Saturday, April 27th, 2024 Login Here
ना डिवाईडर बन पाए और ना ही पेवर्स लग पाए
मन्दसौर जनसारंगी।
महानगरों की तर्ज पर मंदसौर में सड़कों को उत्कृष्ट का नाम देकर करोड़ों रूपए बहा दिए गए लेकिन फिर भी सिर्फ कागजों तक ही उत्कृष्ट सड़के सीमट कर रह गई। इन सड़कों पर ना तो नियमों के मुताबिक डिवाईडर बनाए गए ना पेवर्स लगे और ना ही लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतजाम हो पाया। बावजूद इसके अभी जिम्मेदारों ने संज्ञान नहीं लिया है।
मप्र शासन ने उत्कृष्ट सडक़ों का उदाहरण पेश करने के लिए करीब 4 साल पहले उत्कृष्ट सडक़ के नाम से योजना शुरू की थी। इसमें शहर के कुछ मार्गों का चयन कर वहां आदर्श व उत्कृष्ट सडक़ों का निर्माण किया जाना था। इस योजना के तहत बनने वाली सडकों को चौड़ी रोड बनाने के साथ ही दोनों तरफ पैदल चलने के लिए फुटपॉथ और कुछ दूरी पर पौधे लगाकर वहां बैठक व्यवस्था करने का प्रावधान था। नपा ने शहर में अब तक 4 जगह उत्कृष्ट सडक़ का निर्माण कराया। इसमें 3 साल पहले ही यशनगर से नवीन कलेक्टोरेट तक 4 करोड़ का उत्कृष्ट सडक़ का प्रस्ताव तैयार कर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी किया। नपा के तत्कालीन इंजीनियरों ने जो योजना बनाई उसमें मध्य में दो से ढाई मीटर चौड़ा डिवाइडर बनाया जाना था। इसके दोनों तरफ चौड़ी सडक़ एवं सडक़ के दोनों तरफ 7-7 फीट के पेवर ब्लॉक लगाए जाने थे। निर्माण शुरू हुआ तो रोड के दोनों तरफ निजी जमीन आ गई। इसके चलते नपा रोड के दोनों तरफ पेवर ब्लॉक तक नहीं लगा पाई। सडक़ के बीच मे डिवाइडर बनाया तो वह भी कई जगह अधूरे ही हैं। डिवाइडर बनाने के बाद से अब तक इनमें मिट्टी डालकर पौधरोपण तक नहीं किया गया। 4 करोड़ की उत्कृष्ट सडक़ के नाम पर केवल डामरीकरण करा दिया गया। बता दे कि पेवर्स नही लगने से वहां लगने वाली कुर्सियां भी नही लग पाई।