Monday, May 6th, 2024 Login Here
फ्रांस सरकार जैश सरगना की संपत्तियां जब्त करेगी
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगाया
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 27 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था
नई दिल्ली. मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर सुषमा स्वराज ने बयान दिया कि यूपीए के वक्त मसूद पर प्रस्ताव पेश करने वाला भारत अकेला देश था। 2019 में इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने पेश किया। इन्हें मिलाकर 21 देशों ने इसे समर्थन दिया। इस बीच, फ्रांस सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की संपत्तियां जब्त करने का फैसला लिया। इससे पहले फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएचसी) में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने चौथी बार इस पर अड़ंगा लगा दिया। मसूद अजहर पाकिस्तान में है और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले का दोषी है।
चीन ने बुधवार रात प्रस्ताव में तकनीकी खामी बताकर इसे रोका। उसने कहा था कि वह बिना सबूताें के कार्रवाई के खिलाफ है। जबकि 10 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। मसूद के मामले में चीन के विरोध पर भारत के बाद अमेरिकी ने भी निराशा जताई। अमेरिकी सांसद इलियट एंजेल ने कहा कि चीन और पाकिस्तान को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्व पूरे करने का पर्याप्त मौका मिला है।
चीन के प्रयासों से कामयाबी नहीं मिल रही: अमेरिका
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा था कि मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के दायरे में आता है। अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति लाना चाहते हैं। लेकिन मसूद को आतंकी घोषित करने के प्रयासों को नाकाम करने से यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा। जैश भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। उससे क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति के लिए खतरा है।
फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने तीसरी बार दिया भारत का साथ
2009 : भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पहली बार यूएन में प्रस्ताव दिया था।
2016 : भारत ने एक बार फिर अमेरिका, यूके और फ्रांस (पी-3) के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव में कहा गया कि जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले का मास्टरमाइंड अजहर ही था।
2017 : पी-3 राष्ट्रों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया।
भारत में कई हमलों का जिम्मेदार है मसूद
मसूद अजहर भारत में कई बार आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुका है। वह 2001 में संसद पर हुए हमले का भी दोषी है। इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसके अलावा जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस और इसी साल सितंबर में उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला किया था।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगाया
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 27 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था
नई दिल्ली. मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर सुषमा स्वराज ने बयान दिया कि यूपीए के वक्त मसूद पर प्रस्ताव पेश करने वाला भारत अकेला देश था। 2019 में इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने पेश किया। इन्हें मिलाकर 21 देशों ने इसे समर्थन दिया। इस बीच, फ्रांस सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की संपत्तियां जब्त करने का फैसला लिया। इससे पहले फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएचसी) में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने चौथी बार इस पर अड़ंगा लगा दिया। मसूद अजहर पाकिस्तान में है और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले का दोषी है।
चीन ने बुधवार रात प्रस्ताव में तकनीकी खामी बताकर इसे रोका। उसने कहा था कि वह बिना सबूताें के कार्रवाई के खिलाफ है। जबकि 10 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। मसूद के मामले में चीन के विरोध पर भारत के बाद अमेरिकी ने भी निराशा जताई। अमेरिकी सांसद इलियट एंजेल ने कहा कि चीन और पाकिस्तान को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्व पूरे करने का पर्याप्त मौका मिला है।
चीन के प्रयासों से कामयाबी नहीं मिल रही: अमेरिका
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा था कि मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के दायरे में आता है। अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति लाना चाहते हैं। लेकिन मसूद को आतंकी घोषित करने के प्रयासों को नाकाम करने से यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा। जैश भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। उससे क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति के लिए खतरा है।
फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने तीसरी बार दिया भारत का साथ
2009 : भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पहली बार यूएन में प्रस्ताव दिया था।
2016 : भारत ने एक बार फिर अमेरिका, यूके और फ्रांस (पी-3) के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव में कहा गया कि जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले का मास्टरमाइंड अजहर ही था।
2017 : पी-3 राष्ट्रों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया।
भारत में कई हमलों का जिम्मेदार है मसूद
मसूद अजहर भारत में कई बार आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुका है। वह 2001 में संसद पर हुए हमले का भी दोषी है। इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसके अलावा जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस और इसी साल सितंबर में उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला किया था।