Friday, May 3rd, 2024 Login Here
एमपीआरडीसी ने जारी की नई दरें
मंदसौर। मप्र के 6 स्टेट और 4 नेशनल हाईवे पर 1 से 7.5प्रश तक अधिक टोल टैक्स चुकाना होगा। एमपी रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने टोल टैक्स की नई दरें जारी कर दी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें मंदसौर-सीतामऊ रोड पर मौजूद टोल पर भी राशि बढ़ाई गई है। जबकि व्यवस्थाओं की बात करें तो हमेशा इस रोड पर कमियों को लेकर कई सवाल खड़े होते आए है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं भी इसी रोड पर होती है। आपको बता दे कि जिन स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स बढ़ा है, उनमें मटकुली-तामिया-छिंदवाड़ा मार्ग, जावरा-नयागांव, चांदपुर-आलीराजपुर और मंदसौर-सीतामऊ मार्ग शामिल हैं। मनगवां से एमपी-यूपी बॉर्डर, ब्यावरा एमपी-राजस्थान बॉर्डर, ग्वालियर-भिंड एमपी-यूपी बॉर्डर जैसे नेशनल हाईवे भी शामिल हैं।
इस कारण बढ़ाए टोल टैक्स
नेशनल हाईवे में होल सेल प्राइस इंडेक्स (थोक मूल्य सूचकांक) के आधार पर टोल टैक्स के रेट बढ़ाए जाते हैं। दूसरी ओर स्टेट हाईवे के मार्ग जो एमपीआरडीसी की देखरेख में संचालित हैं, उनके निर्माण के दौरान समय समय पर टोल टैक्स रेट में वृद्धि का प्रस्ताव था। ये सडक़ें जब बीओटी में बनाई गई थीं तभी यह शर्त तय की गई थी कि हर साल एक अप्रैल से टोल रेट में वृद्धि की जाएगी।
सर्वे में मिली थी कमियां
दो साल पहले दिसंबर में हुए सर्वे में इसके अलावा अन्य कमियां सामने आई थी। सर्वे में मंदसौर से भानपुरा मार्ग तक लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, यातायात थाना और प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की संयुक्त टीम ने मंदसौर-सीतामऊ-सुवासन -शामगढ़- गरोठ-भानपुरा मार्ग पर दुर्घटनाओं में कमी के लिए संयुक्त सर्वे किया। टीम ने जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक हुई गंभीर सडक़ दुर्घटनाओं में दुर्घटना स्थल को देखा। जिसमें कई कमियां सामने आई। मंदसौर सीतामऊ के 32 किमी रोड की बात करें तो यहां सुधार के नाम पर औपचारिकता निभर्इा गई। झाडिय़ों की कटाई सहित कुछ कार्य जरुर किए। लेकिन सडक़ हादसों के आंकड़ों को उस हिसाब से कम नहीं किया जा सका।
चौदह साल से वसूला जा रहा टोल
इस मार्ग के मंदसौर-सीतामऊ वाले 28 किमी के हिस्से में भी कई जगह सडक़ का अलाइनमेंट ठीक नहीं है जबकि इस मार्ग का भी लगभग 14 सालों से पूरा टोल वसूला जा रहा है। मार्ग पर अंधे मोड़ भी ठीक नहीं किए गए हैं तो इस मार्ग से जुड़े गांवों के लिए जा रहे रास्तों पर भी कोई संकेतक या स्पीड ब्रेकर नहीं होने से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। गांव के रास्तों से निकलकर दुपहिया वाहन चालक तेज गति से मुख्ये मार्गों पर आ रहे हैं और उसके अलावा कई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं।
दुपहिया वाहन चालकों के लिए लाइन नहीं
सीतामऊ-मंदसौर मार्ग को टूलेन के बजाय एक बड़ा वाहन व एक छोटा वाहन क्रास हो जाए इस तरह से बनाया गया है। इसके अलावा इस पूरे मार्ग पर दुपहिया वाहन चालकों के लिए सफेद लाइन नहीं की गई है। इसके चलते अकसर वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
लगातार हो रहे हैं हादसे
मंदसौर-सीतामऊ मार्ग पर ग्राम डिगांव से मंदसौर के बीच सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन चलते हैं। डिगांव में ही एक रास्ता कयामपुर, नाहरगढ़ से आकर मिलता है। इस मार्ग पर सैकड़ों गांव हैं, जहां के लोगों का आवागमन का प्रमुख साधन ही दुपहिया वाहन है। इस मार्ग पर कई बड़े-बड़े एक्सीडेंट भी हो रहे हैं।
ये हैं अंधे मोड़
-राधाबावड़ी मंदिर के यहां, सीतामऊ
-तुंबड नदी के पुल पर मंदसौर की तरफ
-डिगांव के आगे
-अरनिया निजामुद्दीन में पुल के पास
-बासाखेड़ी के पास।
मंदसौर। मप्र के 6 स्टेट और 4 नेशनल हाईवे पर 1 से 7.5प्रश तक अधिक टोल टैक्स चुकाना होगा। एमपी रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने टोल टैक्स की नई दरें जारी कर दी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें मंदसौर-सीतामऊ रोड पर मौजूद टोल पर भी राशि बढ़ाई गई है। जबकि व्यवस्थाओं की बात करें तो हमेशा इस रोड पर कमियों को लेकर कई सवाल खड़े होते आए है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं भी इसी रोड पर होती है। आपको बता दे कि जिन स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स बढ़ा है, उनमें मटकुली-तामिया-छिंदवाड़ा मार्ग, जावरा-नयागांव, चांदपुर-आलीराजपुर और मंदसौर-सीतामऊ मार्ग शामिल हैं। मनगवां से एमपी-यूपी बॉर्डर, ब्यावरा एमपी-राजस्थान बॉर्डर, ग्वालियर-भिंड एमपी-यूपी बॉर्डर जैसे नेशनल हाईवे भी शामिल हैं।
इस कारण बढ़ाए टोल टैक्स
नेशनल हाईवे में होल सेल प्राइस इंडेक्स (थोक मूल्य सूचकांक) के आधार पर टोल टैक्स के रेट बढ़ाए जाते हैं। दूसरी ओर स्टेट हाईवे के मार्ग जो एमपीआरडीसी की देखरेख में संचालित हैं, उनके निर्माण के दौरान समय समय पर टोल टैक्स रेट में वृद्धि का प्रस्ताव था। ये सडक़ें जब बीओटी में बनाई गई थीं तभी यह शर्त तय की गई थी कि हर साल एक अप्रैल से टोल रेट में वृद्धि की जाएगी।
सर्वे में मिली थी कमियां
दो साल पहले दिसंबर में हुए सर्वे में इसके अलावा अन्य कमियां सामने आई थी। सर्वे में मंदसौर से भानपुरा मार्ग तक लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, यातायात थाना और प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की संयुक्त टीम ने मंदसौर-सीतामऊ-सुवासन -शामगढ़- गरोठ-भानपुरा मार्ग पर दुर्घटनाओं में कमी के लिए संयुक्त सर्वे किया। टीम ने जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक हुई गंभीर सडक़ दुर्घटनाओं में दुर्घटना स्थल को देखा। जिसमें कई कमियां सामने आई। मंदसौर सीतामऊ के 32 किमी रोड की बात करें तो यहां सुधार के नाम पर औपचारिकता निभर्इा गई। झाडिय़ों की कटाई सहित कुछ कार्य जरुर किए। लेकिन सडक़ हादसों के आंकड़ों को उस हिसाब से कम नहीं किया जा सका।
चौदह साल से वसूला जा रहा टोल
इस मार्ग के मंदसौर-सीतामऊ वाले 28 किमी के हिस्से में भी कई जगह सडक़ का अलाइनमेंट ठीक नहीं है जबकि इस मार्ग का भी लगभग 14 सालों से पूरा टोल वसूला जा रहा है। मार्ग पर अंधे मोड़ भी ठीक नहीं किए गए हैं तो इस मार्ग से जुड़े गांवों के लिए जा रहे रास्तों पर भी कोई संकेतक या स्पीड ब्रेकर नहीं होने से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। गांव के रास्तों से निकलकर दुपहिया वाहन चालक तेज गति से मुख्ये मार्गों पर आ रहे हैं और उसके अलावा कई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं।
दुपहिया वाहन चालकों के लिए लाइन नहीं
सीतामऊ-मंदसौर मार्ग को टूलेन के बजाय एक बड़ा वाहन व एक छोटा वाहन क्रास हो जाए इस तरह से बनाया गया है। इसके अलावा इस पूरे मार्ग पर दुपहिया वाहन चालकों के लिए सफेद लाइन नहीं की गई है। इसके चलते अकसर वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
लगातार हो रहे हैं हादसे
मंदसौर-सीतामऊ मार्ग पर ग्राम डिगांव से मंदसौर के बीच सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन चलते हैं। डिगांव में ही एक रास्ता कयामपुर, नाहरगढ़ से आकर मिलता है। इस मार्ग पर सैकड़ों गांव हैं, जहां के लोगों का आवागमन का प्रमुख साधन ही दुपहिया वाहन है। इस मार्ग पर कई बड़े-बड़े एक्सीडेंट भी हो रहे हैं।
ये हैं अंधे मोड़
-राधाबावड़ी मंदिर के यहां, सीतामऊ
-तुंबड नदी के पुल पर मंदसौर की तरफ
-डिगांव के आगे
-अरनिया निजामुद्दीन में पुल के पास
-बासाखेड़ी के पास।