Friday, May 3rd, 2024 Login Here
पराली की आग पेड़ में लगी, तना कमजोर होकर युवक पर गिरा
मंदसौर।
खेत में पराली जलाने को लेकर प्रतिबंध है लेकिन किसान धडल्ले से पराली में आग लगा रहे है इसके चलते शुक्रवार को मंदसौर के खिलचीपुरा मार्ग पर ह्दय विदारक हादसा हो गया जिसमें पराली की आग पेड़ में लग गई जिससे पेड़ का तना कमजोर हो गया और पेड़ उधर से गुजर रहे बाईक सवार युवक पर जा गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में 9 साल का बच्चा भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की दोपहर में खिचीपुरा निवासी रईस पिता जब्बार अपने घर की और जा रहा था इसी दौरान पशुपतिनाथ - खिलचीपुरा रोड से गुजरते वक्त एक पेड़ अचानक से उसके ऊपर गिर गया। इस हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। घायल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। बताया जा रहा जहां हादसा हुआ वहां खेत में नरवाई जलाई गई थी। नरवाई की आग से सड़क के किनारे लगे पेड़ में भी आग की चपेट में आ गए। इससे पेड़ का तना कमजोर हो गया और पेड़ बाइक सवार युवक रईस पर जा गिरा।
हादसे के बाद नगर पालिका के दमकल वाहन की मदद से सड़क के आसपास लग रही आग को बुझाया गया। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि शैलेन्द्र गिरी गोस्वामी ने बताया की पराली जलाने पेड़ में आग लगी। उन्होंने कहा की पूर्णतः प्रतिबंध के बावजूद भी किसान खेतों में पराली जला रहे हैं। ऐसे किसानों पर प्रशासन को कार्रवाई करना करना चाहिए।
जागरुकता का भी अभाव
जिले भर में प्रतिबंधि के बाद भी खेतों में नरवाई जलाई जा रही है। नरवाई जलाते पकड़े जाने पर कार्रवाई की बात तो कही जाती है लेकिन जिस तरह से खुलेआम खेतों में नरवाई जलाई जा रही है उससे नहीं लगता कि ऐसे लोगों पर शासन-प्रशासन का कोई खौफ ही है। एक कारण लोगों में जागरूकता का अभाव भी है।
भूमि की जल धारण क्षमता भी प्रभावित
जिले में धान गेहूं एवं अन्य फसलों की कटाई उपरान्त खेतों में फसल अवशेषों को जलाए जाने से प्रदूषण के कारण पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही है। भूमि में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु एवं पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है, भूमि की जल धारण क्षमता प्रभावित होती है मृदा तापमान बढ़ता है पर्यावरण प्रदूषित होता है। जन स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
हो सकती है कार्रवाई
प्रदूषण एक्ट 1981 की धारा 19 (1) के तहत्? फसल अवशेषों को जलाए जाने पर व्यक्ति, निकाय को पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल को 2 एकड़ से कम भूमि स्वामी, निकाय- 2500 रूपये, 2 एकड़ से अधिक एवं 5 एकड़ से कम भूमि स्वामी, निकाय- 5000 रूपये, 5 एकड़ से अधिक भूमि स्वामी, निकाय- 15000 रूपये देय करना पड़ेगा।
मंदसौर।
खेत में पराली जलाने को लेकर प्रतिबंध है लेकिन किसान धडल्ले से पराली में आग लगा रहे है इसके चलते शुक्रवार को मंदसौर के खिलचीपुरा मार्ग पर ह्दय विदारक हादसा हो गया जिसमें पराली की आग पेड़ में लग गई जिससे पेड़ का तना कमजोर हो गया और पेड़ उधर से गुजर रहे बाईक सवार युवक पर जा गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में 9 साल का बच्चा भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की दोपहर में खिचीपुरा निवासी रईस पिता जब्बार अपने घर की और जा रहा था इसी दौरान पशुपतिनाथ - खिलचीपुरा रोड से गुजरते वक्त एक पेड़ अचानक से उसके ऊपर गिर गया। इस हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। घायल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। बताया जा रहा जहां हादसा हुआ वहां खेत में नरवाई जलाई गई थी। नरवाई की आग से सड़क के किनारे लगे पेड़ में भी आग की चपेट में आ गए। इससे पेड़ का तना कमजोर हो गया और पेड़ बाइक सवार युवक रईस पर जा गिरा।
हादसे के बाद नगर पालिका के दमकल वाहन की मदद से सड़क के आसपास लग रही आग को बुझाया गया। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि शैलेन्द्र गिरी गोस्वामी ने बताया की पराली जलाने पेड़ में आग लगी। उन्होंने कहा की पूर्णतः प्रतिबंध के बावजूद भी किसान खेतों में पराली जला रहे हैं। ऐसे किसानों पर प्रशासन को कार्रवाई करना करना चाहिए।
जागरुकता का भी अभाव
जिले भर में प्रतिबंधि के बाद भी खेतों में नरवाई जलाई जा रही है। नरवाई जलाते पकड़े जाने पर कार्रवाई की बात तो कही जाती है लेकिन जिस तरह से खुलेआम खेतों में नरवाई जलाई जा रही है उससे नहीं लगता कि ऐसे लोगों पर शासन-प्रशासन का कोई खौफ ही है। एक कारण लोगों में जागरूकता का अभाव भी है।
भूमि की जल धारण क्षमता भी प्रभावित
जिले में धान गेहूं एवं अन्य फसलों की कटाई उपरान्त खेतों में फसल अवशेषों को जलाए जाने से प्रदूषण के कारण पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही है। भूमि में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु एवं पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है, भूमि की जल धारण क्षमता प्रभावित होती है मृदा तापमान बढ़ता है पर्यावरण प्रदूषित होता है। जन स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
हो सकती है कार्रवाई
प्रदूषण एक्ट 1981 की धारा 19 (1) के तहत्? फसल अवशेषों को जलाए जाने पर व्यक्ति, निकाय को पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल को 2 एकड़ से कम भूमि स्वामी, निकाय- 2500 रूपये, 2 एकड़ से अधिक एवं 5 एकड़ से कम भूमि स्वामी, निकाय- 5000 रूपये, 5 एकड़ से अधिक भूमि स्वामी, निकाय- 15000 रूपये देय करना पड़ेगा।