Friday, May 3rd, 2024 Login Here
एक पलंग पर दो मरीज भर्ती, वायरल प्रकोप के चलते बड़ी रोगियों की संख्या
मंदसौर। इन दिनों मरीजों की संख्या के आगे मंदसौर का बड़ा अस्पताल छोटा पड़ गया है। हालत यह है कि अस्पताल में छोटे से पलंग पर दो मरीज अपना ईलाज करवा रहे है जिसके कारण मरीजों को सोने के बजाय बैठ कर ही अपना ईलाज करवाना पड़ रहा है। मरीजों की इस बढ़ती संख्या के आगे बड़े अस्पताल में व्यवस्थाऐ नहीं जूट पा रहीं है। सबसे ज्यादा हालत महिला जनरल वार्डो की खराब है जहां करीब-करीब हर बेड पर दो महिलाओं को भर्ती किया गया है।
इन दिनों वायरल बुखार, सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में तेजी से ईजाफा हुआ है, बड़े अस्पताल में हर दिन एक हजार से ज्यादा मरीज आ रहे है जिसमें से कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है जिसके कारण अस्पताल परिसर छोटा पड़ गया है। तीन फीट के एक बेड पर दो मरीज बैठकर उपचार करवाने को मजबूर है। सबसे ज्यादा हालत खराब महिला जनरल वार्डों की है। वार्ड में करीब हर बेड पर दो महिला मरीजों को भर्ती किया गया है। मरीजों के परिजनों का कहना है की एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती किया है बैठ कर ही उपचार करवाना पड़ रहा है। एक ही पलंग पर दो मरीजों को भर्ती करने से संक्रमण भी हो सकता है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ डीके शर्मा का कहना है की अभी वायरल बीमारियों का प्रकोप ज्यादा है। वर्तमान में करीब 1200 पेशेंट प्रतिदिन आ रहे है इनमें सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीज आ रहे है। रोजाना 150 से 200 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे है। मरीजों को फर्श पर नहीं सुला सकते इस वजह से यह व्यवस्था शुरू की है। वही कहा की शासन के निर्देश पर एक 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड सुरक्षित रखा गया था। मरीजों की संख्या ज्यादा होने से उसे भी जनरल मरीजों के लिए खोल रहे है ।
मंदसौर। इन दिनों मरीजों की संख्या के आगे मंदसौर का बड़ा अस्पताल छोटा पड़ गया है। हालत यह है कि अस्पताल में छोटे से पलंग पर दो मरीज अपना ईलाज करवा रहे है जिसके कारण मरीजों को सोने के बजाय बैठ कर ही अपना ईलाज करवाना पड़ रहा है। मरीजों की इस बढ़ती संख्या के आगे बड़े अस्पताल में व्यवस्थाऐ नहीं जूट पा रहीं है। सबसे ज्यादा हालत महिला जनरल वार्डो की खराब है जहां करीब-करीब हर बेड पर दो महिलाओं को भर्ती किया गया है।
इन दिनों वायरल बुखार, सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में तेजी से ईजाफा हुआ है, बड़े अस्पताल में हर दिन एक हजार से ज्यादा मरीज आ रहे है जिसमें से कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है जिसके कारण अस्पताल परिसर छोटा पड़ गया है। तीन फीट के एक बेड पर दो मरीज बैठकर उपचार करवाने को मजबूर है। सबसे ज्यादा हालत खराब महिला जनरल वार्डों की है। वार्ड में करीब हर बेड पर दो महिला मरीजों को भर्ती किया गया है। मरीजों के परिजनों का कहना है की एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती किया है बैठ कर ही उपचार करवाना पड़ रहा है। एक ही पलंग पर दो मरीजों को भर्ती करने से संक्रमण भी हो सकता है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ डीके शर्मा का कहना है की अभी वायरल बीमारियों का प्रकोप ज्यादा है। वर्तमान में करीब 1200 पेशेंट प्रतिदिन आ रहे है इनमें सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीज आ रहे है। रोजाना 150 से 200 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे है। मरीजों को फर्श पर नहीं सुला सकते इस वजह से यह व्यवस्था शुरू की है। वही कहा की शासन के निर्देश पर एक 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड सुरक्षित रखा गया था। मरीजों की संख्या ज्यादा होने से उसे भी जनरल मरीजों के लिए खोल रहे है ।