Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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70 से अधिक गिरोह की सूची मंडल ने पुलिस को सौपी, पुलिस जूटी तलाश में
मंदसौर।
एमपी बोर्ड की परीक्षाएं 5 फरवरी से शुरू हो रही हैं। इससे पहले ही फर्जी पेपर बनाने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) मप्र द्वारा फर्जी गिरोह के लिए सर्च अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसमें 70 से अधिक गिरोह की सूची मंडल ने साइबर पुलिस को सौंपी है। यह अभियान अभी भी जारी है। सोशल मीडिया पर छात्रों को ओरिजिनल पेपर देने का झांसा देकर पैसे ऐंठने वाले यह गिरोह चैटजीपीटी की मदद से फर्जी पेपर तैयार कर रहे हैं, जो देखने में एमपी बोर्ड के पेपर के जैसे ही हैं, जिसमें बकायदा मंडल का लोगो भी लगा होता है।विद्यार्थी रहें सावधान, झांसे में न आएं इसके खिलाफ माशिमं ने एक नोटिस जारी किया है। लिखा गया है सोशल मीडिया पर 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए फर्जी पेपर दिखाए जा रहे हैं। कई छात्र पढ़ भी रहे हैं, लेकिन असल में ये सभी पेपर्स फेक हैं। अहम बात यह है कि यह फर्जी पेपर पूरी तरह से असली सैंपल पेपर से मिलतेजुलते हैं जिसकी वजह से छात्र सबसे ज्यादा कंफ्यूज हो रहे हैं।
मोबाइल मिला तो होगी जेल
पिछले साल परीक्षा से कुछ समय पहले पेपर लीक की घटना के बाद मंडल में परीक्षा के दौरान मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है। सिर्फ कलेक्टर प्रतिनिधि के पास ही मोबाइल होगा। केंद्र अध्यक्ष और ड्यूटी देने वाले अन्य शिक्षक भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। परीक्षा केंद्रों पर इन लोगों की चेकिंग होगी, साथ ही परीक्षा केंद्र अध्यक्ष को मोबाइल न होने का सर्टिफिकेट भी देना होगा।

फर्जी पेपर तैयार करने वाले गिरोह के लिए मंडल द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है। अभी 72 गिरोह की सूची साइबर पुलिस को सौंपी है।ं छात्र-छात्राओं को सावधान रहना चाहिए। मंडल ने पेपर में इंटरनल सिक्योरिटी भी बढ़ाई है। इसलिए ऑरिजिनल पेपर लीक करना आसान नहीं होगा। परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
केडी त्रिपाठी, माशिमं सचिव  


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