Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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समिति की बैठक में फिर चालु करने का निर्णय, दरारे पड़ने की जांच भी होगी
मंदसौर।
दो साल पहले सहस्त्र शिवलिंग के पास करीब 3700 किलो का महाघंटा लाया गया लेकिन महाघंटे का पेंडल कुछ समय में ही निकालना पड़ा। अब स्थिति यह है कि दरारें चलने के कारण यह किसी काम का नहीं बचा।  बंद पड़े घंटे का मामला गुरूवार को हुई पशुपतिनाथ प्रबंधन समिति की बैठक में उठा। पशुपतिनाथ प्रबंधन समिति की बैठक में मंदसौर कलेक्टर दिलीप कुमार यादव एसपी अनुराग सुजानिया मंदसौर विधायक विपिन जैन नगर पालिका अध्यक्ष रामादेवी गुर्जर जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा की मौजूदगी में घंटे का मामला उठते ही सभी जनप्रतिनिधियों ने एक मत होकर मामले की जांच तथा घंटे को पुनः चालू करने के प्रस्ताव को  रखा। जनप्रतिनिधियों ने घंटे की जांच की मांग भी रखी। इधर अधिकारियों ने तकनीकी खराबी के कारण महाघंटे को खराब होना बताया।
भक्तों के धातु दान से बना महाघंटा

घंटे के निर्माण के लिए 2017 में अभियान चलाया गया। समिति ने शुरुआत में मंदिर में 21 क्विंटल वजनी घंटे को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे पूरा करने के लिए श्री कृष्ण loकामधेनु संस्था के सदस्यों ने हर रविवार जिले में यात्रा निकाली। सदस्यों ने 150 से ज्यादा यात्राओं के माध्यम से मंदसौर शहर और ग्रामीण इलाकों से तांबा-पीतल जमा किया। भक्तों ने घंटा निर्माण में सहयोग देने के लिए बढ़ चढ़ कर भाग लिया और पुराने बर्तन महा घंटा निर्माण के लिए दान में किए। भक्तों ने धातु दान के साथ ही नगद राशि भी सहयोग के रूप में प्रदान की गई थी।
गुजरात की कंपनी ने 6 माह में किया निर्माण

 गुजरात के अहमदाबाद की एक कंपनी को महाघंटा निर्माण का ठेका दिया। घंटे के निर्माण में करीब 36 लाख रुपये की लागत आई है। भक्तों से दान में करीब 25 क्विंटल तांबा-पीतल मिला था। धातु के अलावा 15 लाख रुपये और लागत लगी। महा घंटे के लिए समिति ने करीब साढ़े 3 लाख रुपये त्रस्ञ्ज चुकाई है। गुजरात से मध्य प्रदेश तक महा घंटे को एक स्पेशल ट्रॉली में रखकर लाया गया था।
Chania