Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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कभी बाजार में बिकने पहुंच रहा राशन तो कभी दुकानों पर कम मिल रहा स्टॉक लेकिन फिर भी सब ठीक है की तर्ज पर है काम कर रहे विभाग के मुखिया
मंदसौर जनसारंगी।

राशन की दूकानों सें गरीबों की थाली तक पहुंचने वाला राशन सीधे बाजार में दुकानों पर बिकने के लिए पहुंच रहा है लेकिन यह पहुंचता कैसे है इसकों लेकर खाद विभाग के जिम्मेदार कभी जांच करने की भी जहमत नहीं उठा रहे है। सरकार कभी दो तो कभी तीन महिनों का राशन एक साथ उपभोक्ताओं को देने के निर्देश लेकिन कई उपभोक्ताओं तक आधा राशन ही पहुंचता है, इस पर भी खाद विभाग के कर्ताधर्ता कार्रवाहीं के लिए तैयार नहीं होते। सारी अनियमिततताओं को विभाग के कर्ताधर्ता केवल आंखे मूंद कर देख रहे है और खुद को खुद ही ईमानदारी का तमगा पहना रहे है जबकी हकीकत इसके अलट है। कुछ दिन पहले ही सीतामऊ तहसील के कयामपुर सेवा सहकारी समिति की राशन दुकान पर 125 क्विंटल गेहूं और 12क्विंटल चावल गायब मिला था, नाहरगढ थाने पर इस मामलें में प्रबंधक पर प्रकरण भी दर्ज हुआ लेकिन कार्रवाहीं इसके आगे नहीं बडी और ना ही राशन अभी तक ग्रामीणों को मिल पाया है लेकिन फिर भी खाद अधिकारी खुद को बेदाग बताने से बाज नहीं आ रहे और ना ही खुद की कोई जिम्मेदारी उठाने को तैयार है।
मंदसौर जिले में अंत्योकदय राशनकार्ड धारी 1.65 लाख हैं इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन लेने वाले व भवन निर्माण में लगे मजदूरों को केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला राशन मिलता है। लेकिन कागजों में ही राशन उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। अब राशन ऑनलाइन अंगूठा लगाकर ही दिए जाने की व्यवस्था है लेकिन अंगूठा लगवाऐ जाने के बाद भी उपभोक्ताओं तक राशन नहीं पहुंच पाने की खबरे सामने आ रहीं है। इसी बीच अभी कुछ दिन पहले ही सीतामऊ तहसील के कयामपुर में सेवा सहकारी समिति की राशन दुकान पर हुई जांच में 125 क्विंटल गेहूं और 12 क्विंटल चावल गायब मिला था। इस मामले में नाहरगढ़ थाने में एफआइआर भी हुई थी प्रबंधक व सेल्समेन लखन बैरागी और मदन कामरिया पर प्रकरण दर्ज हुआ था। पर उस समय का राशन अभी तक ग्रामीणों को नहीं मिला।
इस बार देना है दो माह का राशन

प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ 2 माह का राशन वितरण करने के निर्देश जारी हुए हैं। नियमित रूप से प्रदेश सरकार द्वारा वितरित होने वाले राशन के साथ ही 2 माह का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन भी उपभोक्ताओं को दिया जाना है। लेकिन इसके बाद भी कई जगहों पर उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी नहीं है। इसके अलावा इसकी जानकारी होने के बाद उपभोक्ताओं को टरकाया जा रहा है। इस तरह से दो माह के राशन वितरण में खेल किया जा रहा है।  
इस तरह होता है खेल

लोग जब राशन लेने के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें माल नहीं आने की बात कहकर चक्कर दिया जाता है। इसके बाद कभी मशीन बंद होने की बात कहंीं जाती है तो कभी कुछ और बहाना बनाया जाता है। इस तरह से आदमी परेशान होकर निजी दुकान से ही राशन उठा लेता है। इसके बाद उसके हिस्से का चावल, गेहूं या शक्कर बाजार तक पहुंच जाता है। सरकारी रिकॉर्ड में हितग्राही को वह राशन पहुंच गया है, लेकिन हकीकत में वह बाजार रेट में बिकने दुकानों पर पहुंच गया है। सबसे ज्यादा खेल पॉश ईलाकों की राशन दुकानों में होता है।
यह है नियम

अभी हितग्राहियों को केंद्र सरकार चार किलो गेहूं व एक किलो चावल प्रति व्यक्ति व राज्य सरकार चार किलो गेहूं व एक किलो चावल प्रति व्यक्ति (कुल आठ किलो गेहूं व दो किलो चावल प्रति व्यक्ति) वितरित करती है। इसके अलावा दो किलो नमक प्रति परिवार व कुछ विशेष श्रेणी के कूपन पर शकर दी जाती है। सबसे ज्यादा गड़बड़ गेहूं चावल में होती है। दोतीन माह का एक साथ देने में राशन दुकान संचालक अनियमितता कर रहे हैं।
इतना राशन आता है प्रतिमाह जिले में

76,68,080 किलो गेहूं
18,75,125 किलो चावल
2,22,762 किलो नमक
16,758 किलो शकर
यह मामले आ चुके हैं समाने

केस-1
ग्राम धांधड़ाखेड़ा में राशन दुकान से रात में राशन के चावल की पेकिंग करते हुए एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर आया था जिसमें दुकान से ही चावल को अलग कट्टों में पैक किया जा रहा था। ग्रामीण युवक मौके पर पहुंचे तो दुकान का सेल्समेन सुरेश व्यास भाग गया। जिसके मकान में समूह की दुकान संचालित है वह राजनीतिक पद पर है। पर अपने पद का दबदबा बताते हुए युवकों को चमका कर भगा दिया। जबकि ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि माह में प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन नहीं दिया जा रहा है।
केस-2
ग्राम पलवई में स्व सहायता समूह द्वारा राशन वितरण किया जा रहा है। यहां के सेल्समेन शालिगराम पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नवंबर, दिसंबर में आधा राशन ही मिला। सेल्समैन ने कहा कि प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना का राशन नहीं आया। जनवरी-फरवरी का राशन का भी तीन हिस्सा ही दिया गया। जबकि जनवरी फरवरी का मिलकर चार किलो गेहूं प्रति सदस्य और एक किलो चावल के हिसाब से दो सदस्यों का 16 किलो गेहूं और चार किलो चावल मिलना चाहिए था।
केस-3
ग्राम पलवई, इशाकपुर, सुवासरा तहसील के ग्राम घसोई, ढोढर में सेल्समेन ने नवंबर में आगे से ही राशन नहीं आने का हवाला देकर लोगों को वितरित ही नहीं किया। खाद्य निरीक्षकों के संज्ञान में पूरा मामला था फिर भी दुकान संचालकों व सेल्समेन पर एफआइआर या अन्य कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसमें ग्रामीणों ने भी यही आरोप लगाया कि विभाग की शह पर ही राशन दुकान संचालकों ने यह घपले किए हैं।
केस-4
-ग्राम इशाकपुर में राशन दुकान संचालक ने ग्रामीणों को कुछ महीनों का राशन यह कहकर नहीं दिया कि मशीन में आगे से आवंटन नहीं आया। ग्राम पालड़ी में जनवरी में आधा राशन देकर कहा जा रहा है कि तीन महीनों का राशन है। ग्राम आकोदड़ा में राशन दुकान संचालक ने नवंबर के राशन की जांच और भालोट प्राथमिक कृषि साख संस्था के भालोट ग्राम में दिसंबर में राशन वितरण में काफी गड़बडिय़ां हुई हैं।
 
मंदसौर जिले में राशन दुकानें

कुल राशन दुकाने - 465
स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित -50
सेवा सहकारी समितियों द्वारा संचालित -378
उपभोक्ता भंडार समितियों द्वारा संचालित -32
वन समितियों द्वारा संचालित -05
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