Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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मंदसौर। भारतीय रेलवे रतलाम रेल मंडल के रतलाम से लेकर बड़ोदरा तक तीसरी रेल लाइन डालने की शुरूआती तैयारी कर रहा है। नई रेल लाइन पर यात्री से लेकर मालगाड़ी को चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य गुड्स को अधिक गति से अभी लग रहे समय से पूर्व पहुंचाना है।नई दिल्ली से लेकर मुंबई तक इन दिनों रेलवे ने यात्री ट्रेन कीे पूर्व की गति 110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार को बढ़ाकर कुछ समय पूर्व ही 130 किमी प्रतिघंटा किया है। इस बढ़ी हुई रफ्तार से एक्सप्रेस, मेल सहित सुपरफास्ट ट्रेन को दौड़ाया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे ने नई दिल्ली से लेकर मुंबई तक ट्रेन की रफ्तार कायम रहे, किसी प्रकार से ट्रेन संचालन के दौरान बाधा मवेशी आदि से बाधा नहीं हो, इसके लिए सुरक्षा दीवार बनाना शुरू कर दिया है। रतलाम रेल मंडल में ये काम चल रहा है।
इस लाइन पर है ये दबाव

इस समय पश्चिम रेलवे में सबसे व्यस्त रेलवे ट्रैक रतलाम से मुंबई के बीच बड़ोदरा तक का है। इसकी वजह चारों दिशाओं से आने वाली ट्रेन इस मार्ग पर दौड़ती है। कलकत्ता, जयपुर, उदयपुर, अजमेर से मुंबई तरफ जाने वाली यात्री ट्रेन इसी मार्ग का उपयेाग करती है। इसके अलावा पटना, दिल्ली, गाजीपुर, लखनऊ, कानपुर से चलकर मुंबई जाने वाली ट्रेन भी इसी मार्ग से मुंबई तरफ जाती है। यहां तक तो ठीक है, नीमच से लेकर चंदेरिया तक सीमेंट उद्योग अपने माल को अहदमदाबाद, पोर्ट आदि स्थान पर भेजने के लिए इसी रेल लाइन का उपयोग करते है। फिलहाल अप व डाउन लाइन पर दोनों दिशा में ट्रैक क्षमता के मुकाबले 145 प्रतिशत अधिक दबाव से ट्रेन दौड़ रही है।
इसलिए जरूरी तीसरी लाइन

तीन साल से रतलाम से बड़ोदरा के बीच कभी अप लाइन तो कभी डाउन लाइन में रेल दुर्घटना के बाद रेल यातायात देर तक प्रभावित हुआ है। यहां तक की दो से तीन दिन तक मुंबई - नई दिल्ली मुख्य लाइन पर एक लाइन बंद रही। ऐसे में न सिर्फ कई ट्रेन को निरस्त करना पड़ा बल्कि कुछ को अन्य मार्ग से चलाना पड़ा। ऐसे में यात्री के साथ - साथ रेलवे को मालगाड़ी संचालन में परेशानी आई व राजस्व का नुकसान हुआ। इसके बाद ही रेलवे ने तीसरी लाइन की संभावनाओं को तलाशा व अब इस को डालने की तैयारी शुरू कर दी है।
फिलहाल सर्वे होगा, फिर बजट तय

किसी भी नई रेल लाइन को बिछाने के पहले उस पर होने वाले व्यय का सर्वे होता है। सर्वे के बाद डीपीआर बनती है। इसके बाद रेलवे बोर्ड गुणदोष के आधार पर मंजूरी देता है। रतलाम - बड़ोदरा रेल लाइन में भी सर्वे होना शेष है। लेकिन रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि वर्ष 2030 के पहले रेलवे इस लाइन को बिछा लेगा।
फिलहाल कई स्तर का कार्य शेष

रतलाम से बड़ोदरा तीसरी रेल लाइन में कई स्तर का कार्य होना शेष है। वरिष्ठ कार्यालय स्तर पर इस बारे में मंथन जारी है।
- रजनीश कुमार, मंडल रेल प्रबंधक, रतलाम रेल मंडल

आज से पटरी पर दौड़ने लगी उज्जैन-चित्तौड़ यात्री गाड़ी
मंदसौर।
उज्जैन-फतेहाबाद- रतलाम- चित्तौडग़ढ़ पैसेंजर ट्रेन आज 13 मार्च से रोजाना चलना प्रारंभ हो गई। रेलवे ने नियमित सेवा का शेड्यूल फाइनल कर दिया है। इसके मुताबिक यह ट्रेन सुबह 10.05 बजे उज्जैन से चलेगी। दोपहर 12.25 बजे रतलाम होकर 4.20 बजे चित्तौडग़ढ़ पहुंचेगी। वहां से शाम 4.40 बजे चलेगी। रात 8 बजे रतलाम होकर 10.50 बजे उज्जैन पहुंचेगी। खास बात यह है कि यह ट्रेन मेमू रैक नहीं बल्कि आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच से चलेगी। पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि मंगलवार को उज्जैन से ट्रेन को उद्घाटन सेवा के रूप में चलाया गया। बुधवार से नियमित शेड्यूल के अनुसार ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया।
यह रहेगा शेड्यूल
09331 उज्जैन-चित्तौडग़ढ़ उज्जैन से सुबह 10.05 बजे चलकर 10.28 बजे फतेहाबाद, 12.25 बजे रतलाम, दोपहर 1.08 बजे जावरा, 2.09 बजे मंदसौर, 3.02 बजे नीमच, 3.34 बजे निंबाहेड़ा होकर 4.20 बजे चित्तौडग़ढ़ पहुंचेगी।• 09332 चित्तौडग़ढ़-उज्जैन चित्तौडग़ढ़ से शाम 4.40 बजे चलकर 5.02 बजे निंबाहेड़ा, 5.32 बजे नीमच, 6.28 बजे मंदसौर, 7.18 बजे जावरा, रात 8 बजे रतलाम, 9.34 बजे फतेहाबाद होकर 10.50 बजे उज्जैन पहुंचेगी।
तीन साल पहले मिली थी मंजूरी
महाकाल और महाराणा की नगरी को जोडऩे यह ट्रेन तीन साल से लंबित थी। रेलवे बोर्ड ने 2019-20 में प्रपोजल को हरी झंडी दी थी। फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय इसे मेमू रैक से चलाने की प्लानिंग की गई थी। 12 कोच के रैक के लिए रेलवे ने आईसीएफ कोच फैक्टरी चेन्नई को डिमांड भी भेजी थी, जो अब तक नहीं मिला है। बता दें कि 15 साल पहले चित्तौडग़ढ़, नीमच, रतलाम के यात्रियों को वाया फतेहाबाद होते हुए उज्जैन की कनेक्टिविटी मिलती थी। यह 2006 में रतलाम-नीमच सेक्शन का आमान परिवर्तन होने से बंद हो गई थी। इसके बाद यात्रियों को खाचरौद, नागदा होकर उज्जैन जाना पड़ रहा था। उज्जैन-फतेहाबाद सेक्शन भी ब्रॉडगेज हो चुका है इसलिए रेलवे इस रूट से ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाने की तैयारी में है।

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