Friday, May 3rd, 2024 Login Here
सरकार ने भले दर्जा दे डाला लेकिन जिले की ग्राम पंचायत दलौदा, बोलिया, नाहरगढ़ और गांधीसागर को साल 2027 में ही नगर परिषद से जुड़े आवश्यक अधिकार मिल पाएंगे। यानी ग्राम से नप की तब्दीली में पूरे 4 साल और लगेंगे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए ताबड़तोड़ जिले की 4 ग्राम पंचायतों को नगर परिषद बनाने की मंजूरी दी। इसमें अब तक केवल दलौदा ग्रापं को लेकर ही अंतिम प्रकाशन हो पाया है जबकि गांधीसागर, बोलिया और नाहरगढ़ तो अभी प्रारंभिक प्रकाशन वाली स्टेज में ही है।
अधिकारियों का कहना है कि राज्यपाल की ओर से प्रक्रिया को अंजाम देने के बाद भी वर्तमान सरपंच-पंचों का कार्यकाल खत्म होने का इंतजार करना होगा, इसके बाद ही सही मायनों में सभी नप अस्तित्व में आएगी। नगरीय प्रशासन मंत्रालय से जुड़ी जनसंख्या, बजट, वार्ड परिसीमन समेत कई आवश्यक प्रक्रियाएं तक होना बाकी हैं।
मंदसौर विधानसभा से दलौदा ग्राम पंचायत, सुवासरा विस से नाहरगढ़ और गरोठ विधानसभा से सर्वाधिक 2 ग्रापं बोलिया और गांधीसागर को सीएम शिवराजसिंह चौहान ने विस चुनाव से पहले नगर परिषद बनाने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद चुनाव से ठीक पहले राज्यपाल स्तर से दलौदा चौपाटी और दलौदा रेल को मिलाकर दलौदा नप बनाने का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ।
विस 2023 के चुनाव नतीजे आ चुके लेकिन बाकी 3 पंचायतें प्रारंभिक प्रकाशन में ही हैं। वर्तमान स्थिति देखी जाए तो जिले के नगरीय निकायों में एकमात्र नपा मंदसौर, जबकि नगर परिषदों में नगरी, मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, नारायणगढ़, सीतामऊ, सुवासरा, शामगढ़, गरोठ आऔर भानपुरा के नाम हैं। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की परियोजना अधिकारी गरिमा पाटीदार का कहना है कि शासन ने 4 पंचायतों को नप के लिए प्रस्तावित किया है।
दलौदा का फाइनल नोटिफिकेशन हो चुका है। वहीं बोलिया, नाहरगढ़ व गांधीसागर पंचायत संबंधी प्रोसेस प्रारंभिक स्टेज में हैं और अगले दिनों में अंतिम प्रकाशन होना है। जून 2022 में पंचायत चुनाव हुए थे, ऐसे में करीब 4 साल और सरपंचों-पंचों का कार्यकाल बाकी है, इसके बाद ही नप संबंधी वित्तीय व आवश्यक अधिकार मिल सकेंगे। जहां तक ग्रापं के जनप्रतिनिधियों को नप का प्रभार देने की बात है, ये शासन स्तर का निर्णय होता है।
मंदसौर के भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने कहा दलौदा व दलौदा रेल को मिलाकर नगर परिषद बनना है। राज्यपाल की मोहर लग चुकी है। गजट नोटिफिकेशन हो चुका। इसका खाता तैयार होता है। मेरा वादा था कि दलौदा को नप बनाना है। सरकार मेरी है और ये सीएम की घोषणा है। बची खानापूर्ति कराएंगे। जितने वादे थे सब पूरे कर दिए।
शासन-प्रशासन मेरा है, आगे भी मेरी जिम्मेदारी है, जनता को मुझे पर, मेरे दल पर विश्वास करना होगा। जब हम कमलनाथ सरकार में विधायक थे तो कांग्रेस हमें नहीं पूछती थी लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। अब तो सरकार हमारी है। कांग्रेस के लोगों से भी पूछेंगे कि आप सरकार में थे और विधायक भाजपा का था तो तुमने कितने काम लाकर खड़े किए, जवाब दो।