Monday, May 6th, 2024 Login Here
मंदसौर निप्र। पुलवामा में आतंकी हमलें ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है देश के हर नागरिक ने इस घटना को लेकर गुस्सा उठना लाजमी है, गुस्सा होना भी चाहिए सरकार को सख्त कदम उठाना भी चाहिए क्योंकि अब यह समय केवल आश्वासन देने का नही है बल्कि कुछ कर दिखाने का है जनता के गुस्से ने आज बंद का आव्हान किया है लेकिन बंद का यह आव्हान कहीं आतंकियों के मंसूबों को कामयाब तो नही कर रहा यह भी सोचना जरूरी है ।
आतंकवाद का लक्ष्य ही यही है कि भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया जाएें, आतंकवादी घटना के विरोध स्वरूप बंद का आव्हान किया गया है इस बंद से कहीं हम आतंकवादियों के इन मंसूबो को कामयाब तो नही कर रहे है क्योंकि एक दिन का बंद हजारों-करोड़ों रूपये की अर्थव्यवस्था का नुकसान करता है चाय वाले की चाय नही बिकेगी, सब्जी वाले की सब्जी नही बिकेगी, दूध वाले का दूध नही बिकेगा, मजदूर को मजदूरी नही मिलेगी देश का कितना बड़ा नुकसान बंद से होगा इस पर भी सोचने की जरूरत है । बंद के बजाय यदि आज की कमाई का हिस्सा शहीदों के कल्याण के लिए दिया जाता तो शायद हम सफल कहलाते लेकिन अभी भी कुछ नही बिगड़ा है बंद करने वालों को आज के ज्ञापन के साथ-साथ एक बड़ी राशि शहीदों के परिवारों को समर्पित करनी चाहिए । सैनिकों के कल्याण के लिए दी जानी चाहिए ।