Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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ठंडी हवाओं से होता है फसल को नुकसान, पक्षी भी करते है खराब
मंदसौर ।
जिले की प्रमुख नकद फसल अफीम अब खेतों में उगते ही किसानों ने सुरक्षा के लिये सतर्कता बढ़ा दी है। शीतलहर एवं पशु-पक्षियों से अफीम को नुकसान न हो इसके लिये किसानों ने खेतों में सुरक्षा की जाली लगा दी है, वहीं साड़ियों को भी आड़ी बांधकर ठंडी हवाओं को सीधे फसल पर लगने से रोका जा रहा है। अभी तक मौसम का साथ भी अफीम की फसल को पूरा मिल रहा है, किसानों का कहना है
अफीम का अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसान अपनी जान की बाजी भी लगाने को तैयार हैं। अभी सात से 10 डिग्री के न्यूनतम तापमान में भी कड़कड़ाती ठंड में अधिकांश किसान रात खेतों पर ही गुजार रहे हैं। इसके अलावा अफीम के खेत की सुरक्षा के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नील गायों से बचाव के लिए चारों तरफ जाली लगा रहे हैं तो वहीं अफीम आने के बाद तोते नुकसान करते है, इसी को देखते हुए कई किसानों ने पूरे खेत में तोतों से रक्षा के लिए ऊपर नेट भी बांध रहे हैं। वहीं किसान सुरक्षा की जाली लगाने में जुटे हुये है। इसके अलावा पानी सहित किसी भी मामले में भी खर्च की कमी नहीं रख रहे हैं। अफीम की फसल निकालने तक एक किसान 10 आरी के खेत में लगभग एक लाख रुपए खर्च कर देता है। ठंडी हवाएं चलने से न्यूनतम तापमान चार दिन पहले सात डिग्री पर पहुंच गया था। अब 10 डिग्री के बीच झूल रहा है। इसी बीच जिले के लगभग 13 हजार से अधिक अफीम किसानों ने अफीम की फसल खेतों में उगते ही सुरक्षा के लिये खेतों पर ही गुजारना प्रारंभ कर दिया है। नील गायों की हलचल से परेशान किसान अफीम के 10-10 आरी के खेतों की रक्षा के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं। इसके साथ ही पक्षियों से अफीम फसल को बचाने के लिए खेतों के आसपास जाली बांध रहे हैं। जिले में 13780 किसानों को अफीम पट्टे मिले है। इसमें प्रथम खंड में 4412, द्वितीय खंड में 4712 एवं तृतीय खंड में 3451 किसानों को पट्टे दिए गए हैं। इसके साथ ही करीब 2000 किसानों को सीटीएस पद्धति के तहत पट्टे वितरित किये गये है अभी तक अफीम फसल के लिये मौसम अनुकूल रहा है। अभी निंदाई-गुढ़ाई का काम भी चल रहा है। तापमान में भी लगातार बदलाव हो रहा है। इसके कारण भी किसान अफीम की फसल को लेकर अधिक सतर्क है।

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