Saturday, April 27th, 2024 Login Here
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह 11.05 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की। ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ श्लोक से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

नई दिल्ली  
वैक्सीनेशन की शुरुआत में 35 मिनट के भाषण में PM मोदी ने कहा कि वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है। पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। दुनिया के 100 देशों की तो इतनी आबादी भी नहीं है। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए। कहा कि हमें बचाने के लिए कई लोगों ने प्राण संकट में डाल दिए।


सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) की 3006 साइट्स पर एकसाथ यह कार्यक्रम चला। पहले फेज में हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया। वैक्सीन के जो बॉक्स भेजे जा गए हैं, उनके ऊपर भी ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ लिखा गया है।

मोदी के भाषण की 8 मुख्य बातें

वैक्सीन बनाने वालों को बधाई
कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े जवान सभी की जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है। वैक्सीन बनाने से जुड़े वैज्ञानिक धन्यवाद के हकदार हैं। न उन्होंने त्योहार देखा, न दिन देखा है, न रात देखी। इतने कम दिनों में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह जी दिनकर ने कहा था- मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।


जिन्हें रिस्क ज्यादा, उन्हें टीका पहले
भारत का टीकाकरण अभियान बहुत मानवीकरण पर आधारित है। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उन्हें टीका पहले लगेगा। जो अस्पताल में स्टाफ है वे कोरोना की वैक्सीन के पहले हकदार हैं। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा जिन पर देश की सुरक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। सुरक्षाबल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और सफाईकर्मियों को वैक्सीन लगेगी। इनकी संख्या करीब 3 करोड़ है। इनके वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार उठाएगी।


दूसरा डोज बहुत जरूरी
पहला टीका लगने के बाद दूसरा डोज कब लगेगा, इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी। वैक्सीन के दो डोज लगाना बहुत जरूरी है। एक डोज लग गया और दूसरा भूल गए, ऐसी गलती मत करना। पहली और दूसरे डोज के बीच करीब एक महीने का अंतराल रखा जाएगा। दूसरे डोज लगने के बाद ही आपके शरीर में कोरोना के खिलाफ शक्ति विकसित हो पाएगी। वैक्सीन लगते ही असावधानी नहीं बरतें। जिस धैर्य के साथ कोरोना का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य वैक्सीनेशन के समय दिखाना है।

ऐतिहासिक टीकाकरण
इतिहास में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान अभी तक नहीं चलाया गया है। भारत पहले ही चरण में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर रहा है, जबकि दुनिया के 100 से ज्यादा देशों की जनसंख्या ही इससे कम है। हम दूसरे चरण में टीकाकरण का लक्ष्य 30 करोड़ तक ले जाएंगे। दुनिया में इतनी आबादी वाले तीन ही देश चीन, भारत और अमेरिका ही हैं। इसलिए यह ऐतिहासिक टीकाकरण है।

प्रोपेगैंडा से दूर रहें
आपको किसी प्रकार के प्रोपेगैंडा या दुष्प्रचार से बचकर रहना है। हमारे वैज्ञानिकों की दुनिया में बहुत विश्वसनीयता है। हमने यह विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। आपको बहुत गर्व होगा कि दुनिया में जितने बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगते हैं उनमें से 60% भारत में ही बनते हैं।

पहला केस आने के पहले ही चेत गए थे
30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला। लेकिन इससे दो हफ्ते पहले ही भारत हाईलेवल कमेटी बना चुका था। 17 जनवरी 2020 को हमने पहली एडवाइजरी जारी कर दी थी। भारत उन पहले देशों में था, जिसने अपने एयरपोर्ट पर अपने यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत में जिस सामूहिक शक्ति का प्रमाण बताया है, उसे आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी।

लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता दी
हमने ताली-थाली और दिया जलाकर देश के आत्मविश्वास को बनाए रखा। कोरोना को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका यही था कि जो जहां था वहीं रहे। लेकिन देश की इतनी बड़ी आबादी को बंद रखना आसान नहीं था। इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, यह भी हमारी चिंता थी, लेकिन हमने व्यक्ति की जिंदगी को प्राथमिकता दी।

भारत ने सावधानी बरती, मददगार भी बने
‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी’ का पालन करने वालों में भी भारत अग्रणी रहा। यही वजह है कि भारत में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर बेहद कम है। भारत उन गिने चुने देशों में है, जिसने मुश्किल के बाद भी 150 से अधिक देशों में जरूरी दवाएं और जरूरी मेडिकल सहायता (पैरासिटामॉल, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन) पहुंचाई। हम अपने ही नहीं, कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी चीन से निकालकर लाए। वंदेभारत मिशन के तहत 35 लाख भारतीयों को दूसरे देश से भारत लाया गया।


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