Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मामला मंडी में किसानों का रूपया लेकर भागे व्यापारी का
किसानों को देना है 52 लाख रूपया, व्यापारी संघ भी कर चूका है राशि देने से इंकार
मंदसौर। कृषि उपज मंडी में 23 किसानों का 52 लाख रुपया लेकर एक व्यापारी गायब हो गया। यह बवाल अभी शांत नहीं हुआ है। किसानों को अभी तक रुपए नहंीं मिल पाए है। यहां प्रशासन ने व्यापारी के गोदाम में रखी लहसुन नीलाम की। जिससे पौने चार लाख रुपए मिले। लेकिन यहां किसानों को 52 लाख रुपए देना है। अधिकारी आठ दिन में सभी को भुगतान करने की बात कर रहे हैं।
पिछले दिनों मंदसौर कृषि उपज मंडी की खुशाली ट्रेडर्स फर्म के व्यापारी अंबालाल पवार ने 23 किसानों की लहसुन की खरीदी की थी। व्यापारी ने नियमों का हवाला देते हुए 2 लाख रुपए आरटीजीएस करने को कहा था। किसानों को करीब 52 लाख रुपए का भुगतान करना था, लेकिन व्यापारी ने किसानों को आरटीजीएस के जरिए भुगतान नहीं किया और रुपए लेकर फरार हो गया। इसकी शिकायत किसानों ने मंडी प्रशासन को की थी।एसडीएम शिवलाल शाक्य ने किसानों को 2 अप्रैल तक रुपए लौटने आश्वासन दिया था।किसानों का रुपया लेकर व्यापारी के फरार होने के बाद मंडी प्रशासन कार्रवाई करते हुए व्यापारी के गोदाम में रखी लहसुन को मंडी में नीलाम कर दिया इससे करीब 3 लाख 75 हजार रुपए मिले। इससे भी किसानों को भुगतान किया जाएगा।
मंडी की लापरवाहीं व्यापारी संघ पर थोपने की कोशिश नाकाम
इस मामलें में मंडी प्रशासन की साफ तौर पर लापरवाहीं सामने आ रहीं है। व्यापारी संघ का कहना है कि मंडी की नीलामी पर्ची पर स्पष्ट नियम लिखा है कि यदि किसान की उपज का व्यापारी भुगतान नहीं करें तो पांच दिवस में व्यापारी संघ को अवगत कराया जाऐ लेकिन मंडी में हाल ही में हुए घटनाक्रम में बीस दिनों तक मंडी प्रशासन ने व्यापारी संघ को अवगत हीं नहीं कराया । जब किसानों ने हंगामा किया तो मंडी प्रशासन जागा और ताबड़तोड़ मंडी के गेट पर सरकारी ताला लगाकर व्यापारियों की उपज को मंडी से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी, इसके बाद जैसे-तैसे ताला खुला और व्यापारियों की उपज बाहर जाने लगी इसके बाद व्यापारी संघ और मंडी प्रशासन की बैठक हुइ जिसमें व्यापारी संघ ने साफ तौर से कहा कि किसानों का पैसा व्यापारी संघ नहीं देगा क्यांेकि नियमानुसार पांच दिवस में अवगत कराया गया होता तो इतनी बड़ी राशि भी एकत्र ही नहीं होती। व्यापारी बीस दिनों तक किसानों का भुगतान किए बिना मंडी में माल खरीदता रहा और अचानक से गायब हो गया।
इनका कहना है
मंडी सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया की खुशाली ट्रेडर्स के संचालक ने 23 किसानों की लहसुन खरीदी थी। जिसका करीब 52 लाख का भुगतान नहीं किया गया। व्यापारी कई दिनों से गायब है और फोन भी बंद है। मंडी प्रशासन ने किसानों को मंगलवार से भुगतान करना शुरू किया है। मंडी सचिव सिसोदिया के अनुसार सभी किसानों को 8 दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा।
किसानों को देना है 52 लाख रूपया, व्यापारी संघ भी कर चूका है राशि देने से इंकार
मंदसौर। कृषि उपज मंडी में 23 किसानों का 52 लाख रुपया लेकर एक व्यापारी गायब हो गया। यह बवाल अभी शांत नहीं हुआ है। किसानों को अभी तक रुपए नहंीं मिल पाए है। यहां प्रशासन ने व्यापारी के गोदाम में रखी लहसुन नीलाम की। जिससे पौने चार लाख रुपए मिले। लेकिन यहां किसानों को 52 लाख रुपए देना है। अधिकारी आठ दिन में सभी को भुगतान करने की बात कर रहे हैं।
पिछले दिनों मंदसौर कृषि उपज मंडी की खुशाली ट्रेडर्स फर्म के व्यापारी अंबालाल पवार ने 23 किसानों की लहसुन की खरीदी की थी। व्यापारी ने नियमों का हवाला देते हुए 2 लाख रुपए आरटीजीएस करने को कहा था। किसानों को करीब 52 लाख रुपए का भुगतान करना था, लेकिन व्यापारी ने किसानों को आरटीजीएस के जरिए भुगतान नहीं किया और रुपए लेकर फरार हो गया। इसकी शिकायत किसानों ने मंडी प्रशासन को की थी।एसडीएम शिवलाल शाक्य ने किसानों को 2 अप्रैल तक रुपए लौटने आश्वासन दिया था।किसानों का रुपया लेकर व्यापारी के फरार होने के बाद मंडी प्रशासन कार्रवाई करते हुए व्यापारी के गोदाम में रखी लहसुन को मंडी में नीलाम कर दिया इससे करीब 3 लाख 75 हजार रुपए मिले। इससे भी किसानों को भुगतान किया जाएगा।
मंडी की लापरवाहीं व्यापारी संघ पर थोपने की कोशिश नाकाम
इस मामलें में मंडी प्रशासन की साफ तौर पर लापरवाहीं सामने आ रहीं है। व्यापारी संघ का कहना है कि मंडी की नीलामी पर्ची पर स्पष्ट नियम लिखा है कि यदि किसान की उपज का व्यापारी भुगतान नहीं करें तो पांच दिवस में व्यापारी संघ को अवगत कराया जाऐ लेकिन मंडी में हाल ही में हुए घटनाक्रम में बीस दिनों तक मंडी प्रशासन ने व्यापारी संघ को अवगत हीं नहीं कराया । जब किसानों ने हंगामा किया तो मंडी प्रशासन जागा और ताबड़तोड़ मंडी के गेट पर सरकारी ताला लगाकर व्यापारियों की उपज को मंडी से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी, इसके बाद जैसे-तैसे ताला खुला और व्यापारियों की उपज बाहर जाने लगी इसके बाद व्यापारी संघ और मंडी प्रशासन की बैठक हुइ जिसमें व्यापारी संघ ने साफ तौर से कहा कि किसानों का पैसा व्यापारी संघ नहीं देगा क्यांेकि नियमानुसार पांच दिवस में अवगत कराया गया होता तो इतनी बड़ी राशि भी एकत्र ही नहीं होती। व्यापारी बीस दिनों तक किसानों का भुगतान किए बिना मंडी में माल खरीदता रहा और अचानक से गायब हो गया।
इनका कहना है
मंडी सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया की खुशाली ट्रेडर्स के संचालक ने 23 किसानों की लहसुन खरीदी थी। जिसका करीब 52 लाख का भुगतान नहीं किया गया। व्यापारी कई दिनों से गायब है और फोन भी बंद है। मंडी प्रशासन ने किसानों को मंगलवार से भुगतान करना शुरू किया है। मंडी सचिव सिसोदिया के अनुसार सभी किसानों को 8 दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा।