Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर। मप्र और उससे सटे राज्य राजस्थान में भी चुनाव है। वहीं मंदसौर की सीमा राजस्थान से लगी हुई है। ऐसे में बार्डर मीटिंग के जरिए दोनों राज्य के अधिकारी पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर बैठकें ले रहे हैं। बैठकों में किरायेदारों और होटलों में काम करने वाले बाहर से आए नौकरों की जानकारी भी एकत्रित करने के निर्देश दिए गए है। जबकि अभी तक इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अभी तक शहर के तीनों थानों में लगभग एक हजार किरायेदार या घरेलू नौकरों की जानकारी दी गई है। जबकि शहर में लगभग 5 हजार से अधिक किरायेदार और घरेलू नौकर रहते हैं।
शहर में किला रोड, बालागंज, जीवागंज, जनकूपुरा, खानपुरा, जगतपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में ऐसे कई मकान है जहां एक-एक दर्जन से अधिक किरायेदार रह रहे हैं। इसके अलावा रामटेकरी, अभिनंदन नगर, किटियानी, संजीत नाका साथ ही कॉलोनीय क्षेत्रों में भी कई लोग किराये से रह रहे है। अधिकांश मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों की जानकारी संबंधित थानों में नहीं दी है। अंजान व्यक्ति को बिना कोई पड़ताल किए किरायेदार व घरेलू नौकर रख रहे हैं। इनमें कुछ आपराधिक पृष्ठभूमि के भी होते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में अपराध करने के बाद यहां पर आसानी से रहते हैं। समीक्षा बैंठक में कई एसपी निर्देश जारी कर चुके है पर 40 फीसदी किरायेदार और नौकरों की जानकारी थानों में नहीं पहुंची है।
लापरवाह मकान मालिक
अधिकांश मकान मालिक लापरवाही के चलते बिना जांच-पड़ताल के ही किसी भी व्यक्ति को किरायेदार या नौकर रख लेते हैं जबकि आपराधिक मंसूबों को लेकर ये कुछ समय के लिए शहर में किरायेदार के रूप में रहकर वारदात कर फरार हो जाते हैं। मकान मालिकों ने बताया कि कई लोग अपने व्यवसाय के कारण कुछ माह के लिए मकान किराए पर लेते हैं वे समय-सीमा में चले जाते हैं। सहज विश्वास के कारण पुलिस को सूचना नहीं देते हैं।
थाने पर उपलब्ध फॉर्म लेकर भरना होता है केवल
किरायेदार एवं नौकरों की जानकारी थाने पर देने की प्रक्रिया काफी सरल है। थाने से मिलने वाले फॉर्म पर किरायेदार, नौकर का नाम, मूल पता, कब से कब तक मकान में रहेगा आदि जानकारी के अलावा फोटो, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर देना होता है। पुलिस नाम व फोटो के आधार पर उसका रिकॉर्ड पता कर लेती है।
शहर में किला रोड, बालागंज, जीवागंज, जनकूपुरा, खानपुरा, जगतपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में ऐसे कई मकान है जहां एक-एक दर्जन से अधिक किरायेदार रह रहे हैं। इसके अलावा रामटेकरी, अभिनंदन नगर, किटियानी, संजीत नाका साथ ही कॉलोनीय क्षेत्रों में भी कई लोग किराये से रह रहे है। अधिकांश मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों की जानकारी संबंधित थानों में नहीं दी है। अंजान व्यक्ति को बिना कोई पड़ताल किए किरायेदार व घरेलू नौकर रख रहे हैं। इनमें कुछ आपराधिक पृष्ठभूमि के भी होते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में अपराध करने के बाद यहां पर आसानी से रहते हैं। समीक्षा बैंठक में कई एसपी निर्देश जारी कर चुके है पर 40 फीसदी किरायेदार और नौकरों की जानकारी थानों में नहीं पहुंची है।
लापरवाह मकान मालिक
अधिकांश मकान मालिक लापरवाही के चलते बिना जांच-पड़ताल के ही किसी भी व्यक्ति को किरायेदार या नौकर रख लेते हैं जबकि आपराधिक मंसूबों को लेकर ये कुछ समय के लिए शहर में किरायेदार के रूप में रहकर वारदात कर फरार हो जाते हैं। मकान मालिकों ने बताया कि कई लोग अपने व्यवसाय के कारण कुछ माह के लिए मकान किराए पर लेते हैं वे समय-सीमा में चले जाते हैं। सहज विश्वास के कारण पुलिस को सूचना नहीं देते हैं।
थाने पर उपलब्ध फॉर्म लेकर भरना होता है केवल
किरायेदार एवं नौकरों की जानकारी थाने पर देने की प्रक्रिया काफी सरल है। थाने से मिलने वाले फॉर्म पर किरायेदार, नौकर का नाम, मूल पता, कब से कब तक मकान में रहेगा आदि जानकारी के अलावा फोटो, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर देना होता है। पुलिस नाम व फोटो के आधार पर उसका रिकॉर्ड पता कर लेती है।