Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर। कोरोना ने प्रदेश में फिर से दस्तक दी है। हालांकि मंदसौर की बात करें तो कोरोना को पछाडऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग फिर से तैयार है। एक करोड़ रुपए से बनी आरटीपीसीआर लैब में जांच संभवत: आज से शुरु हो जाएगी। सैंपल के बाद लैब से 5 घंटे के अंदर रिपोर्ट मिल जाएगी। इसके लिए शासन स्तर से लैब के लिए वीटीएम किट सहित लैब रिएजेंट (अभिकर्मक) खरीदी के लिए बजट भी प्राप्त हो गया है। स्थानीय स्तर पर दो लैब टेक्नीशियन व पेरीफेरी से भी तीन टेक्नीशियंस नियुक्त किए जाएंगे। इधर, जिला अस्पताल में आईएलआई और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) वार्ड तैयार होकर स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट मोड पर है।
केंद्र से मिले हैं निर्देश
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट जेएन-1 के लिए केंद्र सरकार ने कोविड टेस्ट करने के निर्देश दिए है। जिला अस्पताल परिसर स्थित आरटीपीसीआर लैब में फिलहाल माइक्रो बायोलॉजिस्ट नियुक्त होकर डेंगू, चिकनगुनिया व स्क्रब टाइफस सहित अन्य वायरल की जांच की जा रही है। कोविड की जांच अब तक वीटीएम किट व रिएजेंट की वजह से शुरू ही नहीं हो पाई हैं। विभाग के अनुसार शासन से प्राप्त दो लाख रुपए से सामग्री खरीदी के लिए ऑर्डर किया जा चुका है जो कि सोमवार तक मिलना संभावित है। बता दें कि रिएजेंट एक केमिकल होता है जो वैरिएंट की जांच में मददगार साबित होता है। रिएजेंट की कमी मंदसौर से लेकर राजधानी तक है।
100 से अधिक जांच की मिलेगी सुविधा
आरटीपीसीआर लैब शुरू होने से कैंसर, टीबी, हेपेटाइटिस, स्वाइन फ्लू, डीएनए सहित करीब 100 से अधिक वायरल जांच की सुविधा मिलेगी। हेपेटाइटिस बी व सी जांच के लिए जो सैंपल भोपाल भेजना पड़ रहे हैं, जहां से 10 दिन में रिपोर्ट प्राप्त होती है। शासन द्वारा निजी लैब को भी भुगतान करना पड़ता है, यही जांच आरटीपीसीआर लैब में डेढ़ से दो घंटे में ही की जा सकती है। वहीं, मरीजों के प्लेटलेट्स गिरने का कारण भी लैब के माध्यम से पता चल सकेगा। मलेरिया, टीबी जैसी बीमारियों की एक बार में 94 सैंपल की जांच एक साथ की जा सकेगी।
संदिग्ध केस दिखते ही करेंगे भर्ती
प्रदेश में कोरोना के मामलों की दस्तक हो चुकी है। इसी बीच जिला अस्पताल में इन दिनों सर्दी-जुकाम, खांसी सहित अन्य सीजनल वायरल के करीब एक हजार मामले रोज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इस बीच विभाग आईएचआईपी पोर्टल के जरिये भी निगाह बनाए हुए है। इसके अलावा जिला अस्पताल में आईएलआई और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) वार्ड में संदिग्ध मामले सामने आने पर भर्ती किए जाएंगे। फिलहाल एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि प्रबंधन ने नर्सिंग स्टाफ व ट्रेंड कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी है। सिविल सर्जन डॉ. डी. के. शर्मा ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट, कंसंट्रेटर सहित अन्य उपकरणों को भी चालू करके देख लिया है। पर्याप्त इंतजाम हैं, परेशान होने जैसी कोई बात नहीं है। कोविड उपयुक्त व्यवहार का लोग पालन करें, मास्क लगाएं व भीड़ में जाने से बचें।
केंद्र से मिले हैं निर्देश
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट जेएन-1 के लिए केंद्र सरकार ने कोविड टेस्ट करने के निर्देश दिए है। जिला अस्पताल परिसर स्थित आरटीपीसीआर लैब में फिलहाल माइक्रो बायोलॉजिस्ट नियुक्त होकर डेंगू, चिकनगुनिया व स्क्रब टाइफस सहित अन्य वायरल की जांच की जा रही है। कोविड की जांच अब तक वीटीएम किट व रिएजेंट की वजह से शुरू ही नहीं हो पाई हैं। विभाग के अनुसार शासन से प्राप्त दो लाख रुपए से सामग्री खरीदी के लिए ऑर्डर किया जा चुका है जो कि सोमवार तक मिलना संभावित है। बता दें कि रिएजेंट एक केमिकल होता है जो वैरिएंट की जांच में मददगार साबित होता है। रिएजेंट की कमी मंदसौर से लेकर राजधानी तक है।
100 से अधिक जांच की मिलेगी सुविधा
आरटीपीसीआर लैब शुरू होने से कैंसर, टीबी, हेपेटाइटिस, स्वाइन फ्लू, डीएनए सहित करीब 100 से अधिक वायरल जांच की सुविधा मिलेगी। हेपेटाइटिस बी व सी जांच के लिए जो सैंपल भोपाल भेजना पड़ रहे हैं, जहां से 10 दिन में रिपोर्ट प्राप्त होती है। शासन द्वारा निजी लैब को भी भुगतान करना पड़ता है, यही जांच आरटीपीसीआर लैब में डेढ़ से दो घंटे में ही की जा सकती है। वहीं, मरीजों के प्लेटलेट्स गिरने का कारण भी लैब के माध्यम से पता चल सकेगा। मलेरिया, टीबी जैसी बीमारियों की एक बार में 94 सैंपल की जांच एक साथ की जा सकेगी।
संदिग्ध केस दिखते ही करेंगे भर्ती
प्रदेश में कोरोना के मामलों की दस्तक हो चुकी है। इसी बीच जिला अस्पताल में इन दिनों सर्दी-जुकाम, खांसी सहित अन्य सीजनल वायरल के करीब एक हजार मामले रोज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इस बीच विभाग आईएचआईपी पोर्टल के जरिये भी निगाह बनाए हुए है। इसके अलावा जिला अस्पताल में आईएलआई और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) वार्ड में संदिग्ध मामले सामने आने पर भर्ती किए जाएंगे। फिलहाल एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि प्रबंधन ने नर्सिंग स्टाफ व ट्रेंड कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी है। सिविल सर्जन डॉ. डी. के. शर्मा ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट, कंसंट्रेटर सहित अन्य उपकरणों को भी चालू करके देख लिया है। पर्याप्त इंतजाम हैं, परेशान होने जैसी कोई बात नहीं है। कोविड उपयुक्त व्यवहार का लोग पालन करें, मास्क लगाएं व भीड़ में जाने से बचें।