Friday, May 3rd, 2024 Login Here
बचे हुए 961 को भी जल्द लाने की तैयारी
मंदसौर। कूनो नेशनल पार्क के बाद मप्र में चीतों के दूसरे घर गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के आने से पहले उनके शिकार के लिए 961 हिरण शिफ्ट किए जाएंगे। दरअसल, चीतों के लिए प्रदेश के गांधी सागर एवं नौरादेही अभयारण्य को नए ठिकाने के रूप में चयनित किया गया है। इनमें पहले चरण में गांधी सागर अभयारण्य को चीतों की अगवानी करने के लिए लगभग तैयार कर लिया गया है।
चीतों की खुराक के लिए कुल 1250 हिरण लाए जाने हैं, जिनमें से 289 हिरण लाए जा चुके हैं और अब 961 हिरणों को भी जल्द ही गांधी सागर अभयारण्य में शिफ्ट किया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में पालपुर कूनो में 13 व्यस्क चीते एवं आठ शावक चीते हैं। सात चीतों एवं तीन शावकों की मौत विभिन्न बीमारियों से 27 मार्च 2023 से 16 जनवरी 2024 के बीच हो चुकी है
फिर से बसाने के प्रयास
प्रदेश में वर्ष 1952 में विलुप्त हुए चीतों को फिर से बसाने के लिए 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालपुर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीते छोड़े थे और इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए 12 चीते छोड़े गये थे। अभी विदेश से और चीते लाया जाना प्रस्तावित है। वहीं कूनो से भी चीतें शिफ्ट किए जाने हैं। इसलिए गांधी सागर अभयारण्य को चीतों की अगवानी के लिए लगभग तैयार कर लिया गया है।
शाकाहारी वन्य प्राणी को रखने तीन बाड़े बनाएं
गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए 64 वर्ग किमी में सोलर इलेक्ट्रिक फेंसिंग का कार्य, चीतों के लिए क्वारंटाइन बोमा का निर्माण कार्य, क्वारंटाइन बोमा के अंदर कैमरा, पेयजल, कृत्रिम छाया का निर्माण कार्य एवं शिकार बढ़ाने के लिए शाकाहारी वन्य प्राणी के तीन बाड़ों जिनमें 50-50 हेक्टेयर के दो एवं 90 हेक्टेयर का एक बाड़ा शामिल है, को बनाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।
मंदसौर। कूनो नेशनल पार्क के बाद मप्र में चीतों के दूसरे घर गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के आने से पहले उनके शिकार के लिए 961 हिरण शिफ्ट किए जाएंगे। दरअसल, चीतों के लिए प्रदेश के गांधी सागर एवं नौरादेही अभयारण्य को नए ठिकाने के रूप में चयनित किया गया है। इनमें पहले चरण में गांधी सागर अभयारण्य को चीतों की अगवानी करने के लिए लगभग तैयार कर लिया गया है।
चीतों की खुराक के लिए कुल 1250 हिरण लाए जाने हैं, जिनमें से 289 हिरण लाए जा चुके हैं और अब 961 हिरणों को भी जल्द ही गांधी सागर अभयारण्य में शिफ्ट किया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में पालपुर कूनो में 13 व्यस्क चीते एवं आठ शावक चीते हैं। सात चीतों एवं तीन शावकों की मौत विभिन्न बीमारियों से 27 मार्च 2023 से 16 जनवरी 2024 के बीच हो चुकी है
फिर से बसाने के प्रयास
प्रदेश में वर्ष 1952 में विलुप्त हुए चीतों को फिर से बसाने के लिए 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालपुर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीते छोड़े थे और इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए 12 चीते छोड़े गये थे। अभी विदेश से और चीते लाया जाना प्रस्तावित है। वहीं कूनो से भी चीतें शिफ्ट किए जाने हैं। इसलिए गांधी सागर अभयारण्य को चीतों की अगवानी के लिए लगभग तैयार कर लिया गया है।
शाकाहारी वन्य प्राणी को रखने तीन बाड़े बनाएं
गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए 64 वर्ग किमी में सोलर इलेक्ट्रिक फेंसिंग का कार्य, चीतों के लिए क्वारंटाइन बोमा का निर्माण कार्य, क्वारंटाइन बोमा के अंदर कैमरा, पेयजल, कृत्रिम छाया का निर्माण कार्य एवं शिकार बढ़ाने के लिए शाकाहारी वन्य प्राणी के तीन बाड़ों जिनमें 50-50 हेक्टेयर के दो एवं 90 हेक्टेयर का एक बाड़ा शामिल है, को बनाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।