Friday, April 26th, 2024 Login Here
भानपुरा के शासकीय अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का बड़ा मामला देखने को मिला, यहां पर शासकीय दवाईयां जो कि आम मरीज को मुूहैया कराएें जाने के लिए पहुंचती है लेकिन यहां पर पदस्थ जिम्मेदारों के द्वारा इन दवाईयों का उपयोग नही किया जाता, मरीजों को सहजता से दवाईयां उपलब्ध नही कराई जाती तथा आम मरीज को दवाईयां निजी तौर पर खरीदना पड़ती है, दूसरी तरफ शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई दवाईंयां जो कि एक्सपायरी हो चुकी है अब उन्हें ठिकाने लगाने में जिम्मेदार लगे हुए है, शुक्रवार को बड़े स्तर पर दवाईयां जो कि एक्सपायरी हो गई थी जली हुई मिली । अस्पताल के एक कर्मचारी ने जब इस मामलें का खुलासा सोश्यल मिडिया के माध्यम से किया तो जिम्मेदार सकते में आ गए, हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि उन्हें नही पता इन दवाईयों को किसने जलाया है वह जांच के बाद ही कुछ कह सकते है ।
उल्लेखनीय है कि भानपुरा अस्पताल पहले भी कई बार अलग-अलग मामलों को लेकर सूर्खियों में रह चुका है, यहां पर पदस्थ ब्लाक मेडिकल ऑफिसर भी अपने मुख्यालय पर नही रहने की शिकायतें पूर्व में भी कई बार हो चुकी है । साथ ही साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं की भी खासी कमी इस अस्पताल में देखी जा सकती है । यहां पर अतिक्रमण तो है ही साथ ही टैक्सी स्टैंड व परिसर खुला शौचालय बना हुआ है ।
ताजा मामलें की बात करें तो अस्पताल में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दीपेश राय ने सूचना देते हुए बताया कि अस्पताल में कुछ एक्सपायरी डेट की दवाईयां पड़ी है जिन्हें जिम्मेदार गांधीसागर क्षेत्र में फेंकने के लिए दबाव बना रहे थे हालाकि उसने यह कार्य नही किया, सूचना के बाद जब अस्पताल परिसर में देखा गया तो आधा दर्जन जगह एक्सपायर डेट की दवाइयों के जलने के ढेर दिखे। इधर इस मामले में जब ब्लॉक मेडिकल ऑॅफिसर डॉ वीरेंद्र वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होने भी इसे गलत बताते हुए कहा कि यह किसी षडयंत्र के तहत जलाई होगी। सूत्रों की माने तो जब स्टोर रूम की चाबी स्टोर कीपर व खुद ब्लॉक मेडिकल ऑॅफिसर के पास होती है तो दवाइयां किसने जलाई इसकी जानकारी भी इन्ही दोनों जवाबदारों के पास होना चाहिए लेकिन अपने दायित्व से बचते हुए जवाब ना मेडिकल ऑॅफिसर डॉ. वर्मा ना स्टोर कीपर रविंद्र सिंह तोमर दे पाये। उधर कर्मचारी दीपेश राय ने पत्रकारों के सामने आरोप लगाया की एक मिनी टक भरकर एक्सपायरी डेट की दवाइयां व लगभग 150 कट्टे ब्लीचिंग पाउडर के पड़े हैं। उल्लेखनीय है कि सन 2008 में भी यहां एक्सपायरी डेट की दवाइयां जलाई गई थी। दीपेश राय ने पत्रकारों को बताया कि इन दवाईयों को चंबल नदी में फेंकने के लिए मुझे स्टोर कीपर ने कहा मेरे मना करने पर डॉ. वीरेंद्र वर्मा ने मुझे मेरे कार्य सेक्टर से हटाते हुए कारण बताओ नोटिस दिया जबकि स्टोर कीपर रविंद्र सिंह तोमर आये दिन अनुपस्थित रहते हैं। एक्सपायरी डेट की दवाइयां इधर-उधर करने जलाने की शिकायत मिलने पर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ महेश मालवीय ने गरोठ मेडिकल ऑॅफिसर डॉ. आर सी कुकड़े को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उधर ब्लॉक मेडिकल ऑॅफिसर डॉ वीरेंद्र वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया कि महीने में तीन बार जिला अस्पताल से एक्सपायर डेट की दवाइयां लेने गाड़ी आती है तो फिर इतनी दवाइयां जो जून 2018 में ही एक्सपायर हो गई दवाइयां को क्यों नहीं भेजा गया। जब स्टोर रूम की चाबी स्टोर कीपर व खुद डॉ.वर्मा के पास थी। तो दवाइयां किसने जलाई जांच का विषय है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दीपेश राय को 31 जनवरी को पत्र क्रमांक 2019-153 के तहत ःयों हटाया और उसे कार्य में लापरवाही का नोटिस इस समय ःयों दिया वैसे डॉ. वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि मुझे बदनाम करने के लिए किसी ने दवाइयां जलाई होगी।