां किसी प्रकार का अहम नही रखे।
महाराजश्री ने कहा कि आज हमारी संस्कृति का ह्रास हो रहा हैं। पहले लड़का लड़की को देखता नही था और विवाह हो जाते थे लेकिन अब पहले एक दूसरे को देखेंगे फिर विवाह हो रहे हैं ऐसे में शास्त्रों का उल्लंघन हो रहा हैं इसलिए सम्बंध विच्छेद हो रहे है। आज बच्चे अपने माता पिता से बोल रहे कि सोश्यल मीडिया का जमाना है आप पढ़े लिखे नही हो इसलिए कुछ नही जानते हो । ऐसे पढ़े लिखे बच्चों ने अपने माँ को मोम बना दिया और पिता को डेड बना दिया । द्वितीय दिवस की प्रातः बेला में पूजा अर्चना एवं पोथी पूजन सपत्निक अरुण शर्मा एवं विपिन पालीवाल लदुना एवं आयोजन समिति अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल ने की।
पूजा अर्चना रामानुज कोट मंदिर के पंडित सुदर्शन आचार्य, पंडित सूर्य प्रकाश शर्मा ,धीरेंद्र नागर ,तरुण नागर, विशाल शर्मा ,विकास नागदा ,दीपेश आचार्य , सचिन शर्मा, झुझार शर्मा सहित संस्कृत पाठशाला के बटुको ने करवाई।
संध्या बेला में आरती ओर कथा के दौरान संस्कृत पाठशाला के आचार्य विश्नोई झानी, श्री कृष्णचंद चिचानी, मंदसौर जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष बृजेश जोशी, सूरजमल गर्ग चाचाजी, कारूलाल सोनी, रविन्द्र पांडे, गोपी अग्रवाल ,कमलेश सिसोदिया, जितेंद्र गेहलोत , बंसीलाल टाक, राजेंद्र चास्टा, घनश्याम भावसार सुरेश भावसार ,महेश रेठा ,मंगल बैरागी, पिंटू शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तजन व मातृशक्ति उपस्थित थी। प्रथम दिवस के प्रसाद का प्रसाद नीलम मसाला एवं द्वितीय दिवस का प्रसाद श्रीमती काशीबाई कमला बाई बाथम परिवार की ओर से था।