Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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मंदसौर का बाबू सिंधी आढतिया से ंबतस्कर बना फिर जमीन के कारोबार में उतरा और जेल पहुंच गया
मंदसौर।
समाजसेवी अशोक अरोरा पर नीमच में हुए हमले के मामले में आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ जारी है। कई नामों का खुलासा होने की अभी और संभावना है। इधर शूटर बाबू फकीर की मौत के बाद अकरम और आशिक के बाद उदयपुर की शाहिद पिता एजाज हुसैन की भी पहचान पुलिस ने कर ली है। इसके अलावा मंदसौर में मदारपुरा के रहने वाले कल्लू पिता रशीद शाह और जफर पिता शाहिद शाह की पुलिस को तलाश है। इन दोनों ने बाइक से अशोक की रैकी की थी। इधर मामले में यह बात तय हो चुकी है कि जमीन कारोबार में नंबर वन बनकर वर्चस्व कायम करने के चक्कर में बाबू सिंधी सलाखों के पिछे पहुंच गया।
आढ़तिया, तस्करी और फिर जमीन
मूलतः मंदसौर के रहने वाले बाबू सिंधी ने आढ़तिया का काम शुरू किया, इसके बाद तस्करी करने लगा। कम समय में ही पुलिसवालों के साथ मिलकर तस्करी का जाल राजस्थान, हरियाणा,पंजाब तक फैला लिया था। वह डोडा चूरा को अपने गोदाम रखे गेहूं में मिलाकर दूसरे राज्यों में भेजता था। जहां मशीनों से गेहूं और डोडाचूरा अलग कर तस्करी की जाती थी।केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) ने 26 अगस्त 2021 को औद्योगिक क्षेत्र में बाबू सिंधी के गोदाम पर दबिश देकर 255 क्विंटल डोडा चूरा, काला दाना, धोलापाली जब्त किए थे। इस मामले में सीबीएन ने 10 लोगों को आरोपी बनाया था। इसी प्रकरण में बाबू सिंधी जेल में था। उधर, अशोक अरोरा भी शराब ठेके के साथ प्रॉपर्टी कारोबार में उतर चुके थे। कई जमीन की खरीदी-बिक्री में बाबू सिंधी और अशोक अरोरा का हित टकराया। जब अगस्त 2021 में बाबू सिंधी के गोदाम पर सीबीएन की दबिश पड़ी और वह गिरफ्तार हुआ तो, उसका संदेह अशोक अरोरा पर ही था। उसे लगता है कि अरोरा ने ही सीबीएन को ये टिप दी थी।
अशोक को समझता था राह में  रोडा

एसपी अमित तोलानी के मुताबिक बाबू सिंधी समझता था कि अशोक अरोरा उसकी राह में रोड़ा है। उसने अरोरा की हत्या की साजिश इसी मकसद से रची थी। वह चाहता था कि अशोक अरोरा की हत्या के बाद मंदसौर और नीमच में उसके नाम का खौफ होगा। वह तस्करी से लेकर प्रॉपर्टी और शराब ठेके में अपना वर्चस्व स्थापित कर सकेगा।  एसपी का कहना है कि बाबू सिंधी को रिमांड पर लिया गया है। उसने वारदात के एवज में एक बड़ी रकम हमलावरों को दी थी। इस हमले की साजिश में शामिल फरार दो शूटर के अलावा 5 अन्य आरोपियों की धरपकड़ की कोशिश की जा रही है।
इसलिए राकेश मिल गया बाबू से

दरअसल, अशोक अरोरा का पिछले 30-35 सालों से नीमच और मंदसौर जिले में शराब ठेके का कारोबार है। इसके साथ ही अरोरा प्रॉपर्टी कारोबार में भी सक्रिय हैं।अशोक अरोरा जहां शराब ठेके और प्रॉपर्टी कारोबार में तेजी से आगे निकल गए। वहीं छोटा भाई राकेश अरोरा उनकी परछाई ही बनकर रह गया। पहले वह बड़े भाई के कारोबार में सहयोगी रहा। बाद में राहें जुदा हो गईं। भाई की तरक्की देख राकेश ईर्ष्या से भर गया था। बाबू सिंधी की दुश्मनी से उसे राह सूझी। बाबू सिंधी के साथ मिलकर राकेश अरोरा ने भाई के कत्ल की साजिश रची थी।
हमले की जगह और समय सब तय करके आए थे शूटर

कारोबारी अशोक अरोरा हर दिन ऑफिस से शाम को सीआरपीएफ रोड स्थित अपने घर जाते थे। बाबू सिंधी और उसके शूटरों को इसकी जानकारी थी। आरोपियों ने कारोबारी अशोक अरोरा पर हमले की जगह चोपड़ा चौराहे को चुना था। चौराहा होने की वजह से यहां से हमलावरों को भागने में आसानी थी। यहां पुलिस का मूवमेंट भी नहीं रहता है।घटनास्थल के सामने ही अशोक अरोरा के भाई राकेश अरोरा का ऑफिस है। इस हमले के बाद से ही राकेश अरोरा से प्रॉपर्टी के विवाद की बात सामने आई थी। राकेश अरोरा पुलिस के रडार पर पहले दिन से था।
Chania