Friday, April 26th, 2024 Login Here
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सुवासरा जनसारंगी।
मंदसौर जिले में दो दिन में चार लोगों ने मौत को गले लगा लिया। अकेले सुवासरा थाना क्षेत्र में गुरूवार को तीन लोगों ने मौत का रास्ता चुन लिया। हालत यह है कि कोरोना संक्रमण के दौरान कई लोग अवसाद का शिकार होते जा रहे है बिते दो माह में ही करीब दो दर्जन लोग आत्महत्या कर चूके है। हर दिन कोई ना कोई आत्महत्या का मामला सामने आ रहा है।
गुरुवार को महज बारह घंटे में सुवासरा थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुवासरा पुलिस ने बताया कि गुराडिया विजय में पद्रह वर्षीय कमला पिता गिरवरनाथ का शव आज अर्जुनसिंह के कुएं पर मिला। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को बाहर निकालकर पीएम के लिए भेजा गया। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का नजर आ रहा है, लेकिन जांच के बाद ही कुछ अधिकारिक तौर पर कहा जा सकता है। इसके अलावा एक और मामला किशोरपुरा का है। जहां 25 वर्षीय गोपाल पिता लक्ष्मणसिंह निवासी किशोरपुरा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसी तरह से एक और मामला सुवासरा थाना क्षेत्र में ही सामने आया है। जिसमें पैतीस वर्षीय गगाबाई पति चंदालाल मेघवाल निवासी गुराडिया प्रताप ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस सभी मामलों में जांच कर रही है। इस तरह से लॉक डाउन से अब तक लगभग हर दो दिन में एक ने मौत को गले लगाया है। प्रारंभिक जांच में किसी भी मामले में अब तक किसी से प्रताडित होकर आत्महत्या किए जाने का प्रमाण नहीं मिला है।
सर्वे में अवसाद आया था प्रमुख कारण
पिछले साल बीआर नाहटा फार्मेसी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अमितकुमार जैन, डॉ. नवीनकुमार चैधरी, डॉ. रूपेश सोनी व प्रवीण भार्गव ने लॉकडाउन को लेकर सर्वे किया था। 40 प्रतिशत लोग डिप्रेशन में थे। इसके अलावा 43 प्रतिशत लोगों ने किराने की परेशानी, 31 प्रतिशत लोगों को रुपयों से संबंधित परेशानी सामने आई। चैधरी ने बताया सर्वे लॉकडाउन का जनजीवन पर प्रभाव को लेकर किया गया था ताकि भविष्य में बीमारी की दवा मिलने के बाद आने वाली पीढ़ी को गंभीरता बताई जा सके।  
तनाव हो तो यह करें
विशेषज्ञों के अनुसार तनाव होने पर अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें, मेडिटेशन करें और खुश रहें। डिप्रेशन दूर करने के लिए शासन ने भी काउंसिलिंग की व्यवस्था की है।  यदि हमें कोई डिप्रेशन में नजर आता है तो उसकी काउंसिलिंग करना चाहिए। वैसे कोरोना से बचाव के लिए दिया गया शब्द सोशल डिस्टेंसिंग भी गलत है यह फिजिकल डिस्टेंसिंग होना चाहिए।

Chania