Friday, May 3rd, 2024 Login Here
राहगीर परेशान, जवाबदार मौन,खतरे में बड़ी पुल ?
( राव प्रीतेश सिंह )
मंदसौर। धीमे से भी अति धीमे गति से शिवना नदी के ऊपर मुक्तिधाम स्थित बड़ी पुल के समानांतर एक और पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके चलते बड़ी पुल और नीचे स्थित छोटी पुल को एकाकी मार्ग कर दिया गया। एकाकी मार्ग करने के पूर्व जवाबदारों ने राहगीरों,वाहन चालकों की तकलीफों का जरा सा भी खयाल नहीं किया और अनंत गड्डो से युक्त जर्जर तकलीफ भरे मार्ग पर ही यातायात प्रारंभ करवा दिया। ऐसी भी क्या जल्दी थी ? अब हर वाहन चालक धूल और गड्ढो की तकलीफों से परेशान हो रहा है।
लंबे समय से शिवना नदी पर मुक्तिधाम के यहां बड़ी पुल के समानांतर नवीन पुल के निर्माण का कार्य चल रहा है कुछ दिन पूर्व अचानक ही निर्माण एजेंसी द्वारा छोटी पुलिया पर दलोदा, सीतामऊ तरफ जाने का एकाकी मार्ग प्रारंभ करवा दिया गया। पुलिया की जर्जर हालत और बे हिसाब गड्डों के कारण वाहन चालक परेशान है, सुबह से शाम तक सूरज की रोशनी में तो फिर भी गड्ढे दिख जाते है पर रात में यह रास्ता और कष्टकारी हो जाता है क्योंकि यहां पर समुचित लाइटों की भी व्यवस्था नहीं है। सिर्फ वाहन चालक ही नहीं यहां के दुकानदार भी उड़ती धूल से परेशान है कुछ समय पूर्व होने अपना विरोध प्रदर्शन भी किया लेकिन किसी भी जगह उनकी सुनवाई नहीं हुई मार्ग के हालात बद से बदतर ही है।
कायदे से तो पहले मार्ग को सुधारा जाना था उस पर डामरीकरण किया जाना था उसके बाद इस पर से यातायात चालू करना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं , ना तो जवाबदार सरकारी अधिकारियों ने इस और ध्यान देकर जनता की सुविधा के लिए कोई प्रयास किया ना ही निगरानी रखी ऐसे में निर्माण एजेंसी की मनमानीयो के चलते वाहन चालकों को तकलीफे भोगना पढ़ रही है।
जर्जर मार्ग के गड्ढों से बचने के लिए अनेक वाहन चालक अभी भी शिवना पुल पर से होकर निकल रहे हैं ऐसे में पुलिया पर जो दो जगह ब्रिज निर्माण के लिए बैरिकेट्स रखे हुए हैं वहां पर कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है, और तो और दुपहिया के साथ साथ लोडिंग व चार पहिया वाहन भी बड़े पुल से निकल रहे हैं ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना या हादसा घटित हो सकता है स्कूली बच्चों से भरे टेंपो भी एकाकी मार्ग के विपरीत जाते हुए दिखे हैं ऐसे में नोनिहालों की जान भी खतरे में है।
जिस मंद गति से निर्माण कार्य चल रहा है उसे हिसाब से निश्चित मानिए की बारिश के दौरान और भी परेशानियां वाहन चालकों को उठाना पड़ेगी अगर मार्ग को सुधार नहीं गया। राहगीरों के लिए सिर्फ जर्जर मार्ग ही परेशानी का कारण नहीं है यहां भारी मशीनों से चल रहे पिलर निर्माण कार्यों से भी कभी भी जरा सी असावधानी से गंभीर हादसा घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसी क्या मजबूरी या ऐसे क्या कारण बने जिसके चलते अचानक बड़ी पुल को एकाकी मार्ग करना पड़ा और छोटी पुलिया से जर्जर स्थिति में भी यातायात चालू करना पड़ा।
खतरे में बड़ी पुल....?
समानांतर बना रही पुलिया के पिलर निर्माण के दौरान ऐसा तो कुछ हुआ नहीं जिसके चलते बड़ी पुलिया की सेहत बिगड़ रही हो या वह खतरे में आ गई हो ?? क्योंकि बड़ी पुल पर देखा जावे तो पूरा मार्ग सही है लेकिन जहां-जहां पुलिया के जोड़ है वहां वहां डामर उखड़ रहा है और गहरे गड्ढे पड़ रहे हैं, पुल के पूरे सड़क का डामरीकरण सही होना और सिर्फ जोड़ों के यहां पर डामर निकलकर गड्ढे पढ़ना कहीं किसी खतरे की ओर इशारा तो नहीं कर रहा है यह जवाबदारों को देखना चाहिए।
( राव प्रीतेश सिंह )
मंदसौर। धीमे से भी अति धीमे गति से शिवना नदी के ऊपर मुक्तिधाम स्थित बड़ी पुल के समानांतर एक और पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके चलते बड़ी पुल और नीचे स्थित छोटी पुल को एकाकी मार्ग कर दिया गया। एकाकी मार्ग करने के पूर्व जवाबदारों ने राहगीरों,वाहन चालकों की तकलीफों का जरा सा भी खयाल नहीं किया और अनंत गड्डो से युक्त जर्जर तकलीफ भरे मार्ग पर ही यातायात प्रारंभ करवा दिया। ऐसी भी क्या जल्दी थी ? अब हर वाहन चालक धूल और गड्ढो की तकलीफों से परेशान हो रहा है।
लंबे समय से शिवना नदी पर मुक्तिधाम के यहां बड़ी पुल के समानांतर नवीन पुल के निर्माण का कार्य चल रहा है कुछ दिन पूर्व अचानक ही निर्माण एजेंसी द्वारा छोटी पुलिया पर दलोदा, सीतामऊ तरफ जाने का एकाकी मार्ग प्रारंभ करवा दिया गया। पुलिया की जर्जर हालत और बे हिसाब गड्डों के कारण वाहन चालक परेशान है, सुबह से शाम तक सूरज की रोशनी में तो फिर भी गड्ढे दिख जाते है पर रात में यह रास्ता और कष्टकारी हो जाता है क्योंकि यहां पर समुचित लाइटों की भी व्यवस्था नहीं है। सिर्फ वाहन चालक ही नहीं यहां के दुकानदार भी उड़ती धूल से परेशान है कुछ समय पूर्व होने अपना विरोध प्रदर्शन भी किया लेकिन किसी भी जगह उनकी सुनवाई नहीं हुई मार्ग के हालात बद से बदतर ही है।
कायदे से तो पहले मार्ग को सुधारा जाना था उस पर डामरीकरण किया जाना था उसके बाद इस पर से यातायात चालू करना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं , ना तो जवाबदार सरकारी अधिकारियों ने इस और ध्यान देकर जनता की सुविधा के लिए कोई प्रयास किया ना ही निगरानी रखी ऐसे में निर्माण एजेंसी की मनमानीयो के चलते वाहन चालकों को तकलीफे भोगना पढ़ रही है।
जर्जर मार्ग के गड्ढों से बचने के लिए अनेक वाहन चालक अभी भी शिवना पुल पर से होकर निकल रहे हैं ऐसे में पुलिया पर जो दो जगह ब्रिज निर्माण के लिए बैरिकेट्स रखे हुए हैं वहां पर कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है, और तो और दुपहिया के साथ साथ लोडिंग व चार पहिया वाहन भी बड़े पुल से निकल रहे हैं ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना या हादसा घटित हो सकता है स्कूली बच्चों से भरे टेंपो भी एकाकी मार्ग के विपरीत जाते हुए दिखे हैं ऐसे में नोनिहालों की जान भी खतरे में है।
जिस मंद गति से निर्माण कार्य चल रहा है उसे हिसाब से निश्चित मानिए की बारिश के दौरान और भी परेशानियां वाहन चालकों को उठाना पड़ेगी अगर मार्ग को सुधार नहीं गया। राहगीरों के लिए सिर्फ जर्जर मार्ग ही परेशानी का कारण नहीं है यहां भारी मशीनों से चल रहे पिलर निर्माण कार्यों से भी कभी भी जरा सी असावधानी से गंभीर हादसा घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसी क्या मजबूरी या ऐसे क्या कारण बने जिसके चलते अचानक बड़ी पुल को एकाकी मार्ग करना पड़ा और छोटी पुलिया से जर्जर स्थिति में भी यातायात चालू करना पड़ा।
खतरे में बड़ी पुल....?
समानांतर बना रही पुलिया के पिलर निर्माण के दौरान ऐसा तो कुछ हुआ नहीं जिसके चलते बड़ी पुलिया की सेहत बिगड़ रही हो या वह खतरे में आ गई हो ?? क्योंकि बड़ी पुल पर देखा जावे तो पूरा मार्ग सही है लेकिन जहां-जहां पुलिया के जोड़ है वहां वहां डामर उखड़ रहा है और गहरे गड्ढे पड़ रहे हैं, पुल के पूरे सड़क का डामरीकरण सही होना और सिर्फ जोड़ों के यहां पर डामर निकलकर गड्ढे पढ़ना कहीं किसी खतरे की ओर इशारा तो नहीं कर रहा है यह जवाबदारों को देखना चाहिए।