Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मन्दसौर । 12 वर्ष पहले 6 श्रध्दालुओं की संख्या से आरंभ हुई गिरिराज परिक्रमा की ब्रजयात्रा इस वर्ष इतनी विस्तारित हुई कि नगर के लगभग 800 श्रध्दालु यात्रियों के आत्मीय समूह ने यह यात्रा संपन्न की । गोवर्धन पर्वत के दर्शन गिरिराज जी की परिक्रमा का अलौकिक लाभ सभी ने लिया । श्री स्वामिनीजी यमुनाजी का चुनरी महोत्सव अविस्मरणीय रहा । गोविंद कुंड का मनोरथ और सीताराम आश्रम में भंडारे के प्रयोजन का भी खूब आनन्द रहा ।
यात्रा दल के साथ गए वरिष्ठ पत्रकार डा. घनश्याम बटवाल और ब्रजेश जोशी ने बताया कि यात्रा के आंनद की अनुभूति सभी यात्रियों को हुई । ठाकुर जी के धाम में श्रध्दालुओं की इतनी अधिक भीड़ को देखकर हृदय में असीम आनंद का अनुभव हुआ । हमारी सनातन परंपरा और इस परंपरा के पोषक हमारे तीर्थों के प्रति देश वासियों की श्रध्दा और समर्पण की यह भावना मुखरित हो रही है यह सुखद है। यात्रा का यह समूह इस वर्ष विस्तारित हुआ ऐसा लगा मानो हमारा परिवार बढ़ गया यह भी ठाकुर जी की ही कृपा का प्रतिफल है। सहयात्रियों के संग का ऐसा आनंद कि 22 दिसंबर को पहले दिन मंदसौर से चित्ताौड़ कब आ गया तब पता चला जब कानों में आवाज आई उतरो उतरो चितौड़ आ गया।बसें बाहर तैयार थीं समय सीमा में श्री सांवरिया जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर पुन: चितौड़ में श्रेष्ठीमना श्री इनानी जी के रमणीय सुरम्य फार्म हाउस पर जलपान और स्वादिष्ट स्नेह भोज का आनंद सभी ने लिया। मंदसौर के रेलवे स्टेशन के बाहर के यादगार विदाई समारोह से लेकर चित्तौड़ तक की ट¬ेन यात्रा फिर सांवरिया जी के दरबार तक की बस यात्रा आनंद मय रही। यह पहला पढाव था। रात में ट¬ेन यात्रा से सुबह श्री ठाकुर जी की जन्मभूमि की रज के स्पर्श के साथ मथुरानगरी में प्रवेश हुआ। वहां भी बसें मौजूद थीं। मथुरा वृंदावन के बीच एक बड़े ही सुन्दर परिसर में ठहरने की व्यवस्था थी। नीचे के ही डोम में नाश्ता भोजन की सेवा उपलब्धता थी सभी का आत्मीय समागम रहा। स्नेहमय भी। ट¬ेन बस में सभी का परिचय नहीं हो पाता यही उपयुक्त स्थान परिचयात्मक भेंट के लिए भी रहा। द्वितीय दिवस यमुनाजी का सुंदरी महोत्सव सानंद संपन्न हुआ। महोत्सव में सांसद सुधीर गुप्ता भी शामिल हुए दिल्ली से गरोठ भानपुरा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ और भाजपा नेता मुकेश काला भी साथ आए। शेष समय में सभी ने परंपरागत रूप से मथुरा वृंदावन के मंदिरों के दर्शन किए। पहली बार के यात्री प्राचीन और नवीनतम मंदिरों में दर्शन कर अभी भूत हो गए ।
तीसरा दिन श्री गोवर्धन परिक्रमा का था श्रध्दा पूर्वक परिक्रमा पूरी हुई गोविंद कुंड पर महाप्रभु श्रीमद् वल्लभाचार्य जी की बैठक स्थल भी है यहां के मनोरथ का भी अलौकिक आनंद रहा तो सीताराम आश्रम के भंडारे का दृश्य अभी भी आंखों में घूमता है। सप्ताहांत और वषर्ांत होने के कारण और लगातार तीन छुट्टियां के भी कारण ब्रज धाम में असीमित श्रध्दालु आए थे। इलाहाबाद के महाकुंभ में उमड़ते श्रध्दालुओं की भीड़ का सा दृश्य हर जगह नजर आया। मन में खुशी हुई कि देश के अपार हिंदू हमारे मूल धर्म स्थलों से जुड़ रहे हैं। उनके महत्व को समझ रहे हैं। इन भावों को लेकर इस भीड़ को गृहण करें तो किंचित होने वाली असुविधाएं भी खुशी खुशी स्वीकार हो जाती है। यही भाव सभी के रहे ।
ठाकुर जी की प्रत्यक्ष कृपा का प्रतिफल यह देखिए कि जिस ट¬ेन को हमें पकड़ता था हर जगह ट¬ैफिक होने से कई यात्री ट¬ेन के तय समय से विलंब से स्टेशन पहुंचे प्रभु कृपा यह रही कि पिछले एक हफ्ते से 1 मिनट भी लेट नहीं होने वाली यह ट¬ेन पूरे एक घंटा 15 मिनट लेट हुई और सभी यात्री बहुत आराम से ट¬ेन में आ गए और ट¬ैफिक में फंसने और समय पर नहीं पहुंच पाने का तनाव स्वत: समाप्त हो गया ।
रात को ट¬ेन मिल जाने के सुकून से सुबह डेमो के निकल जाने का कोई भी अफसोस किसी यात्री को नहीं हुआ । जिन्हें आवश्यक कार्य था वे साधनों से निकल गए । शेष यात्रियों ने चित्तौड़ की कोहरे की बहुत ही खूबसूरत सुबह की गुलाबी ठंड का आनंद लिया ऐसा लग रहा था मानो आज मेवाड़ के वीर पराक्रमी राजाओं की यह भूमि आज कुल्लू मनाली के मौसम का अहसास दिला रही थी।इस खुशनुमा मौसम में दो ढाई घंटे का इंतजार कब खत्म हो गया और अगली ट¬ेन आ गई सब सवार हो गए और स्वनगर वापसी का सौभाग्य सोमवार 25 दिसंबर को प्रात: 11 बजे सभी को प्राप्त हो गया। यात्रियों ने प्रबंधकीय टीम को साधुवाद दिया जिनके द्वारा बनती कोशिश बेहतर व्यवस्थाएं दीं गई ।
यात्रा दल के साथ गए वरिष्ठ पत्रकार डा. घनश्याम बटवाल और ब्रजेश जोशी ने बताया कि यात्रा के आंनद की अनुभूति सभी यात्रियों को हुई । ठाकुर जी के धाम में श्रध्दालुओं की इतनी अधिक भीड़ को देखकर हृदय में असीम आनंद का अनुभव हुआ । हमारी सनातन परंपरा और इस परंपरा के पोषक हमारे तीर्थों के प्रति देश वासियों की श्रध्दा और समर्पण की यह भावना मुखरित हो रही है यह सुखद है। यात्रा का यह समूह इस वर्ष विस्तारित हुआ ऐसा लगा मानो हमारा परिवार बढ़ गया यह भी ठाकुर जी की ही कृपा का प्रतिफल है। सहयात्रियों के संग का ऐसा आनंद कि 22 दिसंबर को पहले दिन मंदसौर से चित्ताौड़ कब आ गया तब पता चला जब कानों में आवाज आई उतरो उतरो चितौड़ आ गया।बसें बाहर तैयार थीं समय सीमा में श्री सांवरिया जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर पुन: चितौड़ में श्रेष्ठीमना श्री इनानी जी के रमणीय सुरम्य फार्म हाउस पर जलपान और स्वादिष्ट स्नेह भोज का आनंद सभी ने लिया। मंदसौर के रेलवे स्टेशन के बाहर के यादगार विदाई समारोह से लेकर चित्तौड़ तक की ट¬ेन यात्रा फिर सांवरिया जी के दरबार तक की बस यात्रा आनंद मय रही। यह पहला पढाव था। रात में ट¬ेन यात्रा से सुबह श्री ठाकुर जी की जन्मभूमि की रज के स्पर्श के साथ मथुरानगरी में प्रवेश हुआ। वहां भी बसें मौजूद थीं। मथुरा वृंदावन के बीच एक बड़े ही सुन्दर परिसर में ठहरने की व्यवस्था थी। नीचे के ही डोम में नाश्ता भोजन की सेवा उपलब्धता थी सभी का आत्मीय समागम रहा। स्नेहमय भी। ट¬ेन बस में सभी का परिचय नहीं हो पाता यही उपयुक्त स्थान परिचयात्मक भेंट के लिए भी रहा। द्वितीय दिवस यमुनाजी का सुंदरी महोत्सव सानंद संपन्न हुआ। महोत्सव में सांसद सुधीर गुप्ता भी शामिल हुए दिल्ली से गरोठ भानपुरा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ और भाजपा नेता मुकेश काला भी साथ आए। शेष समय में सभी ने परंपरागत रूप से मथुरा वृंदावन के मंदिरों के दर्शन किए। पहली बार के यात्री प्राचीन और नवीनतम मंदिरों में दर्शन कर अभी भूत हो गए ।
तीसरा दिन श्री गोवर्धन परिक्रमा का था श्रध्दा पूर्वक परिक्रमा पूरी हुई गोविंद कुंड पर महाप्रभु श्रीमद् वल्लभाचार्य जी की बैठक स्थल भी है यहां के मनोरथ का भी अलौकिक आनंद रहा तो सीताराम आश्रम के भंडारे का दृश्य अभी भी आंखों में घूमता है। सप्ताहांत और वषर्ांत होने के कारण और लगातार तीन छुट्टियां के भी कारण ब्रज धाम में असीमित श्रध्दालु आए थे। इलाहाबाद के महाकुंभ में उमड़ते श्रध्दालुओं की भीड़ का सा दृश्य हर जगह नजर आया। मन में खुशी हुई कि देश के अपार हिंदू हमारे मूल धर्म स्थलों से जुड़ रहे हैं। उनके महत्व को समझ रहे हैं। इन भावों को लेकर इस भीड़ को गृहण करें तो किंचित होने वाली असुविधाएं भी खुशी खुशी स्वीकार हो जाती है। यही भाव सभी के रहे ।
ठाकुर जी की प्रत्यक्ष कृपा का प्रतिफल यह देखिए कि जिस ट¬ेन को हमें पकड़ता था हर जगह ट¬ैफिक होने से कई यात्री ट¬ेन के तय समय से विलंब से स्टेशन पहुंचे प्रभु कृपा यह रही कि पिछले एक हफ्ते से 1 मिनट भी लेट नहीं होने वाली यह ट¬ेन पूरे एक घंटा 15 मिनट लेट हुई और सभी यात्री बहुत आराम से ट¬ेन में आ गए और ट¬ैफिक में फंसने और समय पर नहीं पहुंच पाने का तनाव स्वत: समाप्त हो गया ।
रात को ट¬ेन मिल जाने के सुकून से सुबह डेमो के निकल जाने का कोई भी अफसोस किसी यात्री को नहीं हुआ । जिन्हें आवश्यक कार्य था वे साधनों से निकल गए । शेष यात्रियों ने चित्तौड़ की कोहरे की बहुत ही खूबसूरत सुबह की गुलाबी ठंड का आनंद लिया ऐसा लग रहा था मानो आज मेवाड़ के वीर पराक्रमी राजाओं की यह भूमि आज कुल्लू मनाली के मौसम का अहसास दिला रही थी।इस खुशनुमा मौसम में दो ढाई घंटे का इंतजार कब खत्म हो गया और अगली ट¬ेन आ गई सब सवार हो गए और स्वनगर वापसी का सौभाग्य सोमवार 25 दिसंबर को प्रात: 11 बजे सभी को प्राप्त हो गया। यात्रियों ने प्रबंधकीय टीम को साधुवाद दिया जिनके द्वारा बनती कोशिश बेहतर व्यवस्थाएं दीं गई ।