Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
कल होने वाले रेडक्रॉस चुनाव को लेकर फिर से गहमागहमी का माहौल है। दावेदार रात दिन एक कर रहे हैं तो इस बार भी दो बार रेडक्रॉस चेयरमेन रह चुके प्रितेश चावला की पैनल सक्रिय नजर आ रही है। इसके अलावा कांग्रेस के बड़े चेहरे भी रेडक्रॉस के माध्यम से अपनी राजनीतिक कॅरियर को ढूंढ रहे हैं। कुल 3076 रेडक्रॉस के सदस्य 13 जनवरी को होने वाले चुनाव में मतदान करेंगे।
रेडक्रॉस चुनाव 2019 के बाद एक बार फिर से होने वाले हैं। दो साल कोरोना के कारण चुनाव नहीं हो पाए। इस बार होने वाले चुनाव में तराजू का पलड़ा एक बार फिर प्रितेश चावला के पक्ष में नजर आ रहा है। इसका कारण यह है कि दो बार प्रितेश चावला का कार्यकाल बेहतर रहा। समाजसेवा के हर क्षेत्र में रेडक्रॉस ने उनके कार्यकाल में अपना योगदान दिया। इसके अलावा छह साल तक रेडक्रॉस में बने रहने के कारण सदस्यों तक उनकी पहुंच ज्यादा है। इस बार कोई प्रत्यक्ष रूप से सामने कोई पैनल नहीं है। लेकिन निर्दलियों के साथ मिलकर कांग्रेस के बड़े चेहरे रेडक्रॉस चेयरमेन बनने के लिए भाग्य आजमा रहे हैं।
दो बार चेयरमेन रहे चावला
रेडक्रॉस में सदस्यों की संख्या 3076 है। जो 13 जनवरी को होने वाले चुनाव में मतदान करेंगे। बस एक दिन बाद होने वाले मतदान के साथ ही दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। प्रक्रिया के तहत अप्रैल 2012 में प्रीतेश चावला अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इनका 3 साल का कार्यकाल अप्रैल 2015 में पूरा हुआ। तत्कालीन कलेक्टर संजीवसिंह ने कार्यकाल में 6 माह अतिरिक्त बढ़ोतरी की थी। इसके बाद हुए चुनाव में भी प्रितेश चावला चेयरमेन बने थे।
प्रशासन संभाल रहा था दो साल से
निर्वाचित बॉडी भंग होने के बाद से रेडक्रॉस के सभी प्रकल्पों की एक्टिविटी का जिम्मा प्रशासन के पास था। यह संस्था जिला अस्पताल के पास रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर्स, फिजियोथैरेपी सेंटर, वृद्धाश्रम, मूकबधिर विद्यार्थियों का स्कूल, जिला अस्पताल में संचालित एम्बुलेंस, नशामुक्ति केंद्र, निरूशक्तजन छात्रावास व सामाजिक गतिविधियों का संचालन रेडक्रॉस करती है।