Saturday, April 27th, 2024 Login Here
आशा,उषा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
मन्दसौर जनसारंगी।
आशा, उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज मंदसौर के गांधी चौराहा पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में वे पूरे परिश्रम के साथ काम कर रही है घर घर जाकर लोगों की जांच कर रही है लेकिन उन्हें किसी तरह का मानदेय नहीं दिया जा रहा है और तो और उन्हें बदनाम भी किया जा रहा है कि पैसे के लिए जबरन पॉजिटिव केस बता रहे हैं ऐसी बदनामी झेल कर भी कार्यकर्ता ईमानदारी से काम कर रही है फिर भी कोई भी जिम्मेदार चिंता नहीं कर रहा है
आशा उषा कार्यकर्ताओं की विशेष रूप से मांग है कि उन्हें मात्र 2 हजार रु मासिक वेतन दिया जा रहा है और कार्य पूरे दिन भर लिया जाता है आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की तर्ज पर उन्हें भी 10 हजार रु मासिक वेतन दिया जावे और उनका नौकरी में नियमितीकरण किया जावे। साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते आशा उषा कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रही है लेकिन सरकार द्वारा उनकी सेवाओं की अनदेखी की जा रही है उन्हें इस सेवा के बदले प्रथक से कोई राशि नहीं दी जा रही है, जबकि उनकी चार साथियों की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु भी हो गई है उन्हें बीमा योजना का लाभ नहीं मिला और नहीं उनके किसी परिवार को कोई लाभ मिल पाया हैं। कार्यकर्ताओ की जिला चिकित्सालय से नियमित डयूटी लगाई जाती है पूरे परिश्रम से सेवा कार्य में जुटी हुई है उनका कहना है कि सेवा के बदले उन्हें पारिश्रमिक मिलना चाहिए। इसके अलावा उन्होने कहा कि कोरोना कॉल में 9 घंटे की डयूटी लगी है लेकिन उसका कोई पैसा नहीं दिया जा रहा है ओर तो ओर लोग यह तक कह रहे है कि इन्हें केस बनाने के पैसे मिल रहे है इसलिये पॉजीटिव केस बता रहे है। इसलिये प्रशासन तत्काल यह साफ करें कि कार्यकर्ताओं को कोई पैसा नहीं मिल रहा है यह साफ करें।
ऐसी अनेक मांगों को लेकर आशा उषा कार्यकर्ताओं ने आज गुरुवार को गांधी चौराहा पर एकत्रित होकर अपनी मांगे प्रशासन तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
इनका कहना
10 हजार रु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को और दलिया बांटने के सहायिका को 5 हजार मिलते हैं लेकिन उषा आशा कार्यकर्ता से केवल 2 हजार में काम लिया जा रहा है। जबकि अभी कोरोना संक्रमण में भी लगातार काम लिया जा रहा है बावजूद उन्हें किसी तरह का पैसा नहीं दिया जा रहा है। इन्हीं मांगों को लेकर कलेःटर को ज्ञापन दिया है।
माधुरी सोलंकी, कार्यकर्ता