Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर। इसे सिस्टम की विडबंना कहे या अफसरों की लापरवाही लेकिन जिले में खुले नलकूप व बिना मुंडेर के कुओं पर प्रतिबंध के बाद इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुछ समय पहले हादसों के बाद एक बार फिर कलेक्टर ने सख्ती दिखाई। कुछ जगहों पर एफआईआर हुई और फिर निर्देशों की हवा निकल गई। जिले में अन्य जगहों पर जहां कुओं पर सुरक्षा का अभाव है तो कही पर ना मुंडेर है और ना जाली फिर भी समीप से आवाजाही जारी है उन स्थानों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिकायतें सीएम हेल्पलाईन के साथ जनसुनवाई में भी हुई। लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही।
आदेश के बाद जिले में नहीं हो रही कार्रवाई
कुछ समय पहले इंदौर में बावड़ी धंसने से कई लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद प्रदेशभर में बिना मुंडेर के कुएं और बावडिय़ों के लिए निर्देश जारी हुए। मंदसौर जिले में कलेक्टर ने आदेश जारी कर बिना मुंडेर के कुएं व बावड़ी व नलकूप जिसमें बच्चों व व्यक्तियों के गिरने की आशंका है। उन्हें रोकने के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए थे। लेकिन जिले में इस आदेश पर ना तो कार्रवाई हुई ओर ना ही इसका पालन हुआ। कुछ जगहों पर एफआईआर के बाद मामला निर्देशों पर औपचारिकता निभा ली गई।
यह है आदेश
उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय में अनुपयोगी एवं खुले नलकूप निजी एवं सार्वजनिक बोरवल, कुएं कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए में छोटे बच्चों एवं अन्य व्यक्तियों के गिरने की घटनाओं को देखते हुए जिले की सीमा में कलेकटर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। इसमें बताया कि निजी/सार्वजनिक अनुपयोगी खुले कुए, कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए आदि को लोहे की मजबूत जाली लगाकर बंद किया जाए तथा जाली लगाने के बाद उसकी मुंडेर इनती ऊंची बनाई जाए कि बच्चे या कोई व्यक्ति उसमें गिर न सके। इधर आदेश को न मानते हुए धारा 144 का उल्लंघन किया जा रहा है।
आदेश के बाद जिले में नहीं हो रही कार्रवाई
कुछ समय पहले इंदौर में बावड़ी धंसने से कई लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद प्रदेशभर में बिना मुंडेर के कुएं और बावडिय़ों के लिए निर्देश जारी हुए। मंदसौर जिले में कलेक्टर ने आदेश जारी कर बिना मुंडेर के कुएं व बावड़ी व नलकूप जिसमें बच्चों व व्यक्तियों के गिरने की आशंका है। उन्हें रोकने के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए थे। लेकिन जिले में इस आदेश पर ना तो कार्रवाई हुई ओर ना ही इसका पालन हुआ। कुछ जगहों पर एफआईआर के बाद मामला निर्देशों पर औपचारिकता निभा ली गई।
यह है आदेश
उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय में अनुपयोगी एवं खुले नलकूप निजी एवं सार्वजनिक बोरवल, कुएं कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए में छोटे बच्चों एवं अन्य व्यक्तियों के गिरने की घटनाओं को देखते हुए जिले की सीमा में कलेकटर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। इसमें बताया कि निजी/सार्वजनिक अनुपयोगी खुले कुए, कुईया, बावड़ी, बिना मुंडेर वाले कुए आदि को लोहे की मजबूत जाली लगाकर बंद किया जाए तथा जाली लगाने के बाद उसकी मुंडेर इनती ऊंची बनाई जाए कि बच्चे या कोई व्यक्ति उसमें गिर न सके। इधर आदेश को न मानते हुए धारा 144 का उल्लंघन किया जा रहा है।