Friday, May 3rd, 2024 Login Here
तैयारी पूरी, कलेक्टोरेट में जगह तय, डाक कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया।
मन्दसौर। पासपोर्ट सेवा केंद्र का इंतजार कर रहे मंदसौरवासियों के लिए अच्छी खबर है। मंदसौर में अब पासपोर्ट सेवा केंद्र प्रारंभ हो जाएगा। पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए पांच साल से चल रही जगह चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है। पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए कलेक्टर कार्यालय भवन में एक कक्ष मिला है।
शहर सहित पिपलियामंडी में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए जगह देखी गई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से सभी दूर जगह चयनित नहीं हो सकी। इसके बाद आखिरकार कलेक्टर कर्यालय में कक्ष मिल गया है। इस कक्ष में अब टीसीएस कंपनी द्वारा केबिन एवं अन्य कार्य पूरे किये जाएंगे।पासपोर्ट सेवा केंद्र को प्रारंभ करने के लिए डाक विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी मंदसौर-नीमच जिले के लोगों को रतलाम, इंदौर व भोपाल तक जाना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर शहर सहित पिपलियामंडी में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए जगह देखी गई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से सभी दूर जगह चयनित नहीं हो सकी। इसके बाद आखिरकार कलेक्टर कर्यालय में कक्ष मिल गया है। इस कक्ष में अब टीसीएस कंपनी द्वारा केबिन एवं अन्य कार्य पूरे किये जाएंगे।
पासपोर्ट सेवा केंद्र को प्रारंभ करने के लिए डाक विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी मंदसौर-नीमच जिले के लोगों को रतलाम, इंदौर व भोपाल तक जाना पड़ रहा है।
शहर डाकघर में भी पासपोर्ट केंद्र के लिए हुई थी तैयारी जनवरी 2019 में पासपोर्ट कार्यालय भोपाल से जमीन मांगे जाने पर डाक विभाग ने घंटाघर स्थित डाकघर में डाकियों के लिए बनाए कक्ष में पासपोर्ट कार्यालय शुरू करने का सुझाव भी भोपाल भेजा था। प्रक्रिया के दौरान 16 जनवरी 2019 को शहर के डाकघर घंटाघर पर पहुंचकर सांसद सुधीर गुप्ता ने इसकी जानकारी ली एवं पासपोर्ट कार्यालय के लिए निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण भी किया था, लेकिन इस सबके बाद भोपाल से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते प्रक्रिया रुक गई।
नवंबर 2019 में तत्कालीन डाक अधीक्षक आरडी कौरव सहित अधिकारियों ने तत्कालीन कलेक्टर मनोज पुष्प से मुलाकात कर नवीन कलेक्टर कार्यालय भवन में पासपोर्ट सेवा केंद्र एवं डाक सेवाओं के लिए दो कक्ष मांग की थी। डाक विभाग ने अगस्त 2020 में पिपलियामंडी में स्थित विभाग की बिल्डिंग में पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा थी, इस पर भी आगे पहल नहीं हुई थी।
हर माह आते हैं 100 से अधिक आवेदन
मंदसौर जिले से प्रतिवर्ष औसतन एक हजार से अधिक लोगों के पासपोर्ट बनते हैं। अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन चार से पांच लोगों के आवेदन आते हैं। मंदसौर से सिंधी समाज एवं बोहरा समाज के लोगों के रिश्तेदार एवं व्यवसाय विदेशों में होने से वे अधिकांश जाते हैं।इसके अलावा खिलचीपुरा और खानपुरा क्षेत्र से भी अधिक आवेदन आते हैं। इसके साथ ही नीमच में भी इतने ही लोग हर साल विदेश जाते हैं। मंदसौर में पासपोर्ट केंद्र खुलने से सुविधाएं बढ़ने से पासपोर्ट के लिए आवेदकों की संख्या भी बढ़ेगी। नीमच जिले के लोगों को भी अब रतलाम, इंदौर, भोपाल नहीं जाना पड़ेगा।
2018 में प्रारंभ हुई थी पासपोर्ट सेवा केंद्र की प्रक्रिया
विदेश मंत्रालय द्वारा सभी जिलों में पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) खोलने की हरी झंडी मिलने के बाद मंदसौर में भी दिसंबर 2018 से प्रयास शुरू हुए थे। प्रारंभ में मुख्य डाकघर परिसर में स्थित खाली पड़ी भूमि को चिह्नित किया गया, लेकिन यह भूमि मापदंडों पर खरी नहीं उतरी।
इसके बाद सांसद सुधीर गुप्ता ने मेघदूत नगर में ज्ञानदूत वाचनालय से लगे पुराने परिवहन कार्यालय के भवन में पासपोर्ट कार्यालय स्थापित करने की बात कही थी। इसके लिए नगर पालिका को साफ-सफाई एवं मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए, लेकिन बाद में आगे पहल नहीं हुई।
पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिये कलेक्टर कार्यालय भवन में कक्ष मिला है। अब यहां पर पासपोर्ट सेवा केंद्र प्रारंभ करने की तैयारियां पूरी की जा रही है। सभी कागजी प्रक्रिया हो गई है। डाक विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। संभावना यहीं है की जल्द ही पासपोर्ट सेवा केंद्र का शुभारंभ हो जाएगा। - जगदीशप्रसाद शर्मा, अधीक्षक डाकघर, मंदसौर
मन्दसौर। पासपोर्ट सेवा केंद्र का इंतजार कर रहे मंदसौरवासियों के लिए अच्छी खबर है। मंदसौर में अब पासपोर्ट सेवा केंद्र प्रारंभ हो जाएगा। पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए पांच साल से चल रही जगह चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है। पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए कलेक्टर कार्यालय भवन में एक कक्ष मिला है।
शहर सहित पिपलियामंडी में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए जगह देखी गई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से सभी दूर जगह चयनित नहीं हो सकी। इसके बाद आखिरकार कलेक्टर कर्यालय में कक्ष मिल गया है। इस कक्ष में अब टीसीएस कंपनी द्वारा केबिन एवं अन्य कार्य पूरे किये जाएंगे।पासपोर्ट सेवा केंद्र को प्रारंभ करने के लिए डाक विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी मंदसौर-नीमच जिले के लोगों को रतलाम, इंदौर व भोपाल तक जाना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर शहर सहित पिपलियामंडी में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए जगह देखी गई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से सभी दूर जगह चयनित नहीं हो सकी। इसके बाद आखिरकार कलेक्टर कर्यालय में कक्ष मिल गया है। इस कक्ष में अब टीसीएस कंपनी द्वारा केबिन एवं अन्य कार्य पूरे किये जाएंगे।
पासपोर्ट सेवा केंद्र को प्रारंभ करने के लिए डाक विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी मंदसौर-नीमच जिले के लोगों को रतलाम, इंदौर व भोपाल तक जाना पड़ रहा है।
शहर डाकघर में भी पासपोर्ट केंद्र के लिए हुई थी तैयारी जनवरी 2019 में पासपोर्ट कार्यालय भोपाल से जमीन मांगे जाने पर डाक विभाग ने घंटाघर स्थित डाकघर में डाकियों के लिए बनाए कक्ष में पासपोर्ट कार्यालय शुरू करने का सुझाव भी भोपाल भेजा था। प्रक्रिया के दौरान 16 जनवरी 2019 को शहर के डाकघर घंटाघर पर पहुंचकर सांसद सुधीर गुप्ता ने इसकी जानकारी ली एवं पासपोर्ट कार्यालय के लिए निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण भी किया था, लेकिन इस सबके बाद भोपाल से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते प्रक्रिया रुक गई।
नवंबर 2019 में तत्कालीन डाक अधीक्षक आरडी कौरव सहित अधिकारियों ने तत्कालीन कलेक्टर मनोज पुष्प से मुलाकात कर नवीन कलेक्टर कार्यालय भवन में पासपोर्ट सेवा केंद्र एवं डाक सेवाओं के लिए दो कक्ष मांग की थी। डाक विभाग ने अगस्त 2020 में पिपलियामंडी में स्थित विभाग की बिल्डिंग में पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा थी, इस पर भी आगे पहल नहीं हुई थी।
हर माह आते हैं 100 से अधिक आवेदन
मंदसौर जिले से प्रतिवर्ष औसतन एक हजार से अधिक लोगों के पासपोर्ट बनते हैं। अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन चार से पांच लोगों के आवेदन आते हैं। मंदसौर से सिंधी समाज एवं बोहरा समाज के लोगों के रिश्तेदार एवं व्यवसाय विदेशों में होने से वे अधिकांश जाते हैं।इसके अलावा खिलचीपुरा और खानपुरा क्षेत्र से भी अधिक आवेदन आते हैं। इसके साथ ही नीमच में भी इतने ही लोग हर साल विदेश जाते हैं। मंदसौर में पासपोर्ट केंद्र खुलने से सुविधाएं बढ़ने से पासपोर्ट के लिए आवेदकों की संख्या भी बढ़ेगी। नीमच जिले के लोगों को भी अब रतलाम, इंदौर, भोपाल नहीं जाना पड़ेगा।
2018 में प्रारंभ हुई थी पासपोर्ट सेवा केंद्र की प्रक्रिया
विदेश मंत्रालय द्वारा सभी जिलों में पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) खोलने की हरी झंडी मिलने के बाद मंदसौर में भी दिसंबर 2018 से प्रयास शुरू हुए थे। प्रारंभ में मुख्य डाकघर परिसर में स्थित खाली पड़ी भूमि को चिह्नित किया गया, लेकिन यह भूमि मापदंडों पर खरी नहीं उतरी।
इसके बाद सांसद सुधीर गुप्ता ने मेघदूत नगर में ज्ञानदूत वाचनालय से लगे पुराने परिवहन कार्यालय के भवन में पासपोर्ट कार्यालय स्थापित करने की बात कही थी। इसके लिए नगर पालिका को साफ-सफाई एवं मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए, लेकिन बाद में आगे पहल नहीं हुई।
पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिये कलेक्टर कार्यालय भवन में कक्ष मिला है। अब यहां पर पासपोर्ट सेवा केंद्र प्रारंभ करने की तैयारियां पूरी की जा रही है। सभी कागजी प्रक्रिया हो गई है। डाक विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। संभावना यहीं है की जल्द ही पासपोर्ट सेवा केंद्र का शुभारंभ हो जाएगा। - जगदीशप्रसाद शर्मा, अधीक्षक डाकघर, मंदसौर