Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर। 133 किमी लंबे सिंगल ब्रॉडगेज लाइन वाले रतलाम-नीमच रेल खंड में 14 किमी लंबा दूसरा रेलवे ट्रैक भी तैयार हो गया है। रेलवे का लक्ष्य मार्च तक धाँसवास से नामली तक और अप्रैल में नामली से बड़ायला माताजी तक का दोहरीकरण निपटाना है। दूसरी तरफ नीमच से मल्हारगढ़ सेक्शन में मई तक दूसरे ट्रैक की पटरियां डल जाएंगी। वहीं ब्रॉडगेज में डबलिंग किए जा रहे सेक्शन के 11 स्टेशनों में से 6 का डेवलपमेंट फिनिशिंग के दौर में है। इनमें पिपलिया मंडी, हर्कियाखाल, मल्हारगढ़, नामली, बड़ायला माताजी और धौंसवास स्टेशन शामिल है। इनके और ट्रैक बिछाने समेत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रेलवे करीब 7.5 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर चुका है। इसके अलावा ट्रैक, ओएचई, सिग्नल, मैकेनिकल के साथ इलेक्ट्रिकल वर्क भी किया जा रहा है।वर्तमान में नीमच के मुकाबले रतलाम तरफ से काम थोड़ा सुस्त चल रहा है। मॉनिटरिंग टीम ने इसे जल्द बढ़ाने के लिए कहा है। फिलहाल 63.94 किमी लंबे नीमच से दलौदा, 45.05 किमी लंबे दलौदा से बड़ायला चौरासी और 24.38 किमी लंबे बड़ायला चौरासी से रतलाम तक सभी डिपार्टमेंट की टीम और ठेकेदार फर्म एक साथ जुटी हुई है। दोहरीकरण का काम ऐसे ही चलता है तो अप्रैल 2025 तक ना केवल डबलिंग प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, बल्कि ट्रायल और सीआरएस निरीक्षण होकर गाडिय़ां भी चलने लगेंगी।
ऐसा है रतलाम-नीमच दोहरीकरण प्रोजेक्ट
लगभग 132.92 किमी लंबा है।
रतलाम-नीमच रेल खंड • ट्रैक, स्टेशन बिल्डिंग, क्वार्टर आदि सुविधा के लिए करीब 7.3 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। • जमीन लेने के बदले प्रभावित किसानों को 9.25 करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ा।
1095 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा दूसरा ट्रैक बिछाने में।
इसमें सिविल वर्क पर 868.84 करोड़, इलेक्ट्रिकल पर 134.33 करोड़, एसएंडटी पर 88.41 करोड़ और मैकेनिकल कार्य पर 4.3 करोड़ खर्च होंगे।
बनने लगा शिवना ब्रिज
ब्रॉडगेज डबलिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण था मंदसौर की शिवना नदी पर बनने वाला मेजर ब्रिज। करीब 6 माह की देरी से ही सही ब्रिज बनना शुरू हो गया है। बाकी के छोटे ब्रिज लगभग तैयार हो गए हैं। प्रोजेक्ट में दूसरी रेल लाइन के लिए 31 बड़े और 133 छोटे समेत 164 ब्रिज बनना है। डीआरएम रजनीश कुमार के अनुसार नीमच से मल्हारगढ़ के बीच पूरी रफ्तार से वर्क किया जा रहा है। अब रतलाम तरफ से भी काम की स्पीड बढ़ गई है। प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरा कर लेंगे।
ऐसे डेवलप हो रहे स्टेशन
दोहरीकरण के बाद ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा इसलिए प्लेटफॉर्म की ऊंचाई और लंबाई बढ़ाई जा रही है।
पैसेंजर की आवाजाही के लिए फुट ओवर ब्रिज
(एफओबी) भी बन रहे हैं। • जिन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की संख्या कम थी, वहां नए प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा रहा।
स्टेशनों की छोटी बिल्डिंग को बड़ी में बदला जा रहा है, कुछ स्टेशनों पर ऑफिस नहीं बने थे, वहां बनाए जा रहे।
ऐसा है रतलाम-नीमच दोहरीकरण प्रोजेक्ट
लगभग 132.92 किमी लंबा है।
रतलाम-नीमच रेल खंड • ट्रैक, स्टेशन बिल्डिंग, क्वार्टर आदि सुविधा के लिए करीब 7.3 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। • जमीन लेने के बदले प्रभावित किसानों को 9.25 करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ा।
1095 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा दूसरा ट्रैक बिछाने में।
इसमें सिविल वर्क पर 868.84 करोड़, इलेक्ट्रिकल पर 134.33 करोड़, एसएंडटी पर 88.41 करोड़ और मैकेनिकल कार्य पर 4.3 करोड़ खर्च होंगे।
बनने लगा शिवना ब्रिज
ब्रॉडगेज डबलिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण था मंदसौर की शिवना नदी पर बनने वाला मेजर ब्रिज। करीब 6 माह की देरी से ही सही ब्रिज बनना शुरू हो गया है। बाकी के छोटे ब्रिज लगभग तैयार हो गए हैं। प्रोजेक्ट में दूसरी रेल लाइन के लिए 31 बड़े और 133 छोटे समेत 164 ब्रिज बनना है। डीआरएम रजनीश कुमार के अनुसार नीमच से मल्हारगढ़ के बीच पूरी रफ्तार से वर्क किया जा रहा है। अब रतलाम तरफ से भी काम की स्पीड बढ़ गई है। प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरा कर लेंगे।
ऐसे डेवलप हो रहे स्टेशन
दोहरीकरण के बाद ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा इसलिए प्लेटफॉर्म की ऊंचाई और लंबाई बढ़ाई जा रही है।
पैसेंजर की आवाजाही के लिए फुट ओवर ब्रिज
(एफओबी) भी बन रहे हैं। • जिन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की संख्या कम थी, वहां नए प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा रहा।
स्टेशनों की छोटी बिल्डिंग को बड़ी में बदला जा रहा है, कुछ स्टेशनों पर ऑफिस नहीं बने थे, वहां बनाए जा रहे।