Saturday, April 27th, 2024 Login Here
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घर पर ही शिक्षा ले रहे बच्चे, शिक्षक भी घर-घर जाकर कर रहे प्रोत्साहित
मंदसौर जनसारंगी। कोरोना के संक्रमण ने बच्चों को स्कूल से दूर कर दिया ऐसे में शासन की योजना ने बच्चों के घर को ही उनका विद्यालय बना दिया जिसके कारण जिले के विद्यार्थी हमारा घर हमारा विद्यालय योजना के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इसके लिए शिक्षक भी घर-घर जाकर अभिभावकों को प्रोत्साहित कर रहे है। इसी के साथ ही विभिन्न एप्प, रेडियों, दूरदर्शन और अन्य कार्यक्रम के जरियें बच्चों तक शिक्षा पहुंचाई जा रही है।
कोरोना संकट के इस दौर में करीब चार महीने से स्कूल बंद हैं। इस वजह से स्कुल-कॉलेज के बच्चे अपनी क्लास और पढ़ाई से दूर हैं। स्कूल और किताबों से बच्चों की दूरी कम करने के लिए सरकार ने हमारा घर-हमारा विद्यालय योजना की शुरुआत की है। योजना के तहत बच्चे अब अपने घर पर बैठकर ही पढ़ाई कर रहे है। जिले में 1 से 5 वीं तक 1266 विद्यालय, 6 से 8 तक 542 विद्यालय एवं 9 से 12 तक 166 विद्यालय है। जिनमें 85 हजार लगभग विद्यार्थी है। शिक्षा विभाग द्वारा लगभग सभी जगहों पर किताबों का वितरण किया जा चुका है। बच्चों को घर पर ही स्कूल जैसा माहौल उपलब्ध कराने के लिए टाइम टेबल भी तैयार किया गया है। बच्चों को बताया गया है कि सुबह 10 से 1 बजे तक पढ़ाई करनी है। 1 बजे से 4 बजे तक आराम या दूसरा काम करना है। शाम 4 से 5 बजे तक खेल-कूद कर सकते हैं। इसके बाद रात 7 से 8 बजे नैतिक कहानियां सुननी हैं।
शिक्षक भी घर-घर जाकर अभिभावकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है। प्रभारी शिक्षक विनोद नागरिया ने बताया कि बच्चों को लगातार ऑॅनलाइन, व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है । वहीं हमारी शिक्षकगणों की पूरी टीम लगातार छात्र छात्राओं के जीवित संपर्क में रहकर कोरोना वायरस की इस महामारी के समय को ध्यान में रखते हुवे लगातार बच्चो की  पढ़ाई जारी है। अगर बच्चों को कोई टॉपिक समझ नहीं आये तो उसे बच्चे नोट कर टीचर से फोन पर पूछ सकते हैं।
यह रहता है रोज का समय चक्र
प्रात: 10  से 11 बजे (देखना) जॉयफुल लर्निंग, स्कूल रेडीनेस, डिजीलेप के वीडियो को व्हाटसअप के माध्यम से देखना  और  प्रात: 11  से 12 बजे (सुनना एवं बोलना) रेडियो कार्यक्रम सुनना एवं परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा करना। 12 से 1 बजे लिखना)  दक्षता उन्नयन की वर्कबुक पर लेखन कार्य करना। एक पृष्ठ हिन्दी, एक पृष्ठ अंग्रेजी का लिखना, मौखिक गणित (गिनती, पहाड़े आदि) एवं सायं 4 से 5 बजे तक सभी विद्यार्थियों के लिए खेलकूद, कलात्मक गतिविधियों के लिए समय निर्धारित होगा जो उन्हें दी जा रही सूची के अनुसार करना होगा। सायं 7 से 8 बजे तक अपने घर के बड़े-बूढों से कहानी, किस्से सुनना एवं उन्हें अपनी भाषा में लिखना। प्रत्येक शनिवार को मस्ती की पाठशाला में निर्देशानुसार रोचक गतिविधियों करना।े
बच्चों तक रेडियों, दूरदर्शन, ऑनलाईन व अन्य संसाधनों के जरियें पढ़ाई कराई जा रही है। वहीं जिनके पास संसाधन नहीं है उन्है पुस्तकें वितरित की जा रही है। कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित नहीं रहे ऐसी व्यवस्था की गई है - आर.एल कारपेंटर, जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर
फोटो सलग्न - 01 दौरवाड़ा शासकीय स्कूल के शिक्षिक  श्रीमतो प्रीति सक्सेना, श्रीमती पूनम जैन द्वारा अभिभावकों से चर्चा करते हुए

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