Friday, April 26th, 2024 Login Here
उत्तर भारतीय परिवारों ने मंदसौर में भी उत्साह से मनाया छट पूजन महोत्सव
मन्दसौर जनसारंगी।
आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरूआत गुरूवर को नहाय-खाय के साथ हो चूकी है। व्रती महिलाओं ने पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ भगवान को भोग भी लगाया।इसके साथ ही 36 घटों के इस महापर्व पर शुक्रवार की शाम को मंदसौर में निवास करने वाले उत्तरभारतीय परिवानों ने शिवना मैय्या के तट पर खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया और उत्साह के साथ महोत्सव मनाया।
मान्यता के अनुसार छट पूजा मेंडूबते सूरज को अर्ध्य दिया जाता है इसी के चलते मंदसौर में भी व्रत रखने वाली महिलाओं ने शिवना नदी के किनारे पर खड़े होकर डूबते सूर्य देव को अर्ध्य दिया। आज 21 नवम्बर शनिवार को उगते भास्कर देव को अर्ध्य देने के साथ ही पूजन विधी सम्पन्न होगी। उल्लेखनिय है कि महापर्व के दूसरे दिन व्रती महिलाए दिन भर बिना पानी ग्रहण किए उपवास रखती है इसके बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करती है। दूध और गुड से बनी खीर का भोग लगाने के बाद वे वहीं खाती हैं और चांद के नजर आने तक ही पानी पीती है। इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन व्रती महिलाए डूबते हुए सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर पहला अर्ध्य देती है। व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को फल और कंदमूल से अर्ध्य देती है। महापर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर से नदियों और तालाबों में जाकर व्रती महिलाए सूर्य को अर्ध्य देती हैं भगवान भास्कर को दूसरा अर्ध्य अर्पित करने के बाद ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होता है।
शुक्रवार की शाम को शिवना घाट पर उत्तर भारतीय परिवारों का मेला लगा हुआ था क्योंकि मंदसौर में भी कई परिवार निवास करते है वे सभी एक साथ शिवना नदी के तट पर एकत्र हुए और पूजा अर्चना की। जिसके चलते पूरे उत्सव का माहौल शिवना नदी के तट पर बना हुआ था।