Saturday, April 27th, 2024 Login Here
शासन को दी जाने वाली जानकारी ठगोरों तक पहुंच गई
मंदसौर। गर्भवती महिलाओं की जानकारी संबंधित आंगनवाड़ी द्वारा ली जाती है। इसके बाद इसे महिला बाल विकास विभाग तक पहुंचाई जाती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की जानकारी लीक हो रही है। यह जानकारी सायबर ठगों के हाथ लग चुकी है। जानकारी साफ्टवेयर से लीक हो रही है या अन्य जगहों से, यह जांच का विषय है। इधर जानकारी सायबर ठगों के हाथ लगने के बाद मोबाईल से गर्भवती से बात कर खुद को महिला बाल विकास विभाग का कर्मचारी या तहसील मुख्यालय पर अस्पताल का कर्मचारी बनकर ठगी की जा रही है। बोतलगंज क्षेत्र में ही एक दर्जन महिलाए ठगी का शिकार होने की सूचना मिल रही है। इसके अलावा जिलेभर में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
जिले में सायबर ठगों के सैकड़ों लोग शिकार हो रहे हैं। हालंाकि इसमें पुलिस कार्रवाई के साथ खुद भी जागरुक होने की जरुरत है। अब सायबर ठगों के निशाने पर है गर्भवती महिलाएं। गर्भवती महिलाओं को कॉल कर उनसे फोन पे या अन्य तरह से ओटीपी लेकर खाते खाली किए जा रहे हैं। बोतलगंज में ही एक दर्जन मामले सामने आने की जानकारी मिल रही है। महिलाओं को टिकाकरण की राशि या कैल्शीयम या आयरन के लिए दी जाने वाली राशि के नाम पर ठगी की जा रही है। गर्भवती महिलाओं को फोन पे या अन्य तरह से मैसेज के माध्यम से रुपया दिए जाने के संबंध में बातचीत की जा रही है। रुपयों के खाते में आने के लिए कंन्फर्ममेशन मांगा जा रहा है। सायबर ठग यह सब कर रहे हैं खुद महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी या तहसील मुख्यालय के कर्मचारी बनकर।
इतनी सब जानकारी कैसे पहुंची ठगों के पास?
सायबर ठगों को यहां तक जानकारी है कि गर्भवती का कौन सा महिना चल रहा है? महिला के पति के नाम और जन्म दिनांक की जानकारी सरकारी कर्मचारी बनकर गर्भवती से मोबाईल पर बात करने वाले सायबर ठग के पास है। यहीं नहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा उषा कार्यकर्ता का नाम तक सायबर ठगों के पास है। अब प्रश्न यह उठता है कि यह सब जानकारी आखिरकार उनके पास कैसे पहुंची। कहीं न कहीं साफ्टवेयर में इंट्री के बाद यह जानकारी उनके पास पहुंची होगी। संबंधित क्षेत्र की आंगनवाड़ी या विभाग या तहसील मुख्यालय पर मौजूद विभाग के कर्मचारी द्वारा भी यह जानकारी दी जा सकती है। लेकिन इस तरह की वारदात सिर्फ एक क्षेत्र में नहंी हो रही। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस साफ्टवेयर में यह सब इंट्री की जा रही है, वह ठगों के पास पहुंच चुका है।
पांच हजार के बचे दो सौ रुपए
बोतलगंज में रहने वाली एक गर्भवती महिला के पास मोबाईल पर कॉल आया। जिसमें सायबर ठग ने अपने आपको महिला बाल विकास विभाग का अधिकारी बताया। उसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का नाम, महिला के पति का नाम, महिला का आधार कार्ड नंबर, महिला की जन्म तारीख, महिला की प्रेगनेंसी के बारे में जानकारी, सभी बता दी। जिससे महिला को विश्वास हो गया कि सरकारी कर्मचारी का कॉल है। इसके बाद उसने कैल्शीयम और आयरन के लिए साढ़े छह हजार रुपए डालने की बात कहीं। कन्फर्ममेशन के लिए फोन पे डाउनलोड कराया। ठग के अनुसार महिला ने फोन पे पर ऑप्शन को दबाया। इसके बाद महिला के खाते में पांच हजार बैलेंस की जगह दो सौ रुपए ही रह गया।
मंदसौर। गर्भवती महिलाओं की जानकारी संबंधित आंगनवाड़ी द्वारा ली जाती है। इसके बाद इसे महिला बाल विकास विभाग तक पहुंचाई जाती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की जानकारी लीक हो रही है। यह जानकारी सायबर ठगों के हाथ लग चुकी है। जानकारी साफ्टवेयर से लीक हो रही है या अन्य जगहों से, यह जांच का विषय है। इधर जानकारी सायबर ठगों के हाथ लगने के बाद मोबाईल से गर्भवती से बात कर खुद को महिला बाल विकास विभाग का कर्मचारी या तहसील मुख्यालय पर अस्पताल का कर्मचारी बनकर ठगी की जा रही है। बोतलगंज क्षेत्र में ही एक दर्जन महिलाए ठगी का शिकार होने की सूचना मिल रही है। इसके अलावा जिलेभर में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
जिले में सायबर ठगों के सैकड़ों लोग शिकार हो रहे हैं। हालंाकि इसमें पुलिस कार्रवाई के साथ खुद भी जागरुक होने की जरुरत है। अब सायबर ठगों के निशाने पर है गर्भवती महिलाएं। गर्भवती महिलाओं को कॉल कर उनसे फोन पे या अन्य तरह से ओटीपी लेकर खाते खाली किए जा रहे हैं। बोतलगंज में ही एक दर्जन मामले सामने आने की जानकारी मिल रही है। महिलाओं को टिकाकरण की राशि या कैल्शीयम या आयरन के लिए दी जाने वाली राशि के नाम पर ठगी की जा रही है। गर्भवती महिलाओं को फोन पे या अन्य तरह से मैसेज के माध्यम से रुपया दिए जाने के संबंध में बातचीत की जा रही है। रुपयों के खाते में आने के लिए कंन्फर्ममेशन मांगा जा रहा है। सायबर ठग यह सब कर रहे हैं खुद महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी या तहसील मुख्यालय के कर्मचारी बनकर।
इतनी सब जानकारी कैसे पहुंची ठगों के पास?
सायबर ठगों को यहां तक जानकारी है कि गर्भवती का कौन सा महिना चल रहा है? महिला के पति के नाम और जन्म दिनांक की जानकारी सरकारी कर्मचारी बनकर गर्भवती से मोबाईल पर बात करने वाले सायबर ठग के पास है। यहीं नहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा उषा कार्यकर्ता का नाम तक सायबर ठगों के पास है। अब प्रश्न यह उठता है कि यह सब जानकारी आखिरकार उनके पास कैसे पहुंची। कहीं न कहीं साफ्टवेयर में इंट्री के बाद यह जानकारी उनके पास पहुंची होगी। संबंधित क्षेत्र की आंगनवाड़ी या विभाग या तहसील मुख्यालय पर मौजूद विभाग के कर्मचारी द्वारा भी यह जानकारी दी जा सकती है। लेकिन इस तरह की वारदात सिर्फ एक क्षेत्र में नहंी हो रही। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस साफ्टवेयर में यह सब इंट्री की जा रही है, वह ठगों के पास पहुंच चुका है।
पांच हजार के बचे दो सौ रुपए
बोतलगंज में रहने वाली एक गर्भवती महिला के पास मोबाईल पर कॉल आया। जिसमें सायबर ठग ने अपने आपको महिला बाल विकास विभाग का अधिकारी बताया। उसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का नाम, महिला के पति का नाम, महिला का आधार कार्ड नंबर, महिला की जन्म तारीख, महिला की प्रेगनेंसी के बारे में जानकारी, सभी बता दी। जिससे महिला को विश्वास हो गया कि सरकारी कर्मचारी का कॉल है। इसके बाद उसने कैल्शीयम और आयरन के लिए साढ़े छह हजार रुपए डालने की बात कहीं। कन्फर्ममेशन के लिए फोन पे डाउनलोड कराया। ठग के अनुसार महिला ने फोन पे पर ऑप्शन को दबाया। इसके बाद महिला के खाते में पांच हजार बैलेंस की जगह दो सौ रुपए ही रह गया।