Saturday, April 27th, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
अनलाॅक की नई गाईड लाईन में धार्मिक स्थलों को भी खोले जाने का निर्णय होने से गुरूवार को दशपुर के राजाधिराज भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के पट भी आम श्रृद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। पहले दिन ही बड़ी संख्या में पहुंचे श्रृद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करते ही हर्षित हो गऐ। कोरोना नियमों का पालन करते हुए भक्तों ने भगवान के दर्शन किए। हालांकि इस दौरान गर्भग्रह में प्रवेश नहीं दिया गया। माला, प्रसाद भी गर्भग्रह के बाहर से ही भगवान को अर्पित किए गये।
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के दौरान 17 अप्रैल को भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। अब करीब 20 दिनों से कोरोना के कम होते प्रभाव के साथ ही व्यवसायिक गतिविधियां भी धीरे-धीरे प्रारंभ हो रही है। इसी बीच अब धार्मिक स्थल भी खुलना प्रारंभ हो गए है। पूरे दो माह बाद आज गुरूवार से पशुपतिनाथ मंदिर में भक्तों को प्रवेश मिलना प्रारम्भ हो गया इससे पहले पूजारी ही नियमित पूजा, आरती कर रहे थे। हालांकि अभी कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए अभी गर्भगृह में प्रवेश प्रारम्भ नहीं किया गया है, भक्त बाहर से ही दर्शन करेंगे। वहीं मंदिर में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई, बिना मास्क के किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया इसके साथ ही मंदिर में सेनेटाईजेशन के भी व्यापक प्रबंध किए गये।
भोजनशाला भी अभी नहीं की गई प्रारम्भ
भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन प्रारम्भ कर दिए गये लेकिन मंदिर परिसर में स्थित भोजनशाला अभी नहीं खुलेगी। कोरोना महामारी में धीरे-धीरे शुरू हो रही गतिविधियों में अभी मंदिर में भक्तों का प्रवेश खोला गया है। भोजनशाला अभी आगामी आदेश तक ओर बंद रहेगी। इसके बाद कोरोना संक्रमण के प्रभाव की स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति निर्णय लेगी।
फोटो प्रमोदजी
शिवना में जलकुंभी, साल में एक बार होने वाला कुलदेवी का पूजन भी किनारे से ही किया
मंदसौर जनसारंगी।
मुक्तिधाम के निकट शिवना नदी में एक बार फिर से जलकुंभी फैल गई है। जिससे पानी तक दिखाई नहीं दे रहा है ऐसे में इस बार साल में एक बार दशोरा नागर समाज एवं पालीवाल समाज की शिवना नदी में स्थित कुलदेवी सति माताजी का पूजन भी श्रृद्धालु नहीं कर पाऐ। ऐसे में श्रृद्धालुओं ने नदी के किनारे से पूजन-अर्चन किया।
प्रतिवर्ष जेठ माह की सप्तमी के दिन शिवना नदी में स्थित सति माताजी का पूजन दशोरा नागर एवं पालीवाल समाज धूमधाम से करता है लेकिन कोरोना के कारण पिछले वर्ष भी उत्साह से पूजन नहीं हो पाया और इस बार शिवना नदी में जलकुंभी इतनी है कि नदी के बीच स्थित प्रतिमाओं तक पहुंचना ही मुश्किल है। ऐसे में नदी किनारे से पूजन अर्चन किया गया। हालांकि इस बार भी कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के चलते धूमधाम से पूजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था केवल सांकेतिक रूप से पूजन किया गया।