Sunday, May 5th, 2024 Login Here
उधारी के रुपए के बदले मांगी बाइक, नही दी तो मारी गोली मोदी सरकार की नीतियों से हर वर्ग शक्तिशाली बना नप के कर्मचारी हड़ताल पर, दोनो पर पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण कांग्रेस प्रत्याशी श्री गुर्जर ने मल्हारगढ विधानसभा में किया जनसंपर्क 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गांरटी दी प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टर का अपहरण, 20 लाख फिरौती मांगी, सीबीएन जवान सहित तीन आरोपी गिरफ्तार गांधीसागर का आशियाना भाने लगा गिद्दों को, बड़ी संख्या आईपीएल क्रिकेट सट्टे में फरार आरोपी पायलट गिरफ्तार पिकअप में तरबूज के नीचे 11 बैग में भरकर रखा 159 किलो डोडाचूरा जब्त, एक गिरफ्तार भाजपा की मोदी सरकार में सडकों के आधुनिकरण ने गांवो की तस्वीर बदल दी 500 वर्षो के संघर्ष के बाद भगवान राम को विराजित किया मोदी सरकार नें लोकतंत्र का आकाशदीप से जगमगाया मंदसौर शहर कार से 120 किलो डोडाचूरा जप्त, आरोपी गिरफ्तार कार से डेढ किलों अफीम के साथ पंजाबी गिरफ्तार गोली चलने के 24 घंटे बाद भी नहीं लगा हमलावरों का पता
प्रसंगवश
^^^^^^^^^

       ( ब्रजेश जोशी )
यह सही है कि हमारे क्षेत्र में कोरोना के मरीज जिस गति से बढ़े हैं उसी गति से ठीक भी हो रहे हैं और मृत्यु दर भी फिलहाल बहुत कम है लेकिन केवल यही स्थिति हमारे लिए संपूर्ण राहत की बात नहीं हो सकती कोरोना की इस महामारी ने पूरे परिवेश और वातावरण को अपनी जद में ले लिया है और आमजनों को कोरोना की कीमतें चुकाना पड़ रही है। 
 अब आज का दिन हिंदू समाज का सबसे बड़ा सबसे बड़े पर्व रक्षाबंधन पर्व का दिन है, कोरोना के इस काल में रक्षाबंधन का पर्व कितना प्रभावित हुआ है यह कहने लिखने की जरूरत नहीं आम जनों के लिए कहर बनकर आए इस कोरोना काल में यातायात के साधनों के अभाव में देश का बड़ा वर्ग जिसमें निम्न मध्यम व गरीब होते हैं वे  राखी की परंपरा को नहीं निभा पाएंगे  कई  भाइयों की कलाई सुनी रहेगी और अनेक बहनों के हाथों में राखी और पूजा की थाली नहीं होगी। इसके पहले के भी कई पारंपरिक उत्सव सभी धर्मों के  त्यौहार कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं।
 लेकिन इस विषमता में और अधिक ग्लानि   तब उत्पन्न होती है जब कोरोना की महामारी से बचने के मापदंड में भी राजनीति क्षेत्रवाद, प्रभाव, और भ्रष्टाचार यह सब होने लगे। जब रक्षाबंधन के 1 दिन पूर्व संक्रमित क्षेत्रों में पूरा लाकडाउन शासन स्तर पर घोषित किया गया तो प्रदेश के रसूखदार शहरों के सत्तायुक्त नेताओं ने अपने प्रभाव से शाम 4:00 बजे से अचानक राखी मिठाई और नमकीन की दुकानें खुलवा दी और मंदसौर शहर में भी एकदम से यह छूट प्रशासन द्वारा जारी की गई । यदि इस जानलेवा महामारी के दौर में भी इस तरह की विकृतियां होने लगे तो देश की हालत कोरोना से बाद में लेकिन इसकी वजह से जो अराजक स्थितियां बनेगी उससे पहले चरमरा जाएगी।
   यह बात आम लोंगों को बड़ी खलती है  कि नियमों की जद में केवल आम जनों को ही लिया जा रहा है दंड जनता ही भर रही है यहां  फिर से यही कहना पड़ेगा कि *"समरथ को नहिं दोष गुसाईं"* 
नेताओं को कोई कुछ नहीं कहता चाहे वे रेलिया निकालें, सभाएं करें कार्यकर्ताओं के हुजूम में रहे प्रशासन तो प्रोटोकॉल में उनकी हर हिमाकत को सर झुका कर सहन करता है और नियमों की जद में आते हैं सभी धर्मों के पारंपरिक पर्व त्यौहार और उत्सव
  उधर बाजारों को खोलने और बंद कराने के  पीछे  जो खेल होते हैं उससे भी आम जनता अनभिज्ञ नहीं है।
बहरहाल कोरोना की कीमत आम जनता को ही चुकानी पड़ रही है रसूखदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा वह चाहे जो और चाहे जैसा करें वे सर्वोपरी हैं।
Chania