Monday, May 6th, 2024 Login Here
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मंदसौर निप्र। मंदसौर के बहुचर्चित विरेन्द्र ठन्ना हत्याकाण्ड के आरोपी आजम लाला सहित चार आरोपियों को न्यायालय ने आजन्म कारावास की सजा सुनाई है आरोपियों ने ठन्ना परिवार के दलौदा स्थित एक प्लाट पर कब्जा करने की नियत से विरेन्द्र की हत्या की थी । 30 जनवरी 2015 को हुए इस हत्याकाण्ड का तीन साल बाद फैसला आया ।
मामलें में अदालत ने कुल 11 आरोपियों में से 7 को बरी कर दिया और 4 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । उपसंचालक अभियोजन बापुसिंह ठाकुर ने बताया कि 30 दिसम्बर 2015 को रात करीब 8 बजे कालाखेत के इलेक्ट­ानिक व्यवसायी विरेन्द्र ठन्ना अपनी दुकान बंद कर दुपहिया वाहन से अपने घर शुक्ला कॉलोनी की और जा रहे थे इसी दौरान सुचित्रा टॉकिज के निकट मोटर सायकिल पर सवार होकर आएें आरोपियों ने पिस्टल से विरेन्द्र ठन्ना को गोली मार दी थी और भाग निकले थे घटना के बाद तत्काल विरेन्द्र ठन्ना को जिला अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था । इस मामलें में माननीय न्यायाधीश ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत सरफराज उर्फ शानू पेचकश पिता मुन्ना खां उर्फ मुनव्वर निवासी कंधी बस्ती प्रतापगढ़, अरमान उर्फ समीर उर्फ विक्की पिता सलीम खान निवासी गोदशाह उज्जैन हालमुकाम इन्द्रा कॉलोनी झुग्गी बस्ती मंदसौर को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रू. जुर्माने की सजा सुनाई तथा भादस की धारा 302, 120 बी में रफीक पिता नत्थु खां मुसलमान निवासी मिर्चीवाड़ा मंदसौर व आजम लाला पिता कय्युम लाला निवासी अखेपुर जिला प्रतापगढ़ को आजीवन कारावास व 10-10 हजार  रू. जुर्माने की सजा से दण्डित किया गया । उल्लेखनीय है कि आजम लाला के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास के अन्य मामलें भी दर्ज है ।
होस्टटाईल हो गए थे गवाह फिर हुए थे बयान
मामलें की सुनवाई के दौरान एक दौर ऐसा भी आया था जब इस मामलें से जुड़े सारे गवाह होस्टटाईल हो गए थे इसी बीच शहर में   हुई अन्य वारदातों के बाद तात्कालिक पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी ने इस मामलें को संज्ञान लिया और गंभीरता दिखाते हुए माननीय न्यायालय से पुनः बयान कराने का निवेदन किया जिसे न्यायालय ने स्वीकारा । पुलिस अधीक्षक ने मृतक के परिवार सहित अन्य गवाहों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया और दोबारा से उनके बयान कराएें जिसके बाद आज यह महत्वपूर्ण फैसला हो पाया ।

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