Friday, May 3rd, 2024 Login Here
श्री गौ भक्त माल कथा में आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री एवं सांसद सुधीर गुप्ता ने लिया आशीर्वाद
मंदसौर । स्थानीय खानपुरा स्थित श्री रामानुज कोट मंदिर परिसर में 21 से 27 दिसंबर तक आयोजित सप्त दिवसीय श्री गौभक्त मालकथा में व्यासपीठ से श्री दशरथानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि गौ माता की सेवा जो करता है वह जीवन में कभी दुखी नहीं होता है बस यह है कि सेवा सच्चे मन से होना चाहिए गौ माता जगत जननी है गो माता में साक्षात देवता निवास करते हैं । यदि जीवन में कभी दुखी हो तो गौ माता की शरण में चले जाना आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे। गौकथा के चतुर्थ दिवस आचार्य डॉ देवेंद्र शास्त्री , मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता , खाटू श्याम मंदिर के अध्यक्ष शिवकरण प्रधान गुरुजी सहित नगर के गणमान्य जन विशेष रुप से उपस्थित थे।
संत श्री ने कहा कि गाय के गोबर में साक्षात लक्ष्मी निवास करती है जिसने जीवन में गाय का महत्व समझ लिया उसका उध्दार तय है । कथाओ के माध्यम से भगवान की महिमा की जानकारी उपलब्ध होती है ओर गौमाता की कथा श्रवण करने मात्र से व्यक्ति धन्य हो जाता है। वेदों पुराणों में समस्त पूजा का प्रारंभ पंचगव्य दूध, दही, घी, गोमूत्र ओर गोबर से करने का विधान है परंतु जो ब्राह्मण इसका पालन नहीं करते हुए यजमान के अनुसार पूजा कर देता है वह पूजा अधूरी रह जाती है । महाराज श्री ने कहा कि शायद चोरी मत करो परंतु चोरी का भाव यदि मन में आ गया तो वह भी चोरी ही कहलाती है इसलिए किसी के प्रति गलत विचार मन में आना ही अपनी सबसे बड़ी गलती है ।
आपने गाय की महिमा प्रतिपादित करते हुए कहा कि भगवान शंकर को कभी क्रोध नहीं आता है और जब आता है तो तीसरा नेत्र खुल जाता है और जब तीसरा खुलता है तब जिस पर खुलता है वह भस्म हुए बगैर रह नहीं सकता है भगवान शंकर ध्यान शास्त्र में थे तभी गाय का बछड़ा जो गौ माता के थन से दुग्ध पान कर रहा था कि अचानक बछड़े के मुंह से जाग भगवान शिव के ऊपर गिरे शिव जी का ध्यान भंग होने से क्रोध में तीसरा नेत्र खुल गया और जब गाय और बछड़े पर नजर डाली तो दोनों का भस्म होना तो दूर बिगड़ा कुछ भी नहीं केवल दोनों का रंग लाल हो गया। तभी ब्रह्मा जी प्रकट हुए और भगवान शंकर से कहा बछड़े के मुंह से निकले दूध के जाग बछड़े की जूठन नहीं है यह तो अमृत है भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हुए और वृषभ नंदी को अपना वाहन बना लिया , तब से नंदी भगवान शिव का ही स्वरूप है ।
जिस दिन गौ-हत्या बंद हो जाएगी भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नही रोक सकता- डॉ. शास्त्री
आचार्य डॉ देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि जिस व्यक्ति के जीवन में भाग्योदय होता है तभी व्यक्ति भगवान की कथा श्रवण कर पाता है मंदसौर नगर में पहली बार गौ कथा का आयोजन हो रहा है और वह भी ग्रोवती ब्रह्मचर्य संत के सानिध्य में यह इस दशपुर धरा के लिए सौभाग्य की बात है। आपने कहा कि दशपुर की धरा संतो , विद्वानों को पूजने वाली धरा है भक्ति का पोषण करने वाला यह नगर है ।भक्ति के मार्ग में युवा आगे आ रहे हैं यह एक अच्छा संकेत है।आपने कहा कि मंदिर में हम भगवान के दर्शन करने जाते हैं लेकिन गौशाला में गौ माता के दर्शन करोगे उनकी शरण में रहोगे तो वहा तो भगवान का साक्षात निवास है ।भारत से जिस दिन गोहत्या बंद हो जाएगी उस दिन भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है। डॉ. शास्त्री ने कहा कि यदि आप किसी अवसाद में हो ओर गौ माता की शरण में चले जाओ सारे अवसाद दूर हो जाएंगे ।
विदेशों में संस्कारों और संतो की मधुरवाणी की आवश्यकता है - सांसद श्री गुप्ता
क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि हमने अपने संस्कार को जीवित नहीं रखा तो युवा पीढ़ी कुछ भी नहीं सीख सकेगी मंदसौर में संस्कृत पाठशाला का आरंभ करवाने का सौभाग्य भी मुझे मिला था । आज एक नई पीढ़ी तैयार हो रही हैं यह हम सबके लिए गौरव की बात है। आज विदेशों में संस्कारों, ओर संतो की मधुर वाणी की आवश्यकता है । आपने कहा कि वे इंडोनेशिया गये थे वहां बहुत सारे मंदिर है लेकिन नहीं है तो वहां कथा नहीं है इस कारण से वहां हिंदू धर्मावलंबी सही से खड़ा नहीं है इसलिए कथाओं का अपने जीवन बहुत महत्व है । इन कथाओं के माध्यम से हम समाज जीवन में अपने संस्कारों को आगे ले जाएंगे । आज लाखों-करोड़ों युवा धर्म के निकट आ रहे हैं इन सबके बीच में यदि हमें कोई आगे ले जा सकता है तो वह है गो , गंगा और गीता ।आज गाय को पुन: घर ले जाना है इस संस्कार की बहुत बड़ी आवश्यकता है ।
चतुर्थ दिवस प्रात पूजा अर्चना प.ं सुदर्शन आचार्य, पं. सूर्यकांत शर्मा के सानिध्य में अभिषेक पटवा, संतोष बघेरवाल ने की । आज के विशेष अतिथियों का आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र अग्रवाल ने स्वागत किया। पौथी पूजा एवं आरती समाजसेवी प्रहलाद काबरा, डॉ. घनश्याम बटवाल, मंदसौर जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी, मंदसौर जिला प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रकाश सिसौदिया, गौरव कबाड़ी, हेमन्त शर्मा, अरूण शर्मा, रविन्द्र पाण्डे, बंशीलाल टांक, राजेश तिवारी, मोहनलाल पारिख, राजकुमार मेहता, गोपी अग्रवाल, मंगल बैरागी, पिन्टू शर्मा सहित बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तजनों, गणमान्यजनों एवं मातृशक्ति ने की । संचालन पं. सूर्यप्रकाश शर्मा ने किया तथा आभार पं. दिपेश आचार्य ने माना । आज का प्रसाद भावसार महिला मण्डल की और से वितरित किया गया ।