Friday, May 3rd, 2024 Login Here
श्री गौभक्त माल कथा में संत श्री दशरथानन्द जी का अनेक संस्थाओं ने किया सम्मान
मंदसौर। परमपिता परमेश्वर की कृपा से हमे मानव जीवन मिला है ,जो केवल मोक्ष एवं भगवत भक्ति के लिए मिलता है लेकिन मनुष्य अध्यात्म के मार्ग को छोड़कर विलासिता को प्राप्त करने की दौड़ में शामिल हो गया। यह तो गोमाता की कृपा हुई कि सात दिन हम सभी को भगवान की कृपा से गोमाता की कथा श्रवण करने का सौभाग्य मिला। ःयोकि गौमाता की सेवा का बहुत बड़ा प्रभाव है , गौमाता की सेवा का जो फल है उसके बराबर किसी अन्य फल की तुलना नही की जा सकती।
उक्त विचार परम गोभक्त संत श्री दशरथानन्द सरस्वती महाराज ने स्थानीय खानपुरा में रामानुज कोट मंदिर में 21 से 27 दिसम्बर दोपहर 12 से 4 बजे तक आयोजित सप्त दिवसीय श्री गौ भक्तमाल कथा के पंचम दिवस व्यक्त किये। संत श्री दशरथानन्द जी महाराज का अनेक संस्थाओं द्वारा शाल ओढ़ाकर श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।
महाराज श्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने परीक्षित को बचाने के लिए गौ सेवा का फल दांव पर लगा दिया था इसलिए गो सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है ।गौ माता की सेवा करने से शनिदेव ही नहीं नवग्रह प्रसन्न हो जाते हैं, प्रत्येक ग्रह शांत हो जाते हैं , सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा , विष्णु, महेश तीनों देवता गौ माता के भक्त थे। जब सृष्टि के रचयिता गौ माता के भक्त हैं तो दूसरे देवता गौमाता के भक्त होंगे ही। हम गौ माता के सामर्थय की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं सिर्फ जरूरत है हमारे ग्रंथों को उठाकर पढ़ने की और जीवन में उतारने की ।लेकिन उसके लिए हमारे पास वक्त नहीं है। गौ माता की महिमा प्रमाणित है शास्त्रों में लिखी हुई है । वेदों के अंदर भगवान श्रीराम , श्रीकृष्ण कि जितनी महिमा नहीं है उससे ज्यादा महिमा गौ माता की है। दीपावली पूजन से पहले गौ पूजा करना चाहिए। भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ उन्हें मथुरा में गौमाता नहीं दिखी तो भगवान गोकुल में चले गए। गौपालन करते थे इसलिए भगवान का नाम गोपाल पड़ा है।
महाराज श्री ने कहा कि केवल हमने अपने अधिकारों को पहचाना अपने कर्तव्य को नहीं ।जिसने कर्तव्य को पहचान लिया वह जीवन में कभी दुखी नहीं रह सकता है। दुख इस बात का है कि अधिकार पर सब ध्यान देते हैं लेकिन कर्तव्य पर कोई नहीं है। गौ माता में 33 करोड़ देवी देवताओ का वास होता है, इसलिए यदि गौमाता की पूजा करोगे तो एक साथ 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा हो जाएगी। मनुष्य जन्म केवल और केवल भगवत प्राप्ति के लिए मिला ।
संस्कृत पाठशाला के आचार्य विष्णु प्रसाद ज्ञानी ने कहा कि गौमाता को ग्रास डालना भी यझ के समान है गाय पशु नही है यह भी प्रमाण है वेदों में, गौमाता पशु प्रजाति में नही है वेद में एक- एक अक्षर लिखा हुआ है ।
इस अवसर पर कथा स्थल रामानुज कोट में प्रतिदिन प्रात: 4 बजे संस्कृत पाठशाला के बटुकों द्वारा वेद पाठ किया जा रहा है । पूजन अर्चन रामानुज कोट मंदिर के श्री सुदर्शन आचार्य, एवं पंडित सूर्यप्रकाश शर्मा के सानिध्य में चल रहा है।
आरंभ में पोथी पूजन एवं आरती परम उपासक शिवकरण प्रधान , पुरुषोत्ताम भावसार, आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, युवा भाजपा नेता डॉ भानुप्रताप सिंह सिसोदिया, गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज के अखिलेश शर्मा दादिच ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ प्रेम मिश्रा ,अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी , अग्रवाल समाज की ओर से नंदकिशोर अग्रवाल , राजमल गर्ग , सूरजमल गर्ग चाचाजी, प्रो अशोक अग्रवाल , ओम अग्रवाल सर, देवेंद्र गुप्ता ,जगदीश अग्रवाल, गोपी अग्रवाल ,मुन्नालाल अग्रवाल गरोठ, डॉ. आशीष अग्रवाल, हेमंत अग्रवाल डॉ दीपक अग्रवाल, विश्वमोहन अग्रवाल , राधेश्याम मांदलिया , जितेंद्र गहलोत, धार्मिक उत्सव समिति की ओर से सूरजमल गर्ग चाचाजी ,विनोद मेहता, अरुण शर्मा, सुरेंद्र सिंह खेजड़िया, बी एस सिसोदिया , रमेशचन्द्र चन्द्रे , कन्हैयालाल सोनगरा , विनय दुबेला , राजाराम तंवर , राजेंद्र चास्टा, नरेंद्र मेहता , बंशीलाल टांक, गोपालसिंह राजावत ,विजेंद्रसिंह , प्रशांत, निशांतराय , शत्रुंजय सोनी , भरत वशिष्ठा, प्रेम कहार, दिलीप आर्य, श्रीमती चंदा सिंह चास्टा, दशपुर मंडी व्यापारी संघ की ओर से प्रहलाद काबरा, राजेन्द्र अग्रवाल , दाऊ भाई विजयवर्गीय, संतोष गोयल, सत्यनारायण छापरवाल, पंकज पारेख ,जगदीश गर्ग ,बृजेश गर्ग, अशोक सेठिया, दिनेश अग्रवाल ,बिल्लू अग्रवाल, दशपुर लाफ्टर ःलब की ओर से नरेंद्र मेहता ,विमल पामेचा ,देवेंद्र चपरोत, अजीत नाहर , तेजमल गांधी ,अशोक सोनी ,पारस जैन ,पीआर ज्ञानी,धनराज धनगर, राधेश्याम मांदलिया, श्याम पोरवाल, दशपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष नेमीचंद राठौड़, जितेन्द्र गेहलोद , मंगल बैरागी ,पिंटू शर्मा, कैलाश खत्री, सत्येंद्रसिंह सोम , प्रमोद व्यास नीमच , देवीलाल खत्री सहित बड़ी संख्या में भक्तगण , मातृशक्ति व नगरवासियों ने की। आज का प्रसाद श्री जगदीश चन्द्र चौधरी , घनश्याम भावसार परिवार की ओर से वितरित किं गई। संचालन पंडित सूर्यप्रकाश शर्मा ने किया तथा आभार आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल ने माना।