Saturday, April 27th, 2024 Login Here
मंडी प्रशासन समेत तमाम जिम्मेदार भी गंभीर नहीं
मंदसौर जनसारंगी।
प्रदेश की सबसे बड़ी मंदसौर की कृषि उपज मंडी मेंअनलॉक होने के पहले दिन से लेकर आज तक कोरोना से बचने के लिये अपनाएं जाने वाले तमाम प्रयासों के दावे खोखले दिख रहे है। मंडी के एक व्यापारी को कोरोना होने के बाद पांच दिनों तक मंडी बंद रखने के बाद भी कोई सबक नहींलिया और लगातार भारी भीड़ मंडी परिसर में उमड़ रहीं है। बुधवार को तो मंडी में भीड़ के अब तक के सारे रिकार्ड टूट से गए है जिसमें ना तो कोई सौश्यल डिस्टेसिंग है और ना ही मुँह पर मास्क लगा है। बावजूद इसके कोई भी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिये तैयार नहीं है।
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये किये गये ढाई महिने के लॉक डाउन के बाद जैसे ही अनलॉक हुआ मंदसौर की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी को भी खोलने की योजना बनाई गई लेकिन इसके पहले ही दिन से मंडी में कोरोना परोसने की तैयारी की गई। पहले एक साथ ढाई दर्जन गांवों के लोगों को बुलाया गया बाद में भीड़ नियंत्रण करने के लिये टाली में से ही नीलामी की योजना बनाई गई लेकिन मंडी में एक भी सावधानी का पालन कराने में मंडी प्रशासन कामयाब नहीं हो पाया। पिछले 15 दिनों से तो हालत यह है कि मंडी में लगातार भरपूर आवक हो रहीं है और जमकर सौश्यल डिस्टेसिंग और मास्क की सावधानी का मखौल उडाया जा रहा है।बावजूद इसके कोई भी जिम्मेदार जागरूक होने के लिये तैयार नहीं है।
कोरोना कॉल में जितने भी नियम कायदे बनाऐ गये सभी आम आदमी के लिये ही बने है लेकिन ना तो राजनीतिक आयोजनों पर किसी तरह की पाबंदी लगाई गई है और ना ही सरकार के अधीन चलने वाले कई संस्थाओं में नियमों का पालन कराने की गंभीरता है जबकी बाजार में यदि किसी दूकान पर भीड़ दिख जाये या फिर कोई मास्क लगाकर नहीं निकले तो चालानी कार्यवाहीं की जा रहीं है । लेकिन सयां भये कोतवाल तो डर काहे का.. वाली कहावत चरितार्थ हो रहीं है। पहले राजनीतिक आयोजनों को मौन स्वीकृति दी गई जिसके कारण आये दिन राजनीतिक आयोजनों में बिना किसी सावधानी का पालन किये भारी भीड़ उमड़ रहीं है और अब शासन के अधीन संचालित होने वाली कृषि उपज मंडी में कोई सावधानी बरतने के लिये तैयार नहीं है। हालत यह है कि इन लापरवाहियों पर मिडिया लगातार संज्ञान दिला रहा है बावजूद इसके जिम्मेदार जागने को तैयार नहीं है जबकी मंदसौर में पॉजीटिव एक्टिव मरीजों की संख्या 200 पार है और पॉजीटिव मरीजों की संख्या भी 800 हो चूकी है लेकिन फिर भी सावधानी नहीं बरती जा रहीं है।
बुधवार को कृषि उपज मंडी में जो भीड़ के हालात थे उसमें ऐसा कहीं लग ही नहीं रहा था कि कोरोना जैसा कुछ है भी सही..। सब कुछ सामान्य दिनों की तरह ही चल रहा था कहीं भी सौश्यल डिस्टेसिंग नहीं थी और ना ही मुंह पर मास्क लगाया था ओर ना ही सेनेटाईजर और हाथ धोने की कोई व्यवस्था थी। इसके साथ ही मंडी के व्यापारी और किसान तक भी खुद जागरूकता दिखाने के लिये तैयार नहींथे। जबकी मंडी में व्यापारी कोरोना पॉजीटिव आ चूका है लेकिन फिर भी कोई भी सबक लेकर सावधानी रखने के लिये तैयार नहीं है।
किसानों ने किया हंगामा, बोरियों में भरा माल पहले नीलामी की मांग
कृषि उपज मंडी मे भारी भीड़ के बीच किसानों ने भी भारी हंगामा किया। कृषि उपज मंडी में टाली में भरकर लाया गया माल प्राथमिकता से नीलाम किया जा रहा है, बोरियों में भरे मॉल की नीलामी शाम को 5 से 6 बजे तक हो रहीं है ऐसे में किसानों ने मांग करते हुए कहा कि डोम में पड़ी बोरियों की नीलामी पहले की जाये इसी बात को लेकर जमकर हंगामा किया बाद में मंडी प्रशासन ने नीलामी शुरू कराई।
बताया जाता है कि मंगलवार को पूरे दिन बोरियों में भरकर लाई गई खुली उपज को नीलाम किया गया था जबकी अभी कोरोना के कारण मंडी में टेक्टर टालियों में माल भरकर लाऐ जाने की अपील की जा रहीं है लेकिन फिर भी कई किसान बोरियों में ही भरकर माल ला रहे है जिनकी नीलामी मंडी में बने डोम में की जा रहीं है। मंगलवार को पूरे दिन नीलामी के बाद भी डोम में माल पड़ा था ऐसे में किसानों ने हंगामा कर दिया और कहा कि टालियों से पहले डोम में पड़ी बोरियों की नीलामी की जाये। मंडी प्रशासन ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की लेकिन किसान नहीं माने बाद में प्रशासन ने डोम में बोली शुरू कराई इसके बाद किसान शांत हुए।