Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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सीईसी की बैठक में चर्चा, नंदकिशोर पटेल भी है दौड़ में, राजगढ से दिग्विजयसिंह और गुना से यादव को बनाया जा सकता है प्रत्याशी
मंदसौर। मध्यप्रदेश में लोकसभा की बाकी बची 18 सीटों पर अभी भी कांग्रेस उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है, इसमें मंदसौर संसदीय क्षेत्र भी शामिल है । यहां से खाचरोद से विधायक दिलीपसिंह गुर्जर का नाम तय होने की संभावना है, हालांकि दौड़ में नीमच के पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल का नाम भी है। इसके अलावा राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और गुना से पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव को प्रत्याशी बनाऐ जाने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश में पहले चरण के निर्वाचन के लिए नामाकंन प्रकिृया शुरू हो गई है लेकिन कांग्रेस अब तक 29 में से 10 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार घोषित कर पाई है जबकि भाजपा इससे कई आगे है और प्रदेश की 29 ही सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चूकी है। भाजपा ने मंदसौर संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को ही उम्मीदवार बनाया है, गुप्ता ने अपना चुनावी प्रचार शुरू भी कर दिया है लेकिन कांग्रेस अपना दुल्हा ही तय नहीं कर पाई है । बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में लोकसभा की बाकी बची 18 सीटों को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में ये तय हुआ कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार चुनाव नहीं लड़ेंगे।सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि राजगढ़ से दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं गुना से सिंधिया के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इंदौर से अक्षय कांती बम का नाम तय होने की भी खबर है। हालांकि कांग्रेस ने अभी किसी भी नाम का ऐलान नहीं किया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा। पहले राउंड में 6 लोकसभा सीट सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा सीट पर मतदान होना है। अब तक प्रदेश की 29 में से 10 सीटों पर ही कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित हो पाए हैं।
यदि दिलीपसिंह गुर्जर की उम्मीदवारी पर मोहर लगती है तो यह लगातार चौथा मौका होगा जब कांग्रेस ने बाहरी उम्मीद्वार पर भरोसा जताया है। इसके पहले मीनाक्षी नटराजन को लगातार तीन बार कांग्रेस ने उम्मीद्वार बनाया। जिसमें एक बार उन्हें जीत मिली।
बाहरी को ज्यादा मौके नहीं

संसदीय क्षेत्र की बात करें तो बाहरी उम्मीद्वार को दोनों ही दलों ने ज्यादा मौके नहीं दिए। पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद कैलाशनाथ काटजू  कश्मीरी पंडित जरुर थे। लेकिन उनके पिता जावरा आ गए थे। यहीं कैलाशनाथ काटजू का जन्म हुआ। इसके अलावा पूर्व सांसद कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन यहां से तीन बार चुनाव लड़ी। इसमें एक बार चुनाव जीती। इसके अलावा स्वतंत्रसिंह कोठारी भी कोलकाता से यहां आकर चुनाव लड़े थे।
कोलकाता से आकर चुनाव लड़े थे कोठारी

वर्ष 1967 में जनसंघ के टिकट पर कोलकाता (कलकत्ता) से सीए स्वतंत्र सिंह कोठारी चुनाव लडऩे आए। राजनीतिक जानकारी रखने वाले बुजुर्ग बताते हुए आरोप लगाते हैं कि रुपए से इस चुनाव में स्वतंत्रसिंह कोठारी ने टिकीट खरीदा था। वहीं एक बड़े उद्योगपति ने उनकी मदद की थी। उनके प्रचार में भी खूब तडक़-भडक़ रही। पहली बार जीप से प्रचार हुआ। उस समय के साक्षी रहे बुजुर्ग बताते हैं कि भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की मेहनत से कोठारी चुनाव जीत गए। मंदसौर संसदीय क्षेत्र में किसी भी चुनाव में यह पहली बार हुआ कि उम्मीदवार जीतने के बाद कभी क्षेत्र में नहीं दिखाई दिया। कोठारी जीतने के बाद कोलकाता गए तो फिर पलटकर नहीं आए। उन्होंने मंदसौर संसदीय क्षेत्र पर ध्यान ही नहीं दिया।
1951 से लेकर 2019 तक निर्वाचित सांसदों की सूची स्थान के साथ

1951 कैलाशनाथ काटजू (जावरा) कांग्रेस
1957 माणकभाई अग्रवाल (भानपुरा) कांग्रेस
1962 उमाशंकर त्रिवेदी (नीमच) भारतीय जनसंघ
1967 स्वतंत्रसिंह कोठारी (कोलकाता) भारतीय जनसंघ
1971 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भारतीय जनसंघ
1977 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भारतीय जनसंघ
1980 भंवरलाल नाहटा (जावरा) कांग्रेस
1984 बालकवि बैरागी उर्फ नंदराम दास (नीमच) कांग्रेस
1989 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
1991 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
1996 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
1998 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
1999 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
2004 डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय (जावरा) भाजपा
2009 मीनाक्षी नटराजन (बिरला ग्राम नागदा(उज्जैन) कांग्रेस
2014 सुधीर गुप्ता (मंदसौर) भाजपा
2019 सुधीर गुप्ता (मंदसौर) भाजपा

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