Saturday, April 27th, 2024 Login Here
मंदसौर। चुनाव में आम नागरिकों के अधिकारराजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी के समर्थन में अक्सर किसी के भी घर की दीवार पर स्लोगन लिख देते हैं। पोस्टर चिपका देते हैं। चुनावी माहौल में ये आम बात होती है। जबकि, ऐसा करने के लिए उन्हें घर के मालिक से परमिशन लेना जरूरी है। यदि वे बगैर परमिशन ऐसा करते हैं तो घर के मालिक की शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।दरअसल, चुनाव आचार संहिता के दौरान आम लोगों के लिए भी कुछ नियम हैं और उनके कुछ अधिकार भी हैं।
नियम 1: 50 हजार रुपए से ज्यादा का कैश ले जा सकते हैं, बशर्ते प्रूफ हो
चुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए आयोग इस नियम को लागू करता है। दरअसल, चुनाव के दौरान प्रत्याशी धन बल का इस्तेमाल करते हैं। गहने, साडिय़ां और कई तरह की वस्तुएं बांटते हैं।मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना प्रतिबंधित है। इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए हर जिले में चेकिंग अभियान चलाया जाता है। वे कहते हैं कि आम लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आम लोग 50 हजार रुपए ज्यादा कैश और गहनों के साथ यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते वे इसका सोर्स बता सकें।
किसी नेता के प्रचार से बचें, सोशल मीडिया पर संभलकर पोस्ट करें
ये नियम आम लोगों के लिए है। सीईओ अनुपम राजन के मुताबिक यदि कोई आम व्यक्ति किसी नेता के प्रचार अभियान से जुड़ा है तो उस पर वो सभी नियम लागू होते हैं जो राजनीतिक दल और प्रत्याशियों के लिए हैं। खास तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय आम लोगों को सावधानी बरतना चाहिए।कई बार अनजाने में आम लोग भी ऐसे मैसेज या पोस्ट फॉरवर्ड करते हैं जो आचार संहिता उल्लंघन की कैटेगरी में आ जाता है। कई बार आपत्तिजनक पोस्ट, अश्लील सामग्री, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी पोस्ट को शेयर या लाइक किया जाता है तो उस यूजर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
बगैर इजाजत स्लोगन पोस्टर नहीं लगा सकते
यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी आम आदमी के घर की दीवार पर बगैर अनुमति स्लोगन लिखता है या पोस्टर चिपकाता है तो उनके खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।बिजली के खंभे, पुल-पुलिया, फ्लाई ओवर, अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज पर निगरानी रखता है। आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग भी इसी अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जाती है।
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नियम 1: 50 हजार रुपए से ज्यादा का कैश ले जा सकते हैं, बशर्ते प्रूफ हो
चुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए आयोग इस नियम को लागू करता है। दरअसल, चुनाव के दौरान प्रत्याशी धन बल का इस्तेमाल करते हैं। गहने, साडिय़ां और कई तरह की वस्तुएं बांटते हैं।मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना प्रतिबंधित है। इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए हर जिले में चेकिंग अभियान चलाया जाता है। वे कहते हैं कि आम लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आम लोग 50 हजार रुपए ज्यादा कैश और गहनों के साथ यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते वे इसका सोर्स बता सकें।
किसी नेता के प्रचार से बचें, सोशल मीडिया पर संभलकर पोस्ट करें
ये नियम आम लोगों के लिए है। सीईओ अनुपम राजन के मुताबिक यदि कोई आम व्यक्ति किसी नेता के प्रचार अभियान से जुड़ा है तो उस पर वो सभी नियम लागू होते हैं जो राजनीतिक दल और प्रत्याशियों के लिए हैं। खास तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय आम लोगों को सावधानी बरतना चाहिए।कई बार अनजाने में आम लोग भी ऐसे मैसेज या पोस्ट फॉरवर्ड करते हैं जो आचार संहिता उल्लंघन की कैटेगरी में आ जाता है। कई बार आपत्तिजनक पोस्ट, अश्लील सामग्री, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी पोस्ट को शेयर या लाइक किया जाता है तो उस यूजर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
बगैर इजाजत स्लोगन पोस्टर नहीं लगा सकते
यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी आम आदमी के घर की दीवार पर बगैर अनुमति स्लोगन लिखता है या पोस्टर चिपकाता है तो उनके खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।बिजली के खंभे, पुल-पुलिया, फ्लाई ओवर, अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज पर निगरानी रखता है। आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग भी इसी अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जाती है।
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