Saturday, April 27th, 2024 Login Here
जनता ने विरोध जताया तो प्रशासन ने बांटे अतिरिक्त टोकन, कर्मचारी को दिया नोटिस
मंदसौर जनसारंगी।
पहले 18 प्लस का वैक्सीनेशन शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में केवल आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही हो रहा था लेकिन इसमें लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के पास एड्राइड फोन नहीं है तो कई लोगों को इसकी प्रकिृया समझ हीं नहीं आ रहीं है इसी के चलते अब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन आॅफ लाईन पद्धत्ती से शुरू कर दिया इसके पहले ही दिन शामगढ़ में टोकन बांटने की जिम्मेदारी निभाने वाले कर्मचारी ने अपनो को उपकृत कर दिया ओर कतार में टोकन का इंतजार करने वालों को टोकन हीं नहीं दिया जिसका लोगों ने विरोध किया तो प्रशासन ने अतिरिक्त टोकन दिए ओर बाद में कर्मचारी को शोकाज नोटिस भी जारी किया।
जानकारी के अनुसार शनिवार को मंदसौर जिले के शामगढ़ में पोरवाल मांगलिक भवन में पहले आओं पहले पाओं की तर्ज पर वैक्सीनेशन के लिए 8 बजे से टोकन दिए जाने थे इसके लिए सुबह 7 बजे से लोग कतारबद्ध हो गए थे बावजूद उन्हें टोकन नहीं मिल पाया क्योंकि आठ बजे तक कोई भी कर्मचारी या जिम्मेदार टोकन बांटने नहीं पहुंचा। बाद में पता लगा कि टोकन तो बंट गए ऐसे में लोगों को माजरा समझ आ गया ।उन्होंने कहा कि जब वे 7बजे से टोकन के इंतजार में खड़े है तो फिर इससे पहले टोकन कैसे बांटे जा सकते है। आक्रोशित लोगों ने तत्काल कलेक्टर मनोज पुष्प को अवगत कराया इसके थोडी ही देर बाद तहसीलदार आरएल मुनिया मौके पर पहुंची, पुलिस भी यहां आई पता लगा कि टोकन बांटने की व्यवस्था संभालने वाले नरेंद्र सेहरिया ने अपने अपनों को उपकृत कर टोकन बांट दिए थे। हालांकि बाद में लोगों के आक्रोश को देखते हुए कतार में लगे सौ लोगों को टोकन वितरित किए गये। इस तरह एक दिन में सौ वैक्सीन की जगह दो सौ वैक्सीन लगवाई गई। तथा टोकन बांटने की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारी को शोकाज नोटिस भी दिया गया।
खुद रख लिए, अपने वालों को बांट दिए
दरअसल टोकन पहले ही बांट दिए गए। इसमें कुछ टोकन जवाबदारों ने अपने पास रख लिए और कुछ अपने वालों को बांट दिए। इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया। इस मामले को लेकर अधिकारी भी नाराज नजर आए। यही कारण है कि पर्यवेक्षक नरेंद्र सेहरिया को नोटिस दिया गया है। जिसमें साफ कहा गया है कि गंभीर लापरवाही यहां बरती गई है। नोटिस का संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की बात नोटिस में कहीं गई है।